गुरुग्राम में साइबर ठगी का भंडाफोड़: 117 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का पर्दाफाश

हरियाणा के गुरुग्राम में साइबर क्राइम पुलिस ने 117 करोड़ रुपये की साइबर ठगी के बड़े मामले का भंडाफोड़ किया है। यह ठगी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर संचालित की जा रही थी, जिसमें सैकड़ों भारतीय और विदेशी नागरिक फंस चुके थे।

 
 
गुरुग्राम में साइबर ठगी का भंडाफोड़: 117 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का पर्दाफाश

गुरुग्राम में साइबर ठगी का भंडाफोड़: 117 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का पर्दाफाश

हरियाणा के गुरुग्राम में साइबर क्राइम पुलिस ने 117 करोड़ रुपये की साइबर ठगी के बड़े मामले का भंडाफोड़ किया है। यह ठगी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर संचालित की जा रही थी, जिसमें सैकड़ों भारतीय और विदेशी नागरिक फंस चुके थे।

कैसे हुआ साइबर ठगी का खुलासा?

  1. शिकायतों की शुरुआत:

    • पीड़ितों ने पुलिस से शिकायत की कि उन्हें फर्जी निवेश योजनाओं और नौकरी के ऑफर के जरिए ठगा गया।
    • साइबर ठगों ने लोगों से फर्जी वेबसाइट और मोबाइल एप्स के माध्यम से पैसा निवेश करवाया।
  2. विशेष टीम की कार्रवाई:

    • गुरुग्राम साइबर क्राइम टीम ने तकनीकी विश्लेषण और बैंक ट्रांजेक्शन ट्रेसिंग के आधार पर कार्रवाई की।
    • ठगों के फर्जी कॉल सेंटर और उनके आधार सर्वर का पता लगाया गया।
  3. छापेमारी और गिरफ्तारियां:

    • पुलिस ने गुरुग्राम के डीएलएफ फेज 2 इलाके में स्थित एक कॉल सेंटर पर छापा मारा।
    • इस दौरान 15 ठगों को गिरफ्तार किया गया, जिनमें से कुछ विदेशी नागरिक भी शामिल थे।
    • छापेमारी में 300 से ज्यादा सिम कार्ड, लैपटॉप, और बैंक खातों के विवरण बरामद किए गए।

कैसे काम करता था गिरोह?

  1. फर्जी निवेश योजना:

    • ठगों ने फर्जी निवेश पोर्टल बनाए, जहां लोगों से कम समय में ज्यादा मुनाफे का वादा किया जाता था।
  2. जॉब स्कैम:

    • ठग लोगों को फर्जी नौकरियों का ऑफर देकर उनसे आवेदन शुल्क और दस्तावेजों के नाम पर पैसे लेते थे।
  3. केवाईसी और बैंक फ्रॉड:

    • बैंक अकाउंट ब्लॉक होने और केवाईसी अपडेट के नाम पर लोगों से उनके ओटीपी और बैंक डिटेल्स हासिल की जाती थीं।
  4. फर्जी लॉटरी और गिफ्ट:

    • गिरोह ने फर्जी लॉटरी जीतने और महंगे गिफ्ट का झांसा देकर लोगों से टैक्स के नाम पर रकम वसूली।

क्या बरामद हुआ?

  • 117 करोड़ रुपये का वित्तीय ट्रेस:
    • ठगी का पैसा 10 से अधिक देशों में ट्रांसफर किया गया।
  • 300 से ज्यादा सिम कार्ड:
    • जिनका इस्तेमाल फर्जी कॉल्स के लिए किया गया।
  • 50 बैंक खाते:
    • फर्जी नामों पर खोले गए और इन खातों के जरिए पैसा ट्रांसफर किया गया।
  • लैपटॉप और मोबाइल:
    • जिनमें फर्जी वेबसाइट और निवेश एप्स के कोड मिले।

पुलिस की कार्रवाई:

  1. आरोपियों से पूछताछ:

    • गिरफ्तार किए गए ठगों से पूछताछ में अंतरराष्ट्रीय सिंडिकेट की जानकारी मिली।
    • इस गिरोह का मुख्य सरगना दुबई में होने की आशंका है।
  2. बैंक खातों को फ्रीज किया गया:

    • पुलिस ने फर्जी बैंक खातों को ब्लॉक कर दिया और 40 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति जब्त की।
  3. साइबर सुरक्षा को मजबूत करने की अपील:

    • पुलिस ने लोगों से अपील की कि वे किसी भी अज्ञात लिंक, कॉल या मैसेज पर विश्वास न करें।

फ्रॉड से बचने के उपाय:

  1. फर्जी निवेश स्कीम से सावधान रहें।
  2. ओटीपी और बैंक डिटेल्स साझा न करें।
  3. फर्जी नौकरी और लॉटरी के ऑफर्स पर तुरंत साइबर क्राइम को सूचित करें।
  4. संदिग्ध गतिविधियों को 1930 पर रिपोर्ट करें।

निष्कर्ष:

गुरुग्राम में साइबर ठगी के इस मामले ने साबित कर दिया कि साइबर अपराधी नई-नई तकनीकों का इस्तेमाल कर रहे हैं। पुलिस और सरकार की सख्ती के साथ-साथ नागरिकों की जागरूकता ही इन अपराधों को रोक सकती है।

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