Personal Loan सिर्फ ब्याज दर देखकर न लें, ये 7 छुपे चार्जेस भी कर सकते हैं जेब ढीली!

Personal Loan: पर्सनल लोन लेने से पहले सिर्फ ब्याज दर ही नहीं, इन छिपे हुए चार्जेस को भी जानिए. प्रोसेसिंग फीस, लेट पेमेंट पेनाल्टी से लेकर EMI बाउंस शुल्क तक—हर खर्च की पूरी जानकारी, ताकि लोन लेना पड़े फायदेमंद.

 
Personal Loan

Personal Loan: पर्सनल लोन लेना आजकल आम हो गया है. शादी हो, मेडिकल इमरजेंसी हो या छुट्टियों पर जाना हो—हर छोटी-बड़ी जरूरत के लिए लोग पर्सनल लोन का सहारा लेते हैं. लेकिन ज़्यादातर लोग सिर्फ एक चीज़ पर ध्यान देते हैं—ब्याज दर (Interest Rate). जबकि असली खर्च सिर्फ ब्याज नहीं, बल्कि लोन से जुड़े कई छिपे शुल्क होते हैं, जिनका अंदाजा लोगों को लोन लेने के बाद ही होता है.

अगर आप इन चार्जेस के बारे में पहले से जान लें, तो न सिर्फ बेहतर प्लानिंग कर सकते हैं, बल्कि बैंक से बातचीत कर कुछ शुल्कों पर रियायत भी पा सकते हैं.

पर्सनल लोन से जुड़े ज़रूरी शुल्क और उनके मायने

1. प्रोसेसिंग फीस (Processing Fee)

यह वो शुल्क है जो बैंक आपके लोन आवेदन को प्रोसेस करने के लिए लेता है. इसमें डॉक्युमेंटेशन, वैरिफिकेशन और सिस्टम एंट्री आदि का खर्च शामिल होता है.
ये आमतौर पर लोन अमाउंट का 1% से 5% तक होता है, और इसे लोन जारी होने से पहले ही काट लिया जाता है.

टिप: कई बैंक त्योहारी सीज़न या अच्छे क्रेडिट स्कोर वाले ग्राहकों को यह शुल्क माफ भी कर देते हैं। पूछना न भूलें.

2. वैरिफिकेशन चार्ज (Verification Charges)

बैंक आपकी पहचान और क्रेडिट स्कोर की जांच करता है, जिसका खर्च आपके सिर आता है। इसे वैरिफिकेशन चार्ज के रूप में वसूला जाता है.

3. लेट पेमेंट पेनाल्टी (Late Payment Penalty)

अगर आपने EMI की तय तारीख को भुगतान नहीं किया, तो बैंक जुर्माना लगाता है.
सलाह: EMI की तारीख से पहले खाते में पर्याप्त राशि रखें ताकि पेनाल्टी से बचा जा सके.

4. EMI डिटेल्स में बदलाव का चार्ज

अगर आप EMI की तारीख बदलना चाहते हैं या बैंक अकाउंट बदलना चाहते हैं जिससे EMI कटती है, तो बैंक इसके लिए फीस लेता है.

5. डुप्लिकेट स्टेटमेंट शुल्क

अगर आपको लोन का स्टेटमेंट दोबारा चाहिए तो बैंक इसके लिए शुल्क ले सकता है.
हालांकि, कई बैंक ऑनलाइन स्टेटमेंट मुफ्त में उपलब्ध कराते हैं.

6. बाउंस चार्जेस (Bounce Charges)

अगर आपकी EMI तय तारीख पर नहीं कटी, जैसे कि खाते में बैलेंस कम हो या चेक बाउंस हो गया हो, तो बैंक पेनाल्टी लगाता है.
हर असफल ट्रांजेक्शन पर यह शुल्क लागू होता है.

7. लोन कैंसलेशन चार्जेस (Loan Cancellation Charges)

अगर लोन पास होने के बाद आप उसे कैंसल करना चाहते हैं (आमतौर पर 15 दिन की लिमिट होती है), तो बैंक उस दौरान के लिए ब्याज और प्रोसेसिंग फीस ले सकता है.
कुछ बैंक फ्री-लुक पीरियड के अंदर कैंसलेशन पर कोई चार्ज नहीं लेते. शर्तें ज़रूर पढ़ें.

क्यों ज़रूरी है इन चार्जेस को जानना?

लोग अक्सर पर्सनल लोन लेते समय सिर्फ ब्याज दर को देखकर फैसला कर लेते हैं. लेकिन जब ये सभी शुल्क जुड़ते हैं, तो लोन की कुल लागत बहुत ज्यादा हो जाती है.

इन चार्जेस को समझकर आप

  • बेहतर बजट प्लानिंग कर सकते हैं

  • अनचाहे खर्चों से बच सकते हैं

  • कुछ शुल्कों पर बैंक से रियायत की मांग कर सकते हैं

READ ALSO : SIP Vs Lumpsum कौन सा है बेहतर इंवेस्टमेंट ऑप्शन? आपके लिए है कौन सा बेस्ट

Tags