डिजिटल पेमेंट और साइबर फ्रॉड
डिजिटल पेमेंट क्या है?
डिजिटल पेमेंट एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें नकद या चेक के बजाय इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों से भुगतान किया जाता है। इसमें निम्नलिखित विकल्प शामिल होते हैं:
- यूपीआई (UPI): जैसे Google Pay, PhonePe, Paytm
- क्रेडिट/डेबिट कार्ड
- इंटरनेट बैंकिंग
- ई-वॉलेट्स
- क्यूआर कोड स्कैनिंग
डिजिटल पेमेंट में साइबर फ्रॉड के प्रकार
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फिशिंग (Phishing):
नकली वेबसाइट या ईमेल के माध्यम से संवेदनशील जानकारी (जैसे बैंक डिटेल्स) चुराना।- उदाहरण: नकली बैंक लिंक पर क्लिक कर लॉगिन डिटेल्स देना।
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क्यूआर कोड फ्रॉड (QR Code Fraud):
नकली क्यूआर कोड के माध्यम से पैसे चुराना।- उदाहरण: क्यूआर कोड स्कैन करने पर आपके खाते से पैसा कट जाना।
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ओटीपी फ्रॉड (OTP Fraud):
कॉल या मैसेज के जरिए ओटीपी मांगकर आपके खाते से पैसा निकालना। -
स्पूफिंग (Spoofing):
नकली कॉल या मैसेज भेजकर बैंक अधिकारी के रूप में धोखाधड़ी। -
नकली एप्स (Fake Apps):
जालसाज नकली मोबाइल ऐप्स बनाकर उपयोगकर्ताओं की जानकारी चुराते हैं। -
मलवेयर अटैक (Malware Attack):
वायरस या स्पाईवेयर के जरिए डेटा चोरी करना। -
वॉलेट फ्रॉड (Wallet Fraud):
जैसे Paytm, PhonePe आदि के फेक अकाउंट के जरिए पैसे ट्रांसफर करना।
डिजिटल पेमेंट फ्रॉड के कारण
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कम जागरूकता:
लोग डिजिटल भुगतान के खतरों और सुरक्षित उपयोग के तरीकों को नहीं समझते। -
कमजोर पासवर्ड:
सरल और अनुमान लगाने योग्य पासवर्ड का उपयोग करना। -
नकली लिंक पर क्लिक:
अज्ञात लिंक पर क्लिक करने से संवेदनशील जानकारी लीक हो जाती है। -
पब्लिक वाई-फाई का उपयोग:
असुरक्षित वाई-फाई पर ट्रांजेक्शन करना। -
भरोसेमंद जानकारी की कमी:
नकली कॉल या ईमेल को वास्तविक समझ लेना।
डिजिटल पेमेंट में फ्रॉड से बचने के उपाय
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मजबूत पासवर्ड बनाएं:
- अल्फा-न्यूमेरिक पासवर्ड का उपयोग करें।
- समय-समय पर पासवर्ड बदलें।
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ओटीपी किसी के साथ साझा न करें:
बैंक या अन्य संस्थाएं ओटीपी नहीं मांगतीं। -
पब्लिक वाई-फाई से बचें:
केवल निजी और सुरक्षित नेटवर्क पर ही लेनदेन करें। -
नकली लिंक से सावधान रहें:
- केवल आधिकारिक वेबसाइट या ऐप का ही उपयोग करें।
- अज्ञात लिंक पर क्लिक न करें।
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ऐप डाउनलोड करने से पहले जांच करें:
केवल गूगल प्ले स्टोर या ऐपल स्टोर से ही ऐप डाउनलोड करें। -
एंटीवायरस सॉफ़्टवेयर इंस्टॉल करें:
अपने डिवाइस को मालवेयर और वायरस से बचाने के लिए। -
भुगतान की पुष्टि करें:
ट्रांजेक्शन के बाद तुरंत बैंक या वॉलेट का बैलेंस चेक करें। -
साइबर क्राइम हेल्पलाइन का उपयोग करें:
किसी भी धोखाधड़ी की स्थिति में तुरंत शिकायत दर्ज करें।
साइबर फ्रॉड के बाद क्या करें?
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बैंक को सूचित करें:
- फ्रॉड के बारे में तुरंत बैंक को बताएं।
- ट्रांजेक्शन को ब्लॉक करवाएं।
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साइबर क्राइम पोर्टल पर शिकायत करें:
National Cyber Crime Reporting Portal पर शिकायत दर्ज करें। -
पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करें:
एफआईआर दर्ज कराएं। -
भविष्य में सतर्क रहें:
गलतियों से सीखकर सुरक्षित डिजिटल भुगतान का उपयोग करें।