Investment and Trading Scams: सावधान! कहीं मुनाफे की लालच न बना दे शिकार, फर्जी ट्रेडिंग प्लेटफॅार्म पर निवेश करने से बचे
Investment and Trading Scams:डिजिटल युग में वित्तीय धोखाधड़ी के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, और निवेश व ट्रेडिंग घोटाले इनमें सबसे अधिक प्रचलित हो गए हैं। भारत में हजारों लोग हर साल इन घोटालों का शिकार बनते हैं। इन घोटालों में धोखेबाज फर्जी निवेश प्लेटफॉर्म, ट्रेडिंग ऐप्स और नकली योजनाओं का उपयोग करके लोगों को अपने जाल में फंसाते हैं।
कैसे काम करते हैं ये घोटाले?
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फर्जी निवेश प्लेटफॉर्म:
ये प्लेटफॉर्म उच्च लाभ और गारंटीड रिटर्न का वादा करते हैं। इन पर निवेश करने के बाद, लोगों को शुरू में थोड़ा लाभ दिखाया जाता है। जब निवेशक और बड़ी राशि डालते हैं, तो यह प्लेटफॉर्म अचानक गायब हो जाते हैं। -
फर्जी ट्रेडिंग ऐप्स:
ऐप्स पर उपयोगकर्ताओं को ट्रेडिंग के लिए प्रेरित किया जाता है। यह दावा किया जाता है कि वे विशेष एल्गोरिदम का उपयोग करके बाजार की चाल का सटीक अनुमान लगाते हैं। लेकिन अक्सर ये डेटा और उपयोगकर्ता के फंड के साथ छेड़छाड़ करते हैं। -
क्रिप्टोकरेंसी घोटाले:
क्रिप्टो ट्रेडिंग के नाम पर झूठे प्रोजेक्ट पेश किए जाते हैं। पीड़ितों से पैसे जमा कराए जाते हैं, और उसके बाद स्कैमर्स प्रोजेक्ट बंद करके भाग जाते हैं।
हाल के आंकड़े:
- 2024 के पहले चार महीनों में भारतीय नागरिकों ने ट्रेडिंग और निवेश घोटालों में लगभग ₹1,400 करोड़ का नुकसान उठाया।
- 10,000 से अधिक मामले केवल निवेश धोखाधड़ी के दर्ज किए गए।
- साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल पर 6 लाख से अधिक शिकायतें दर्ज की गईं।
घोटाले का शिकार होने के प्रमुख कारण:
- अज्ञानता: कई निवेशक सही जानकारी के बिना वित्तीय प्लेटफॉर्म पर भरोसा कर लेते हैं।
- लालच: उच्च रिटर्न का वादा अक्सर लोगों को फंसाने का सबसे बड़ा कारण बनता है।
- कमजोर साइबर सुरक्षा: फर्जी ऐप्स और वेबसाइटें अक्सर वास्तविक दिखने के लिए उन्नत तकनीकों का उपयोग करती हैं।
बचने के उपाय:
- प्लेटफॉर्म की जांच करें: किसी भी निवेश प्लेटफॉर्म पर पैसे लगाने से पहले उसकी प्रामाणिकता की जांच करें।
- फर्जी ऑफर्स से बचें: यदि कोई ऑफर अत्यधिक लाभदायक लगे, तो सावधान रहें।
- सरकारी पोर्टल का उपयोग करें: शिकायत दर्ज करने और सही जानकारी के लिए राष्ट्रीय साइबर क्राइम पोर्टल का उपयोग करें।