12वीं पास ने यूट्यूब से डिजिटल अरेस्ट का तरीका सीखा, और ठग लिए 82.30 लाख रुपये

कानपुर में EPFO से रिटायर्ड क्लर्क से 82.30 लाख की डिजिटल अरेस्ट साइबर ठगी का खुलासा, अलीगढ़ से यूट्यूबर मास्टरमाइंड समेत तीन आरोपी गिरफ्तार. जानें कैसे यूट्यूब से सीखी गई ये करोड़ों की ठगी की तकनीक.

 
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कानपुर में EPFO से रिटायर्ड मुख्य लिपिक विनोद कुमार झा से डिजिटल अरेस्ट का झांसा देकर 82.30 लाख रुपये की साइबर ठगी करने वाले गिरोह के तीन सदस्यों को साइबर क्राइम टीम ने अलीगढ़ से गिरफ्तार कर लिया। हैरानी की बात तो ये है कि गिरोह का मास्टरमाइंड 12वीं पास एक यूट्यूबर और गेमर निकला, जिसने यूट्यूब से डिजिटल अरेस्ट ठगी का तरीका सीखा था.

डिजिटल अरेस्ट का तरीका यूट्यूब से सीखा

गिरफ्तार मास्टरमाइंड रौबी कुमार, जो कि 12वीं पास है और ऑनलाइन गेम खेलता है, ने यूट्यूब पर वीडियो देखकर साइबर क्राइम के तरीके सीखे. गेमिंग के दौरान वह ऐसे कई लोगों से मिला जो इसी तरीके से करोड़ों की ठगी कर रहे थे.

उसने अपने गांव के दो साथियों जितेंद्र कुमार (बीफार्मा छात्र) और रविंद्र सिंह (8वीं पास) को इस रैकेट में शामिल कर लिया और मिलकर ग्रामीण क्षेत्रों के भोले-भाले लोगों को निशाना बनाना शुरू कर दिया.

82 लाख की ठगी के बाद बैंक खातों की जांच

डीसीपी क्राइम एसएम कासिम ने बताया कि जांच में सामने आया कि झा से ठगे गए पैसे नई दिल्ली, असम और गुवाहाटी के विभिन्न बैंक खातों में ट्रांसफर किए गए थे. सभी खाते फ्रीज कर दिए गए हैं.
इनमें एक खाताधारक महिला थी जो पैसा निकालने बैंक पहुंची थी, जिसका फुटेज भी मिल चुका है.

फर्जी खातों के जरिये रकम का लेनदेन

जांच में सामने आया कि ठगी के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के नाम पर 20 से अधिक फर्जी बैंक खाते खुलवाए गए थे. इन्हीं खातों से ठगी की रकम को एक से दूसरे खातों में भेजा गया. गिरोह के ठगी का तरीका बेहद पेशेवर और योजनाबद्ध थी.

क्रिप्टोकरंसी में किया निवेश

पुलिस के अनुसार आरोपित ठगी की रकम को क्रिप्टोकरंसी में भी निवेश करते थे. उन्होंने पेट्रोल पंप, रेस्टोरेंट्स और शॉपिंग के लिए भी इस रकम का इस्तेमाल किया, लेकिन आम लोगों की नजरों से बचने के लिए यह सभी बेहद साधारण जीवन जीते थे.

जब्त सामान और अब तक की रिकवरी

गिरोह के पास से अब तक ₹7.70 लाख नगद, चार मोबाइल फोन, और कई बैंक डिटेल्स बरामद की गई हैं. पुलिस गिरोह से जुड़े अन्य चार सदस्यों की भी तलाश कर रही है.

सुझाव:

  • किसी भी अंजान व्यक्ति को बैंक डिटेल्स न दें.
  • डिजिटल अरेस्ट, ऑनलाइन चालान या पुलिस से जुड़ी धमकी भरे कॉल को गंभीरता से लेने से पहले जांच करें.
  • साइबर ठगी की शिकार होने पर तुरंत 1930 या 7839856954 पर शिकायत करे.

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