Loan Against Gold : गोल्ड लोन लेने से पहले क्या जानना है जरूरी ? गोल्ड लोन vs पर्सनल लोन कौन सा है बेहतर

गोल्ड लोन पर्सनल लोन की तुलना में आसानी से उपलब्ध होता है और इसमें कम ब्याज दर का लाभ मिलता है. अगर आप भी गोल्ड लोन (Loan Against Gold) लेने की योजना बना रहे हैं, तो सोने की कीमतों पर नजर रखना जरूरी है. ग्लोबल लेवल पर सोने की मांग बढ़ने से इसकी कीमतें $3,000 प्रति औंस के पार पहुंच गई हैं, जो अब तक का रिकॉर्ड स्तर है. भारतीय बाजार में भी सोना नई ऊंचाइयों पर है, जिससे कर्ज लेने वालों को अधिक राशि मिलने की संभावना बढ़ गई है.
सोने की कीमतें क्यों बढ़ती हैं?
1. महंगाई और मंदी का प्रभाव
महंगाई बढ़ने या आर्थिक मंदी के दौरान सोने को सुरक्षित निवेश माना जाता है. निवेशकों की मांग बढ़ने से इसकी कीमतों में उछाल आता है.
2. डॉलर और सोने का संबंध
सोने की कीमतें अमेरिकी डॉलर में निर्धारित होती हैं. डॉलर कमजोर होने पर अंतरराष्ट्रीय खरीदारों के लिए सोना सस्ता हो जाता है, जिससे मांग और कीमतें दोनों बढ़ती हैं.
सोने की कीमतों में उतार-चढ़ाव से लोन पर असर
Loan Against Gold
गोल्ड लोन की राशि सोने की बाजार कीमतों पर निर्भर करती है. अगर कीमतें बढ़ती हैं, तो उधारकर्ता को अधिक लोन मिलता है. वहीं, कीमतों में गिरावट से कर्ज की राशि कम हो जाती है.
यदि सोने के दाम गिरते हैं, तो लोन-टू-वैल्यू (LTV) अनुपात बढ़ जाता है, जिससे ऋणदाता अतिरिक्त सोना गिरवी रखने या आंशिक पुनर्भुगतान की मांग कर सकते हैं.
RBI के नियम: 75% तक मिल सकता है लोन
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के अनुसार, बैंक और NBFCs (गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां) सोने के मूल्य का 75% तक लोन प्रदान कर सकती हैं. यानी यदि आपके पास ₹1 लाख मूल्य का सोना है, तो आप ₹75,000 तक का कर्ज ले सकते हैं.
गोल्ड लोन लेने से पहले इन बातों का रखें ध्यान
ब्याज दर और शुल्क: अलग-अलग वित्तीय संस्थानों की ब्याज दरें और प्रोसेसिंग फी अलग होते हैं, इसलिए पहले पूरी जानकारी लें.
क्रेडिट स्कोर की जरूरत नहीं: गोल्ड लोन के लिए क्रेडिट स्कोर की जांच नहीं होती, जिससे यह आसान वित्तीय ऑप्शन बन जाता है.
रीपेमेंट में देरी न करें: यदि आप समय पर लोन चुकाने में असफल रहते हैं, तो ऋणदाता गिरवी रखा सोना नीलाम कर सकता है.
Conclusion
अगर आप किसी वित्तीय जरूरत के लिए गोल्ड लोन लेने का विचार कर रहे हैं, तो मौजूदा सोने की कीमतों पर नजर रखना फायदेमंद होगा. कीमतें ऊंची होने पर अधिक कर्ज मिल सकता है, लेकिन गिरावट की स्थिति में ऋणदाताओं (Lenders) की शर्तें सख्त हो सकती हैं. इसलिए, गोल्ड लोन लेने से पहले सभी नियमों और शर्तों को ध्यान से समझना जरूरी है.