डिजिटल फ्रॉड में वृद्धि
डिजिटल फ्रॉड (या साइबर धोखाधड़ी) में हाल के वर्षों में तेज़ी से वृद्धि हुई है, खासकर भारत में। इसका कारण मुख्य रूप से इंटरनेट और स्मार्टफोन का व्यापक उपयोग, ऑनलाइन लेन-देन की बढ़ती आदतें, और साइबर अपराधियों की बढ़ती चतुराई है। डिजिटल फ्रॉड के विभिन्न प्रकार होते हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख प्रकार निम्नलिखित हैं:
Wed, 1 Jan 2025
डिजिटल फ्रॉड (या साइबर धोखाधड़ी) में हाल के वर्षों में तेज़ी से वृद्धि हुई है, खासकर भारत में। इसका कारण मुख्य रूप से इंटरनेट और स्मार्टफोन का व्यापक उपयोग, ऑनलाइन लेन-देन की बढ़ती आदतें, और साइबर अपराधियों की बढ़ती चतुराई है। डिजिटल फ्रॉड के विभिन्न प्रकार होते हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख प्रकार निम्नलिखित हैं:
1. फिशिंग और स्पूफिंग:
- फिशिंग: यह एक प्रकार की धोखाधड़ी है जिसमें साइबर अपराधी उपयोगकर्ताओं से व्यक्तिगत जानकारी जैसे कि बैंक खाता विवरण, पासवर्ड आदि चुराने के लिए धोखेबाज ईमेल या संदेश भेजते हैं। इन ईमेल्स या संदेशों में लिंक होते हैं जो उपयोगकर्ता को एक नकली वेबसाइट पर भेजते हैं जो वास्तविक वेबसाइट जैसी दिखती है।
- स्पूफिंग: इसमें धोखेबाज किसी अन्य व्यक्ति या संस्था का रूप धारण कर उपयोगकर्ता से संवेदनशील जानकारी प्राप्त करने की कोशिश करते हैं। उदाहरण के लिए, धोखेबाज किसी बैंक के कर्मचारी के रूप में उपयोगकर्ता से जानकारी मांग सकते हैं।
2. फेक वेबसाइट्स और ऑनलाइन शॉपिंग फ्रॉड:
- फेक वेबसाइट्स: धोखेबाज नकली ई-कॉमर्स वेबसाइट्स बनाकर ग्राहकों को आकर्षित करते हैं और उनसे पैसे ले लेते हैं, लेकिन कोई उत्पाद या सेवा नहीं भेजते। ये वेबसाइट्स आमतौर पर असामान्य रूप से सस्ती कीमतों पर उत्पाद बेचने का दावा करती हैं।
- ऑनलाइन शॉपिंग फ्रॉड: धोखाधड़ी करने वाले ठगी के लिए लोकप्रिय ऑनलाइन मार्केटप्लेस का उपयोग करते हैं। वे नकली या खराब गुणवत्ता के उत्पाद भेजते हैं, या कभी-कभी उत्पादों को भेजते ही नहीं हैं।
3. डिजिटल लोन फ्रॉड:
- अब धोखाधड़ी करने वाले लोग ऑनलाइन ऋण देने का झूठा दावा करते हुए व्यक्तियों से उनकी व्यक्तिगत जानकारी और बैंक खाता विवरण मांगते हैं। इसके बाद वे कर्ज देने के नाम पर लोगों से पैसे ठग लेते हैं।
- इस प्रकार के फ्रॉड में अक्सर फर्जी मोबाइल ऐप्स या वेबसाइट्स शामिल होती हैं जो तत्काल ऋण की पेशकश करती हैं।
4. केवल-एक-लिंक धोखाधड़ी:
- इस प्रकार में, धोखेबाज किसी विश्वासपात्र व्यक्ति, संस्था या संगठन से जुड़ा हुआ होने का दावा करते हैं और एक लिंक भेजते हैं, जिससे उपयोगकर्ता को एक धोखाधड़ी वेबसाइट पर भेजा जाता है। इस लिंक को खोलते ही व्यक्तिगत जानकारी चोरी हो जाती है।
5. मॉन्स्टर लॉटरी फ्रॉड:
- इस प्रकार की धोखाधड़ी में, अपराधी उपयोगकर्ताओं को लॉटरी जीतने का झूठा दावा करते हैं और उन्हें इनाम प्राप्त करने के लिए कुछ शुल्क या व्यक्तिगत जानकारी प्रदान करने के लिए कहते हैं।
6. स्मार्टफोन एप्लिकेशन और डिजिटल वॉलेट फ्रॉड:
- इस प्रकार की धोखाधड़ी में, धोखेबाज एक नकली या बगयुक्त ऐप विकसित करते हैं जो उपयोगकर्ताओं से उनका डेटा, बैंक खाता विवरण या क्रेडिट कार्ड जानकारी चुराने के लिए काम करता है।
- इसके अलावा, डिजिटल वॉलेट्स के जरिए भी धोखाधड़ी की घटनाएँ होती हैं, जिसमें उपयोगकर्ताओं के खातों से पैसे चोरी किए जाते हैं।
7. लव और डेटिंग फ्रॉड:
- धोखेबाजों ने लव या डेटिंग ऐप्स का उपयोग करते हुए व्यक्तियों से संपर्क किया और फिर उन्हें विभिन्न बहानों से पैसे भेजने के लिए मजबूर किया। वे अक्सर कहते हैं कि वे किसी आपातकालीन स्थिति में हैं और सहायता की आवश्यकता है।
8. प्रेरक संदेश और गिफ्ट वाउचर फ्रॉड:
- धोखेबाज अक्सर उपयोगकर्ताओं को आकर्षक ऑफ़र, गिफ्ट वाउचर या पुरस्कारों के रूप में लिंक भेजते हैं। इन लिंक को खोलने पर उपयोगकर्ता को धोखाधड़ी वेबसाइटों पर भेजा जाता है जो उनकी व्यक्तिगत जानकारी चुराने का प्रयास करती हैं।
9. बैंकिंग फ्रॉड:
- धोखेबाजों द्वारा ऑनलाइन बैंकिंग साइटों और मोबाइल बैंकिंग ऐप्स का उपयोग करके अकाउंट को हैक करने की कोशिश की जाती है। ये धोखेबाज उपयोगकर्ताओं से उनके बैंक विवरण प्राप्त करने के लिए फर्जी कॉल्स, ईमेल्स या संदेश भेजते हैं।
10. व्हाट्सएप फ्रॉड:
- व्हाट्सएप के जरिए भी धोखाधड़ी की घटनाएँ बढ़ी हैं, जिसमें धोखेबाज उपयोगकर्ताओं से बैंक खाता विवरण या ओटीपी प्राप्त करने के लिए फर्जी कॉल करते हैं।
डिजिटल फ्रॉड में वृद्धि के कारण:
- डिजिटल लेन-देन में वृद्धि: स्मार्टफोन, इंटरनेट बैंकिंग, और डिजिटल भुगतान प्लेटफ़ॉर्मों के बढ़ते उपयोग के कारण धोखाधड़ी के मामलों में वृद्धि हुई है।
- प्रौद्योगिकी का दुरुपयोग: साइबर अपराधी नई तकनीकों और टूल्स का उपयोग करके धोखाधड़ी कर रहे हैं।
- सतर्कता की कमी: उपयोगकर्ताओं की अनजानियों और लापरवाही के कारण वे धोखाधड़ी के शिकार हो जाते हैं।
- विकसित धोखाधड़ी तकनीक: साइबर अपराधी अब अपने तरीकों को ज्यादा जटिल और पेशेवर बना रहे हैं, जिससे उन्हें पकड़ा जाना मुश्किल हो गया है।
सावधानियाँ:
- संदिग्ध लिंक से बचें: कभी भी अनजान ईमेल या संदेशों से लिंक पर क्लिक न करें।
- व्यक्तिगत जानकारी न साझा करें: किसी भी साइट पर बैंक विवरण या पासवर्ड न दें।
- सुरक्षित वेबसाइट का चयन करें: खरीदारी करते समय केवल सुरक्षित और प्रमाणित वेबसाइटों का उपयोग करें।
- ऑनलाइन सुरक्षा सॉफ़्टवेयर का उपयोग करें: एक अच्छा एंटीवायरस और सुरक्षा सॉफ़्टवेयर अपने उपकरणों में स्थापित करें।
डिजिटल फ्रॉड से बचने के लिए सतर्कता और सावधानी बरतना जरूरी है।