क्लोनिंग (Cloning) और सिम स्वैप से बचें
क्लोनिंग (Cloning) और सिम स्वैप (SIM Swap) धोखाधड़ी से बचने के उपाय:
क्लोनिंग और सिम स्वैप धोखाधड़ी दो प्रकार की साइबर धोखाधड़ी हैं, जिनमें अपराधी आपके मोबाइल नंबर या सिम कार्ड को हैक करके आपके खाते से पैसे निकाल सकते हैं या अन्य संवेदनशील जानकारी चुरा सकते हैं। आइए इन दोनों प्रकार की धोखाधड़ी को समझते हैं और इससे बचने के उपायों के बारे में जानते हैं।
1. सिम स्वैप धोखाधड़ी (SIM Swap Fraud):
क्या है सिम स्वैप धोखाधड़ी?
सिम स्वैप धोखाधड़ी में, अपराधी आपके मोबाइल नंबर को एक नए सिम कार्ड पर ट्रांसफर कर लेते हैं। इसके लिए अपराधी आपके मोबाइल नेटवर्क प्रदाता (जैसे एयरटेल, जियो, वोडाफोन) से संपर्क करते हैं और आपकी पहचान से संबंधित जानकारी का इस्तेमाल करके आपके नंबर को अपने पास के सिम कार्ड में स्विच कर लेते हैं। इसके बाद, वे आपके सभी OTP, कॉल्स और मैसेजेस प्राप्त कर सकते हैं, और आपके बैंक खाते, सोशल मीडिया अकाउंट्स या अन्य ऑनलाइन सेवाओं तक पहुंच बना सकते हैं।
कैसे काम करता है सिम स्वैप धोखाधड़ी?
- पहचान की चोरी: अपराधी आपको कॉल करके या सोशल इंजीनियरिंग के जरिए आपकी व्यक्तिगत जानकारी प्राप्त करते हैं (जैसे आपका जन्मतिथि, पिन कोड, या अन्य पहचान प्रमाण)।
- नेटवर्क प्रोवाइडर से संपर्क: अपराधी आपके नाम और विवरण से आपके सिम कार्ड को एक नए सिम में स्विच करने के लिए नेटवर्क प्रोवाइडर से संपर्क करते हैं।
- सिम स्वैप प्रक्रिया: आपके पुराने सिम की कार्यक्षमता खत्म हो जाती है और अपराधी नए सिम का उपयोग करके आपके सारे OTP, कॉल्स और मैसेज प्राप्त करने में सक्षम होते हैं।
- धोखाधड़ी: इसके बाद, वे आपके खाते से पैसे निकालने, व्यक्तिगत जानकारी चुराने या सोशल मीडिया अकाउंट्स में घुसने का प्रयास करते हैं।
सिम स्वैप धोखाधड़ी से बचने के उपाय:
- नेटवर्क प्रोवाइडर से सुरक्षा कोड सेट करें: अपने मोबाइल प्रोवाइडर से संपर्क करके अपनी सिम कार्ड के लिए पिन या पासवर्ड सेट करें। यह एक अतिरिक्त सुरक्षा उपाय होता है, जिससे बिना आपकी अनुमति के कोई भी सिम स्वैप नहीं कर सकता।
- दो-चरणीय सत्यापन (2FA) का उपयोग करें: बैंकिंग और अन्य महत्वपूर्ण सेवाओं पर दो-चरणीय सत्यापन (2FA) सक्षम करें। इस प्रक्रिया में आपको पासवर्ड के अलावा एक OTP भी डाला जाता है, जो कि एक अस्थायी कोड होता है। यह आपके अकाउंट को सुरक्षित रखता है।
- बैंक और अन्य सेवाओं से सुरक्षा कोड का प्रयोग करें: किसी भी लेन-देन या ऑनलाइन ट्रांजेक्शन के दौरान अपने बैंक या अन्य सेवाओं से मिले OTP को कभी भी किसी के साथ साझा न करें।
- स्मार्टफोन का लॉक रखें: अपनी मोबाइल डिवाइस को हमेशा पिन कोड, पैटर्न या फिंगरप्रिंट से लॉक रखें, ताकि कोई भी आपकी अनुमति के बिना आपका फोन एक्सेस न कर सके।
- अपने बैंक से नियमित रूप से संपर्क करें: यदि आपको लगता है कि आपके बैंक खाते में कोई संदिग्ध गतिविधि हो रही है, तो तुरंत बैंक से संपर्क करें और अपने अकाउंट को लॉक या ब्लॉक करवाएं।
2. क्लोनिंग (Cloning) धोखाधड़ी:
क्या है क्लोनिंग धोखाधड़ी?
क्लोनिंग का मतलब है कि अपराधी आपके फोन नंबर की "क्लोन" बना लेते हैं, यानी आपके नंबर से एक नया फोन नंबर प्राप्त करते हैं और उस पर आपकी सारी जानकारी जैसे कॉल्स, मैसेजेस और OTP को इंटरसेप्ट करते हैं। यह तब होता है जब किसी व्यक्ति का मोबाइल डिवाइस या सिम कार्ड हैक किया जाता है, और अपराधी उसी नंबर से अन्य उपकरणों पर डेटा प्राप्त करते हैं। इस प्रक्रिया में अपराधी बिना आपकी जानकारी के आपके मोबाइल नंबर का दुरुपयोग करते हैं।
कैसे काम करता है क्लोनिंग धोखाधड़ी?
- सिम कार्ड की क्लोनिंग: अपराधी आपके मोबाइल नंबर के समान एक सिम कार्ड तैयार करते हैं और उसे किसी अन्य डिवाइस पर इस्तेमाल करते हैं। इस क्लोन किए गए नंबर के जरिए वे आपकी सारी कॉल्स और मैसेजेस इंटरसेप्ट कर सकते हैं।
- OTP और संवेदनशील जानकारी की चोरी: एक बार क्लोनिंग के बाद, अपराधी आपके सारे OTP और बैंकिंग संदेश प्राप्त कर सकते हैं, और आपके खातों तक पहुंच बना सकते हैं।
- बैंक खातों से पैसे की चोरी: जब अपराधी आपके खाते तक पहुंच बना लेते हैं, तो वे आपके द्वारा किए गए सभी लेन-देन की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं और बिना आपकी अनुमति के पैसे ट्रांसफर कर सकते हैं।
क्लोनिंग धोखाधड़ी से बचने के उपाय:
- फोन और सिम कार्ड की सुरक्षा बढ़ाएं: अपने फोन पर पिन कोड, पासवर्ड या बायोमेट्रिक सुरक्षा (जैसे फिंगरप्रिंट या फेस रिकग्निशन) सेट करें ताकि कोई आपका फोन या सिम कार्ड क्लोन न कर सके।
- सुरक्षित नेटवर्क का उपयोग करें: कभी भी सार्वजनिक Wi-Fi नेटवर्क पर अपना व्यक्तिगत डेटा या बैंकिंग जानकारी साझा न करें, क्योंकि इससे आपके डिवाइस की सुरक्षा कमजोर हो सकती है।
- संदिग्ध कॉल्स और मैसेज से सावधान रहें: अगर कोई अजनबी आपको कॉल करके आपका नंबर या व्यक्तिगत जानकारी मांगता है, तो उसे देने से बचें। हमेशा सुनिश्चित करें कि आप जिस संस्था से संपर्क कर रहे हैं, वह असली है।
- स्मार्टफोन सुरक्षा ऐप्स का उपयोग करें: अपने स्मार्टफोन में एक विश्वसनीय एंटीवायरस और सिक्योरिटी ऐप इंस्टॉल करें ताकि कोई भी दुर्भावनापूर्ण एप्लिकेशन आपके डिवाइस तक पहुंचने से बच सके।
- संदिग्ध गतिविधि की रिपोर्ट करें: अगर आपको लगता है कि आपकी सिम कार्ड या फोन नंबर क्लोन किया गया है या कोई संदिग्ध गतिविधि हो रही है, तो तुरंत अपने नेटवर्क प्रोवाइडर और बैंक को सूचित करें।