सावधान! एक कॉल से आप भी हो सकते हैं 'डिजिटल हाउस अरेस्ट' के शिकार, जानिए क्या है यह स्कैम

क्या आपको पता है कि ये डिजिटल हाउस अरेस्ट क्या है, कैसे लोग इसके जाल में फंस रहे है? इसके बारे में वाराणसी के साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट आईआईटियन मृत्युंजय सिंह ने पूरी जानकारी दी, तो चलिए जानते है कि ये स्कैम क्या है और कैसे इससे आप खुद को बचा सकते है। 
 
Digital House Arrest

आए दिन साइबर अपराधी लोगों को ठगने के लिए नए-नए तरीके अपना रहे है। अभी इन दिनों एक नया हथकंडा सामने आए हैं, जिसे 'डिजिटल हाउस अरेस्ट' कहा जा रहा है। यह स्कैम हाल में तेजी से बढ़ा है और कई निर्दोष लोग इसके शिकार हो चुके हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि ये डिजिटल हाउस अरेस्ट क्या है, कैसे लोग इसके जाल में फंस रहे है? इसके बारे में वाराणसी के साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट आईआईटियन मृत्युंजय सिंह ने पूरी जानकारी दी, तो चलिए जानते है कि ये स्कैम क्या है और कैसे इससे आप खुद को बचा सकते है। 


क्या है 'डिजिटल हाउस अरेस्ट' स्कैम?

मृत्युंजय सिंह ने बताया कि इस साइबर घोटाले में ठग सरकारी एजेंसियों जैसे ईडी या सीबीआई के अधिकारी होने का झूठा दावा करते हैं। वे पीड़ित को फोन पर निर्देश देते हैं कि वे अपने मोबाइल या लैपटॉप का कैमरा चालू करें और खुद को एक कमरे में बंद कर लें। इसके साथ ही, किसी से संपर्क न करने की चेतावनी देते हैं।

स्कैमर्स यह दावा करते हैं कि पीड़ित के खाते में कुछ अवैध धनराशि आई है और जांच के लिए इसे ट्रांसफर करना जरूरी है। यह झांसा देकर वे पीड़ित से पैसे ट्रांसफर करा लेते हैं, यह कहते हुए कि धन 48 घंटे में वापस कर दिया जाएगा। इस दौरान, कई लोग धोखे में आकर अपनी गाढ़ी कमाई गवां बैठते हैं।

शर्म और डर से चुप रहते हैं पीड़ित

मृत्युंजय ने बताया कि कई पीड़ित 'न्यूड वीडियो कॉल' जैसे अन्य स्कैम्स का भी शिकार होते हैं, लेकिन सामाजिक दबाव और शर्म के कारण पुलिस में शिकायत नहीं करते। आंकड़ों के अनुसार, 100 में से केवल 5 मामले ही दर्ज होते हैं, जबकि बाकी लोग चुप रह जाते हैं।

फर्जी ट्रेडिंग स्कैम्स और आने वाला ओटीपी बायपास खतरा

सिंह के अनुसार, ट्रेडिंग स्कैम्स भी तेजी से बढ़ रहे हैं। इसमें फर्जी कंपनियां कॉल करके पीड़ित से क्लोन ऐप इंस्टॉल करवाती हैं और उन्हें निवेश के लिए उकसाती हैं। अंततः लोग अपनी धनराशि खो बैठते हैं।

आने वाले समय में ओटीपी बायपास स्कैम एक नया खतरा बन सकता है। इसमें न तो कॉल आएगी और न ही एसएमएस, लेकिन बैंक खाते से पैसे चोरी हो जाएंगे। इससे बचने के लिए अंतरराष्ट्रीय लेनदेन को बंद करने की सलाह दी जाती है।

साइबर फ्रॉड से बचने के उपाय

मृत्युंजय सिंह ने जागरूकता को साइबर अपराध से बचने का सबसे महत्वपूर्ण हथियार बताया।

संदिग्ध लिंक पर क्लिक करने से बचें।
अनजान वेबसाइटों पर डेबिट कार्ड का इस्तेमाल न करें।
फोन कॉल के जरिए कोई व्यक्तिगत जानकारी साझा न करें।
साइबर फ्रॉड का शिकार होने पर तुरंत अपने सोशल मीडिया अकाउंट और डिजिटल प्रोफाइल को ब्लॉक करें।
सतर्कता और जागरूकता के जरिए, लगभग 50-60% साइबर अपराधों को रोका जा सकता है। अपनी और अपने परिवार की सुरक्षा के लिए इन सुझावों को अपनाना बेहद जरूरी है।


 

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