तीन वर्षों में 14,570 करोड़ रुपये की ठगी
गृह मंत्रालय की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, पिछले तीन वर्षों (2021 से मार्च 2024) में भारत में साइबर अपराधियों ने 14,570 करोड़ रुपये की ठगी की है। यह आंकड़ा देश में बढ़ती डिजिटल लेन-देन और इंटरनेट उपयोग के कारण बढ़ रहे साइबर खतरों को दर्शाता है।
Mon, 6 Jan 2025
गृह मंत्रालय की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, पिछले तीन वर्षों (2021 से मार्च 2024) में भारत में साइबर अपराधियों ने 14,570 करोड़ रुपये की ठगी की है। यह आंकड़ा देश में बढ़ती डिजिटल लेन-देन और इंटरनेट उपयोग के कारण बढ़ रहे साइबर खतरों को दर्शाता है।
मुख्य तथ्य:
- शिकायतों की संख्या: इस अवधि में 2.16 करोड़ से अधिक साइबर अपराध शिकायतें दर्ज की गईं।
- लोकप्रिय धोखाधड़ी के तरीके:
- फ़िशिंग अटैक: नकली ईमेल और वेबसाइट्स के जरिए बैंक खातों की जानकारी चुराना।
- यूपीआई धोखाधड़ी: नकली लिंक और कस्टमर केयर नंबर के जरिए ऑनलाइन भुगतान ठगी।
- क्रिप्टोकरेंसी फ्रॉड: निवेश के नाम पर धोखाधड़ी।
- सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्र: शहरी और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में सबसे ज्यादा साइबर अपराध के मामले सामने आए हैं।
सरकार के कदम:
- साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल: राष्ट्रीय स्तर पर https://cybercrime.gov.in/ पोर्टल शुरू किया गया है, जहां लोग साइबर अपराध की शिकायत दर्ज कर सकते हैं।
- हेल्पलाइन नंबर 1930: साइबर धोखाधड़ी की रिपोर्टिंग के लिए विशेष हेल्पलाइन चालू की गई है।
- जागरूकता अभियान: आम जनता को साइबर सुरक्षा और सतर्कता के प्रति जागरूक करने के लिए अभियान चलाए जा रहे हैं।
बचाव के उपाय:
- संदिग्ध लिंक पर क्लिक न करें।
- OTP और पासवर्ड किसी से साझा न करें।
- फर्जी कॉल और संदेशों से सावधान रहें।
- अपने डिजिटल लेन-देन की नियमित निगरानी करें।