Cyber Frauds आपका सर्च इंजन भी कर रहे ट्रैक, फोन में डाउनलोड ऐप पर भी है ठगों की नजर
Cyber Frauds: एंड्रॉयड फोन हाथ में आने से हर इंसान की पहुंच बढ़ गई है, लेकिन इससे लोग साइबर ठगों के निशाने पर भी आ गए हैं. मोबाइल में डाउनलोड एप से भी ठग आप पर नजर रख रहे हैं. सर्च इंजन से भी आपको ट्रैक किया जा रहा है.

साइबर फ्रॉड एक्सपर्ट का कहना है कि ठगों के पास लोगों के नाम-पते के साथ उनका ईमेल आईडी, फोन व आधार नंबर ही नहीं, क्रेडिट कार्ड, प्रीपेडकार्ड का सीरियल नंबर और CVV नंबर जैसी प्राइवेट जानकारियां भी हैं. ये सूचनाएं साइबर अपराधी बैंकों, फोन में डाउनलोड एप और शॉपिंग साइटों से हासिल कर रहे हैं. यही नहीं, साइबर ठग ब्राउजर में सेव ऑटो फिल डाटा भी चुरा रहे हैं. ऐसे में जब साइबर अपराधी सीबीआई, ईडी और कस्टम विभाग समेत बैंक अधिकारी बनकर फोन करते हैं तो लोग उनके पास मौजूद निजी जानकारियों को सुनकर विश्वास कर लेते हैं.
ऐसे में कोई भी एप डाउनलोड करने से पहले सी डिटेल पर जाकर जरूर जांच लें कि एप आपसे किस तरह की जानकारियों का एक्सेस मांग रहा है. साइबर ठग धोखाधड़ी के लिए एप्लीकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस (एपीआई) को लालच वाले मैसेज की आड़ में भेजते हैं. गिफ्ट, लॉटरी जीतने या बैंक के नाम पर अलर्ट आता है. जैसे ही मैसेज पर क्लिक करते हैं, सोशल मीडिया अकाउंट हैक हो जाता है. EKYC के लिंक में एक क्लिक से ही अकाउंट हैक करके सोलन के व्यक्ति से 12 लाख रुपये लूट लिए गए.
कॉल फॉरवर्डिंग और मर्ज करके भी ठगी
कॉल फॉरवर्डिंग से साइबर ठग आपके ओटीपी तक पहुंच रहे हैं. आपको मोबाइल नंबर पर # के साथ कुछ अंक डायल करने के लिए कहते हैं. इससे कॉल कंडिशनली फॉरवर्ड हो जाती है. इसका फायदा उठाकर ठग उस समय ओटीपी मंगवाते हैं, जब आपका फोन बिजी हो. इससे ओटीपी ठगों के पास चला जाता है. दो इनकमिंग कॉल के दौरान तीसरी कॉल मर्ज करके भी ठगी हो रही है.
वॉइस मेल टेक्नोलॉजी का दुरुपयोग
साइबर अपराधी आपके फोन पर वॉइस मेल को इनेबल कर देते हैं. आपके बिजी होने पर वॉइस मैसेज साइबर अपराधी के बताए नंबर पर चला जाएगा. इसका फायदा उठाकर साइबर ठग उस समय ओटीपी मंगवाएंगे, जब आप व्यस्त होंगे. वॉइस मेल इनेबल होने की वजह से ओटीपी वॉइस रिकॉर्डिंग में रिकॉर्ड हो जाएगा. इसे चुराकर आपके खाते से पैसे निकल जाएंगे.
गेमिंग एप अनसेफ
आपके फोन पर बच्चे कई गेमिंग एप डाउनलोड कर देते हैं. कई गेम में मल्टी चेट की सुविधा होती है. इससे आपके बच्चे से कोई भी किसी भी तरह का काम करवा सकता है. कई गेम में मल्टी प्लेयर फीचर होता है. इसमें दूसरी ओर कोई भी व्यक्ति आपके बच्चे से बात कर सकता है. इस तरह की गेम असुरक्षित होती हैं. ऐसे एप आपकी स्क्रीन शेयर कर सकते हैं, जिससे आपका ओटीपी साइबर ठगों तक पहुंच सकता है.
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