आज़मगढ़ में साइबर ठगों की गिरफ्तारी

आज़मगढ़ पुलिस ने एक बड़े साइबर ठगी के गिरोह का पर्दाफाश किया है, जिसमें 11 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है।
 
आज़मगढ़ में साइबर ठगों की गिरफ्तारी

आज़मगढ़ में साइबर ठगों की गिरफ्तारी:

आज़मगढ़ पुलिस ने एक बड़े साइबर ठगी के गिरोह का पर्दाफाश किया है, जिसमें 11 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। इस गिरोह ने अब तक करीब 190 करोड़ रुपये की ठगी की है। इस गिरोह के सदस्य अंतरराष्ट्रीय साइबर ठगों के नेटवर्क का हिस्सा थे, जो लोगों को ऑनलाइन ठगी का शिकार बना रहे थे। ये ठग एक संगठित तरीके से काम कर रहे थे और भारतीय नागरिकों को अपना निशाना बनाते थे।

गिरोह का तरीका:

यह गिरोह विभिन्न प्रकार के साइबर अपराधों में संलिप्त था, जिनमें प्रमुख रूप से धोखाधड़ी के लिए फर्जी वेबसाइट्स बनाना, नकली निवेश योजनाओं का प्रचार करना, और फर्जी कॉल सेंटर ऑपरेट करना शामिल था। गिरोह के सदस्य ऑनलाइन व्यक्तियों को भ्रमित करने के लिए सोशल मीडिया और फर्जी वेबसाइट्स का इस्तेमाल करते थे।

  1. फर्जी कॉल्स और वेबसाइट्स:

    • ठग कॉल करके लोगों को आकर्षक योजनाओं के बारे में बताते थे और उनका विश्वास जीतने के बाद उनसे पैसे ट्रांसफर करवा लेते थे। इसके अलावा, ठगों ने नकली निवेश योजनाओं की वेबसाइट्स भी बनाई थी, जो बिल्कुल असली साइट्स की तरह दिखती थीं।
  2. संदिग्ध लिंक पर क्लिक करने के लिए लोगों को प्रेरित करना:

    • ठग लोगों को मैसेज या ईमेल के माध्यम से संदिग्ध लिंक भेजते थे, जिनसे लिंक पर क्लिक करने के बाद लोगों की निजी जानकारी जैसे बैंक खाता नंबर, कार्ड डिटेल्स आदि चुराए जाते थे।
  3. फर्जी लॉटरी और रिवार्ड्स:

    • कुछ मामलों में, ठग लॉटरी और पुरस्कार जीतने का दावा करके भी लोगों को फंसा लेते थे और उनसे पैसे मांगते थे।

पुलिस की कार्रवाई:

आज़मगढ़ पुलिस ने इस गिरोह के बारे में जानकारी मिलने के बाद जांच शुरू की और साइबर अपराधियों के नेटवर्क का पर्दाफाश किया। पुलिस ने छापेमारी के दौरान गिरोह के सदस्यों को गिरफ्तार किया और उनके पास से कई सबूत, नकदी और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बरामद किए गए। आरोपियों से पूछताछ की जा रही है, ताकि अन्य संदिग्धों को पकड़ा जा सके और ठगी के पैसों के प्रवाह का खुलासा हो सके।

गिरफ्तार आरोपी:

पुलिस ने 11 आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जो इस साइबर ठगी में सक्रिय रूप से शामिल थे। इनके पास से कई बैंक पासबुक, नकद रुपये, और अन्य संदिग्ध दस्तावेज़ बरामद किए गए हैं। पुलिस ने गिरोह के मास्टरमाइंड की तलाश शुरू कर दी है, जो अभी तक फरार है।

साइबर ठगी से बचाव के उपाय:

  1. संदिग्ध लिंक पर क्लिक न करें:

    • किसी भी अनजान स्रोत से प्राप्त लिंक पर क्लिक करने से बचें, क्योंकि इससे आपकी व्यक्तिगत जानकारी चुराई जा सकती है।
  2. विश्वसनीय प्लेटफॉर्म का चुनाव करें:

    • यदि आप निवेश करने जा रहे हैं, तो केवल प्रमाणिक और पंजीकृत प्लेटफॉर्म का ही चयन करें।
  3. कोई भी फर्जी कॉल न लें:

    • यदि आपको कोई अज्ञात कॉल आता है, जो आपको किसी लॉटरी या पुरस्कार जीतने का दावा करता है, तो उसे तुरंत नकार दें।
  4. दोस्तों और परिवार से चर्चा करें:

    • किसी भी प्रकार के निवेश या वित्तीय लेन-देन से पहले परिवार के किसी सदस्य या वित्तीय विशेषज्ञ से सलाह लें।
  5. बैंक और अन्य आधिकारिक संस्थाओं से संपर्क करें:

    • यदि आपको संदेह हो कि आपकी जानकारी चोरी हो रही है, तो तुरंत बैंक या संबंधित संस्थाओं से संपर्क करें।

निष्कर्ष:

इस घटनाक्रम से यह साबित होता है कि साइबर ठगी एक गंभीर समस्या बन चुकी है। लगातार बढ़ती साइबर धोखाधड़ी के बीच सतर्क रहना और ऑनलाइन सुरक्षित रहने की कोशिश करना ही सबसे महत्वपूर्ण कदम है। पुलिस की इस कार्रवाई से यह भी सिद्ध होता है कि साइबर अपराधियों को पकड़ने के लिए कानून प्रवर्तन एजेंसियां पूरी तरह से सक्रिय हैं।

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