एप-आधारित धोखाधड़ी (App-Based Fraud)

एप-आधारित धोखाधड़ी (App-Based Fraud) एक प्रकार की साइबर धोखाधड़ी है, जिसमें धोखेबाज विभिन्न प्रकार की मोबाइल या कंप्यूटर एप्लिकेशन्स का उपयोग करके लोगों से धोखाधड़ी करते हैं
 
एप-आधारित धोखाधड़ी

एप-आधारित धोखाधड़ी (App-Based Fraud) की पूरी जानकारी:

एप-आधारित धोखाधड़ी (App-Based Fraud) एक प्रकार की साइबर धोखाधड़ी है, जिसमें धोखेबाज विभिन्न प्रकार की मोबाइल या कंप्यूटर एप्लिकेशन्स का उपयोग करके लोगों से धोखाधड़ी करते हैं। इन धोखाधड़ी में, धोखेबाज फर्जी या मैलवेयर (malware) वाली एप्लिकेशन्स बनाते हैं, या वैध एप्लिकेशन्स के ज़रिए व्यक्तिगत जानकारी, पैसे, या संवेदनशील डेटा चुराने की कोशिश करते हैं। इस धोखाधड़ी के माध्यम से अपराधी धोखाधड़ी के लिए एप्लिकेशन्स के माध्यम से पैसा कमाने की कोशिश करते हैं।

आजकल स्मार्टफोन और मोबाइल एप्लिकेशन्स के बढ़ते उपयोग के साथ, एप-आधारित धोखाधड़ी तेजी से बढ़ रही है, क्योंकि लोग बिना सोचे-समझे एप्स डाउनलोड और इंस्टॉल करते हैं। आइए जानते हैं कि एप-आधारित धोखाधड़ी कैसे काम करती है, इसके प्रकार और इससे कैसे बचा जा सकता है।

एप-आधारित धोखाधड़ी के प्रकार (Types of App-Based Fraud):

  1. फर्जी एप्लिकेशन्स (Fake Apps):

    • धोखेबाज फर्जी एप्लिकेशन्स बनाते हैं जो वास्तविक एप्लिकेशन्स जैसी दिखती हैं, जैसे कि बैंकिंग ऐप्स, शॉपिंग ऐप्स, या गेम्स। ये एप्स लोगों को धोखा देने के लिए डिज़ाइन किए गए होते हैं।
    • उदाहरण: किसी लोकप्रिय बैंकिंग ऐप का नकली संस्करण बनाने के बाद, धोखेबाज यूजर्स से लॉगिन क्रेडेंशियल्स चुराते हैं और फिर उनका बैंक खाता खाली कर देते हैं।
  2. मैलवेयर और वायरस-इन्फेक्टेड एप्लिकेशन्स (Malware-Infected Apps):

    • इन एप्स के माध्यम से वायरस, मैलवेयर या ट्रोजन डाउनलोड होते हैं जो स्मार्टफोन या कंप्यूटर को प्रभावित करते हैं। यह मैलवेयर संवेदनशील जानकारी, जैसे पासवर्ड, बैंक खाता नंबर, या क्रेडिट कार्ड जानकारी चुराता है।
    • ये एप्स बिना किसी सूचना के बैकग्राउंड में काम करते हैं और चुपचाप डिवाइस की गतिविधियों को ट्रैक करते हैं, जैसे कि केलकीलेशन विवरण, एसएमएस, कॉल लॉग आदि।
  3. क्लोनिंग और फिशिंग एप्स (Cloning and Phishing Apps):

    • धोखेबाज एप्लिकेशन के जरिए फिशिंग हमले करते हैं, जिनमें वे असली एप्लिकेशन की नकल करते हैं और उपयोगकर्ता को उनका डेटा चुराने के लिए एक फर्जी वेबसाइट पर भेजते हैं।
    • उदाहरण: वे एक बैंकिंग ऐप की नकल करके यूजर से लॉगिन क्रेडेंशियल्स और निजी जानकारी मांगते हैं, जिससे वे बैंक अकाउंट में सेंधमारी कर सकते हैं।
  4. पेड एप्स (Paid Apps) धोखाधड़ी:

    • कई बार धोखेबाज ऐप्स को पेड या प्रीमियम ऐप्स के रूप में पेश करते हैं। यूज़र्स को धोखा देने के लिए, ऐप्स को आकर्षक फीचर्स और डिस्काउंट्स के साथ पेश किया जाता है। लेकिन जब यूज़र ऐप को खरीदते हैं, तो उन्हें बेकार या नकली ऐप्स मिलते हैं जो धोखाधड़ी करते हैं।
  5. इन-ऐप पर्चेज धोखाधड़ी (In-App Purchase Fraud):

    • कई धोखेबाज ऐप्स को मुफ्त में उपलब्ध कराते हैं लेकिन अंदर छिपे हुए पेड ऑप्शन्स को दबाने के लिए प्रलोभन देते हैं। यूज़र बिना जाने इन-ऐप खरीदारी के द्वारा अपनी बैंकिंग जानकारी साझा कर देते हैं, जिससे धोखेबाज उनके पैसे चुरा सकते हैं।
    • उदाहरण: एक गेम या शॉपिंग ऐप जो मुफ्त दिखता है लेकिन जब यूज़र कुछ फीचर्स खरीदता है, तो उसे ज्यादा पैसे वसूल किए जाते हैं।
  6. बोटनेट्स और रैनसमवेयर एप्लिकेशन्स (Botnets and Ransomware Apps):

    • कुछ एप्स रैनसमवेयर का इस्तेमाल करती हैं, जो डिवाइस को लॉक कर देती हैं और उसे खोलने के लिए पैसे मांगती हैं। कभी-कभी, ये एप्स बोटनेट्स बनाते हैं, जो लाखों डिवाइसों पर हमला करते हैं और उन्हें हैक करने के लिए इस्तेमाल करते हैं।
    • उदाहरण: रैनसमवेयर एप्लिकेशन्स डिवाइस को लॉक करके उपयोगकर्ता से पैसे की मांग करती हैं ताकि डिवाइस फिर से काम करने लगे।

एप-आधारित धोखाधड़ी के तरीके (Methods Used in App-Based Fraud):

  1. संसाधनों का गलत उपयोग:

    • धोखेबाज एप्लिकेशन के द्वारा किसी अन्य एप्लिकेशन के डेटा और संसाधनों का गलत उपयोग करते हैं। उदाहरण के तौर पर, वे पर्सनल डेटा, मैसेजेस, और लोकेशन ट्रैकिंग के द्वारा जानकारी चुराने का प्रयास करते हैं।
  2. लॉगिन क्रेडेंशियल्स चोरी:

    • धोखेबाज ऐप्स का मुख्य उद्देश्य यूज़र के बैंकिंग या सोशल मीडिया लॉगिन क्रेडेंशियल्स को चुराना होता है। वे आपको फर्जी पेज पर भेजकर इन क्रेडेंशियल्स का इस्तेमाल कर सकते हैं।
  3. शेयरिंग पर्सनल और फाइनेंशियल जानकारी:

    • एप्स यूजर्स से व्यक्तिगत जानकारी, बैंक खाते के विवरण, और क्रेडिट कार्ड जानकारी एकत्र करने के लिए प्रलोभन देते हैं। ये जानकारी बाद में धोखेबाजों द्वारा अनधिकृत तरीकों से उपयोग की जाती है।

एप-आधारित धोखाधड़ी से बचने के उपाय (How to Avoid App-Based Fraud):

  1. विश्वसनीय ऐप स्टोर्स से डाउनलोड करें:

    • केवल Google Play Store, Apple App Store जैसी आधिकारिक और विश्वसनीय स्टोर्स से ही एप्लिकेशन डाउनलोड करें। इन्हें नियमित रूप से सुरक्षित रखा जाता है और मैलवेयर के खतरे से बचाया जाता है।
  2. यूजर रिव्यू और रेटिंग्स चेक करें:

    • एप्लिकेशन डाउनलोड करने से पहले उसके यूजर रिव्यू और रेटिंग्स को ध्यान से पढ़ें। यदि एप्लिकेशन बहुत कम रेटेड है या यूजर्स ने शिकायत की है, तो उसे इंस्टॉल न करें।
  3. स्मार्टफोन सुरक्षा सेटिंग्स का उपयोग करें:

    • अपने स्मार्टफोन में सुरक्षा सेटिंग्स जैसे 'अननोन सोर्स से ऐप इंस्टॉल' को बंद रखें, ताकि आप केवल विश्वसनीय एप्स ही इंस्टॉल कर सकें।
  4. एंटीवायरस सॉफ़्टवेयर का इस्तेमाल करें:

    • अपने स्मार्टफोन या डिवाइस में एक अच्छा एंटीवायरस और सिक्योरिटी ऐप इंस्टॉल करें, जो किसी भी संदिग्ध एप्लिकेशन की पहचान कर सके और उसे ब्लॉक कर सके।
  5. सुरक्षित भुगतान विधियों का उपयोग करें:

    • कभी भी असुरक्षित और अज्ञात एप्लिकेशन्स के जरिए भुगतान करने से बचें। हमेशा विश्वसनीय और सुरक्षित भुगतान विधियों का उपयोग करें।
  6. संदिग्ध लिंक और ऐप्स से बचें:

    • यदि आपको कोई लिंक या ऐप्स संदिग्ध या अनौपचारिक दिखाई दें, तो उन्हें कभी भी क्लिक या इंस्टॉल न करें। हमेशा स्रोत की पुष्टि करें।

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