24 लाख साइबर फ्रॉड के मामले में आरोपी युवक वाराणसी से गिरफ्तार

पलामू पुलिस ने 24 लाख साइबर फ्रॉड के मामले में प्रशिक्षु डीएसपी राजेश कुमार यादव के नेतृत्व में आरोपी अनिमेष दलाई को बनारस से गिरफ्तार किया है.

 
24 लाख साइबर फ्रॉड के मामले में आरोपी युवक वाराणसी से गिरफ्तार

पलामू पुलिस ने 24 लाख के साइबर फ्रॉड मामले में आरोपी को वाराणसी से किया गिरफ्तार

मेदिनीनगर: पलामू पुलिस ने 24 लाख रुपये की साइबर ठगी के मामले में मुख्य आरोपी अनिमेष दलाई को वाराणसी के सिगरा इलाके से गिरफ्तार किया है। इस कार्रवाई का नेतृत्व प्रशिक्षु डीएसपी राजेश कुमार यादव ने किया। अनिमेष पश्चिम बंगाल के पूर्वी मेदनीपुर जिले के इगरा थाना क्षेत्र का निवासी है।

मामला और गिरफ्तारी की प्रक्रिया

  • यह ठगी 13 अक्टूबर 2023 को हुई थी, और 16 अक्टूबर को पलामू साइबर थाना में मामला दर्ज किया गया।
  • पलामू एसपी रीष्मा रमेशन को सूचना मिली कि आरोपी वाराणसी में है।
  • इसके बाद प्रशिक्षु डीएसपी के नेतृत्व में टीम गठित की गई और वाराणसी के सिगरा इलाके में छापेमारी कर अनिमेष को गिरफ्तार कर लिया गया।

तकनीकी साक्ष्य और आरोपी की पहचान

  • जिस बैंक खाते में ठगी का पैसा गया था, वह खाता अनिमेष के मोबाइल नंबर से जुड़ा था।
  • अनिमेष के खाते में 5.40 लाख रुपये ट्रांसफर किए गए थे।
  • आरोपी के पास से रेडमी नोट 11 मोबाइल फोन और एक जियो सिम कार्ड बरामद हुआ, जिसका उपयोग ठगी के लिए किया गया था।

अन्य आरोपियों की तलाश जारी

  • पुलिस ने मामले में अन्य आरोपियों की पहचान कर ली है और उनकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है।
  • सभी संबंधित बैंक खातों को होल्ड कर दिया गया है, और जल्द ही पैसे की रिकवरी की जाएगी।

पीड़ित और ठगी की पृष्ठभूमि

  • यह ठगी वनांचल ग्रामीण बैंक के एक रिटायर्ड अधिकारी दिलीप कुमार दास के साथ हुई थी।
  • उन्होंने अपनी बेटी की शादी के लिए बैंक खाते में पैसे जमा कर रखे थे।

अनिमेष का आपराधिक रिकॉर्ड

  • अनिमेष पहले भी 2022 में पश्चिम बंगाल के पूर्वी मेदनीपुर जिले में साइबर ठगी के मामले में जेल जा चुका है।

पुलिस टीम की भूमिका

इस छापेमारी में प्रशिक्षु डीएसपी राजेश कुमार यादव के साथ साइबर क्राइम थाना प्रभारी विश्राम उरांव, पुलिस अवर निरीक्षक संतोष कुमार दास, और अन्य पुलिसकर्मी जैसे रामजी राम, धनंजय कुमार गुप्ता आदि शामिल थे।

निष्कर्ष:
पलामू पुलिस की यह सफलता साइबर अपराधों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है। अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी और ठगी की रकम की रिकवरी के प्रयास तेज कर दिए गए हैं।

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