कैसे काम करता है वीडियो कॉल धोखाधड़ी?

वीडियो कॉल का उपयोग साइबर अपराधियों द्वारा धोखाधड़ी के एक प्रभावी तरीके के रूप में किया जाता है, खासकर जब ठग किसी को विश्वास दिलाने के लिए अपनी योजनाओं को अंजाम देते हैं।

 
कैसे काम करता है वीडियो कॉल धोखाधड़ी?

वीडियो कॉल का उपयोग साइबर अपराधियों द्वारा धोखाधड़ी के एक प्रभावी तरीके के रूप में किया जाता है, खासकर जब ठग किसी को विश्वास दिलाने के लिए अपनी योजनाओं को अंजाम देते हैं। इस तकनीक में, साइबर अपराधी आमतौर पर वीडियो कॉल के जरिए अपनी पहचान या कंपनी का झूठा दावा करते हैं ताकि वे किसी से पैसे या संवेदनशील जानकारी प्राप्त कर सकें।

कैसे काम करता है वीडियो कॉल धोखाधड़ी:

  1. सामान्य धोखाधड़ी:
    • ठग वीडियो कॉल के माध्यम से खुद को एक विश्वसनीय व्यक्ति, जैसे कि बैंक प्रतिनिधि, कूरियर कर्मचारी, या सरकारी अधिकारी, के रूप में प्रस्तुत करते हैं।
    • इस दौरान, वे किसी घातक या तात्कालिक मुद्दे (जैसे पर्सनल डेटा चोरी, अनिवार्य भुगतान, या तत्काल सहायता की आवश्यकता) को उठाकर पीड़ित से पैसे की मांग करते हैं।
  2. कस्टमाइज्ड कॉल्स:
    • कभी-कभी, अपराधी अपनी योजना को और भी विश्वसनीय बनाने के लिए तकनीकी उपायों का उपयोग करते हैं, जैसे कि फर्जी वेबसाइटों के लिंक या कस्टम वीडियो सेटअप।
    • वीडियो कॉल में इस्तेमाल होने वाले विशेष ग्राफिक्स या वेबकैम सेटअप से यह एहसास होता है कि वे एक वास्तविक कंपनी या संस्था से जुड़े हैं।

वीडियो कॉल धोखाधड़ी से बचने के उपाय:

  1. संवेदनशील जानकारी साझा करने से बचें: किसी भी अज्ञात व्यक्ति के साथ वीडियो कॉल पर वित्तीय जानकारी या व्यक्तिगत डेटा साझा न करें।
  2. आधिकारिक चैनलों के माध्यम से पुष्टि करें: अगर वीडियो कॉल पर दी जा रही जानकारी संदिग्ध लगे, तो कंपनी या संस्थान से सीधे संपर्क करके उसकी पुष्टि करें।
  3. कॉल से पहले सतर्कता बरतें: कभी भी वीडियो कॉल की सत्यता की जांच किए बिना पैसे न भेजें। हमेशा कॉलर के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करने की कोशिश करें।

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