रोजाना 1.35 करोड़ फ्रॉड कॉल्स की रोकथाम

भारत में साइबर धोखाधड़ी और फ्रॉड कॉल्स की बढ़ती घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए सरकार और निजी कंपनियों ने मिलकर बड़ा कदम उठाया है। हर रोज औसतन 1.35 करोड़ फ्रॉड कॉल्स को रोका जा रहा है, जिससे लाखों लोगों को आर्थिक नुकसान से बचाया गया है।
 
रोजाना 1.35 करोड़ फ्रॉड कॉल्स की रोकथाम

रोजाना 1.35 करोड़ फ्रॉड कॉल्स की रोकथाम: डिजिटल सुरक्षा की बड़ी उपलब्धि

भारत में साइबर धोखाधड़ी और फ्रॉड कॉल्स की बढ़ती घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए सरकार और निजी कंपनियों ने मिलकर बड़ा कदम उठाया है। हर रोज औसतन 1.35 करोड़ फ्रॉड कॉल्स को रोका जा रहा है, जिससे लाखों लोगों को आर्थिक नुकसान से बचाया गया है।

कैसे होता है फ्रॉड कॉल्स का खेल?

  1. फर्जी ऑफर और लॉटरी:

    • कॉल करने वाले खुद को बैंक, टेलीकॉम कंपनी, या सरकारी अधिकारी बताकर लोगों को लॉटरी या इनाम का झांसा देते हैं।
  2. केवाईसी अपडेट का झांसा:

    • बैंक खाता ब्लॉक होने या आधार कार्ड लिंक करने के नाम पर ओटीपी या पर्सनल जानकारी मांगी जाती है।
  3. फिशिंग लिंक:

    • कॉल करने के बाद फिशिंग लिंक भेजकर पीड़ित के फोन या बैंक खाते की जानकारी चुराई जाती है।
  4. इंश्योरेंस या निवेश:

    • जीवन बीमा, म्यूचुअल फंड या अन्य निवेश योजनाओं के नाम पर धोखाधड़ी।

रोकथाम के उपाय:

  1. टेलीकॉम कंपनियों का योगदान:

    • टेलीकॉम कंपनियां रोजाना 1.35 करोड़ संदिग्ध कॉल्स को ब्लॉक कर रही हैं।
    • AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) आधारित तकनीकों का उपयोग करके फ्रॉड नंबरों की पहचान की जाती है।
  2. TRAI की पहल:

    • भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) ने डीएनडी (Do Not Disturb) नियमों को सख्ती से लागू किया।
    • फर्जी कॉल्स की शिकायत के लिए हेल्पलाइन नंबर 1909 शुरू किया।
  3. Truecaller और अन्य एप्स का उपयोग:

    • Truecaller जैसे एप्स की मदद से स्पैम कॉल्स की पहचान करना आसान हुआ।
    • फर्जी नंबरों की रिपोर्ट करने की सुविधा।
  4. सरकार का कदम:

    • साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर 1930 की शुरुआत।
    • राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल पर फ्रॉड कॉल्स और साइबर धोखाधड़ी की शिकायत करने का विकल्प।
  5. डेटाबेस मॉनिटरिंग:

    • टेलीकॉम कंपनियां और साइबर सुरक्षा एजेंसियां फर्जी नंबरों का डेटाबेस तैयार कर उन्हें ब्लॉक कर रही हैं।

फ्रॉड कॉल्स से बचने के लिए टिप्स:

  1. व्यक्तिगत जानकारी न दें:

    • किसी भी कॉल पर अपने बैंक डिटेल्स, ओटीपी या आधार नंबर साझा न करें।
  2. अनजान लिंक पर क्लिक न करें:

    • कॉल के बाद भेजे गए किसी संदिग्ध लिंक को न खोलें।
  3. सत्यापित स्रोत पर भरोसा करें:

    • बैंक या सरकारी एजेंसियों से जुड़े मामलों में केवल आधिकारिक नंबर पर संपर्क करें।
  4. रिपोर्ट करें:

    • अगर आपको फ्रॉड कॉल मिले तो 1909 या 1930 पर रिपोर्ट करें।
  5. सुरक्षा एप्स का उपयोग करें:

    • Truecaller या Norton जैसी एप्स की मदद से फर्जी नंबर की पहचान करें।

रोकथाम की सफलता:

  • AI और मशीन लर्निंग तकनीक के कारण 2024 में हर दिन 1.35 करोड़ से अधिक फ्रॉड कॉल्स को ब्लॉक किया जा रहा है।
  • जागरूकता अभियानों और तकनीकी सुधारों के कारण फ्रॉड कॉल्स का शिकार होने वालों की संख्या में कमी आई है।

निष्कर्ष:

फ्रॉड कॉल्स रोकने के लिए सरकार, टेलीकॉम कंपनियों और साइबर एजेंसियों का सहयोग एक बड़ी उपलब्धि है। जागरूकता और तकनीकी उपायों के साथ, लोग अपने वित्तीय और व्यक्तिगत डेटा को सुरक्षित रख सकते हैं।

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