टावर लगाने के नाम पर ठगी

बुलंदशहर में टावर लगाने के नाम पर बड़े स्तर पर ठगी करने वाले एक गिरोह का पर्दाफाश हुआ है।

 
टावर लगाने के नाम पर ठगी

बुलंदशहर में टावर लगाने के नाम पर बड़े स्तर पर ठगी करने वाले एक गिरोह का पर्दाफाश हुआ है। साइबर क्राइम पुलिस ने इस मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिसमें एक महिला भी शामिल है। यह गिरोह टावर लगाने और मोटी रकम के बदले लोगों को लालच देकर ठगी करता था।

कैसे करते थे ठगी?

  • फर्जी ऑफर का झांसा: गिरोह के सदस्य लोगों को कॉल या मैसेज करके टावर लगाने का झूठा प्रस्ताव देते थे।
  • आकर्षक रिटर्न का वादा: वे दावा करते थे कि टावर लगाने पर उन्हें हर महीने मोटा किराया मिलेगा और बड़ी रकम एडवांस के तौर पर दी जाएगी।
  • फर्जी दस्तावेज: भरोसा दिलाने के लिए ये लोग नकली दस्तावेज, फर्जी एग्रीमेंट और सरकारी मुहर का इस्तेमाल करते थे।
  • एडवांस फीस: ऑफर के लिए रजिस्ट्रेशन फीस, कानूनी प्रक्रिया या अन्य शुल्क के नाम पर मोटी रकम वसूलते थे।

गिरफ्तारी और बरामदगी:

  • पुलिस की कार्रवाई: शिकायत मिलने पर साइबर पुलिस ने आरोपियों की लोकेशन ट्रैक की और उन्हें बुलंदशहर से गिरफ्तार किया।
  • सबूत: आरोपियों के पास से मोबाइल फोन, एटीएम कार्ड, पासबुक और अन्य दस्तावेज बरामद किए गए हैं।
  • नकद बरामदगी: पुलिस ने ठगी से जुटाई गई नकदी भी बरामद की है।

गिरोह का नेटवर्क:

  • महिला की भूमिका: महिला गिरोह की सक्रिय सदस्य थी, जो लोगों को बातचीत में फंसाने और उन्हें भरोसा दिलाने का काम करती थी।
  • बड़े नेटवर्क का हिस्सा: पुलिस का कहना है कि यह गिरोह पूरे राज्य में सक्रिय था और बड़ी संख्या में लोगों को ठग चुका है।

चेतावनी और बचाव:

  • जांच की सलाह: पुलिस ने आम लोगों से अपील की है कि ऐसे किसी भी ऑफर के बारे में पूरी जानकारी और दस्तावेजों की जांच कर लें।
  • सतर्कता: कोई भी एडवांस पेमेंट करने से पहले सावधानी बरतें और फर्जीवाड़ा महसूस होने पर तुरंत पुलिस से संपर्क करें।

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