117 करोड़ रुपये की अंतरराष्ट्रीय साइबर धोखाधड़ी का मामला:

हाल ही में सीबीआई (केंद्रीय जांच ब्यूरो) ने दिल्ली-एनसीआर में 117 करोड़ रुपये की एक बड़ी अंतरराष्ट्रीय साइबर धोखाधड़ी का पर्दाफाश किया है। इस मामले में सीबीआई ने 10 अलग-अलग स्थानों पर छापेमारी की, जिसमें कई महत्वपूर्ण दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बरामद किए गए हैं।
 
117 करोड़ रुपये की अंतरराष्ट्रीय साइबर धोखाधड़ी का मामला:

117 करोड़ रुपये की अंतरराष्ट्रीय साइबर धोखाधड़ी का मामला:

हाल ही में सीबीआई (केंद्रीय जांच ब्यूरो) ने दिल्ली-एनसीआर में 117 करोड़ रुपये की एक बड़ी अंतरराष्ट्रीय साइबर धोखाधड़ी का पर्दाफाश किया है। इस मामले में सीबीआई ने 10 अलग-अलग स्थानों पर छापेमारी की, जिसमें कई महत्वपूर्ण दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बरामद किए गए हैं।

कैसे हुई धोखाधड़ी?

  1. अंतरराष्ट्रीय कॉल सेंटर का संचालन:
    आरोपियों ने फर्जी कॉल सेंटर स्थापित किए, जहां से विदेशी नागरिकों को कॉल करके ठगा गया।

  2. टेक सपोर्ट स्कैम:

    • आरोपियों ने खुद को माइक्रोसॉफ्ट, अमेज़न और गूगल जैसे प्रतिष्ठित कंपनियों का प्रतिनिधि बताया।
    • उन्होंने विदेशी नागरिकों को उनके कंप्यूटर में वायरस या अन्य तकनीकी समस्या का झूठा डर दिखाकर ठगा।
  3. रिमोट एक्सेस:

    • आरोपियों ने तकनीकी सहायता के बहाने रिमोट एक्सेस सॉफ्टवेयर का उपयोग किया।
    • रिमोट एक्सेस के जरिए पीड़ितों के कंप्यूटर में घुसपैठ की और बैंक खातों से पैसे चुराए।
  4. फर्जी भुगतान गेटवे का उपयोग:

    • धोखाधड़ी से जुटाई गई रकम को फर्जी कंपनियों के जरिए हवाला नेटवर्क का इस्तेमाल कर सफेद धन में बदला गया।

सीबीआई की कार्रवाई:

  1. सूचना मिलने के बाद कार्रवाई:
    सीबीआई को अमेरिका, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों के कानून प्रवर्तन एजेंसियों से शिकायत मिली थी।

  2. दिल्ली-एनसीआर में छापेमारी:

    • छापेमारी के दौरान, सीबीआई ने कंप्यूटर, लैपटॉप, मोबाइल फोन, हार्ड ड्राइव और फर्जी दस्तावेज बरामद किए।
    • बैंक खातों और संदिग्ध ट्रांजेक्शनों की भी जांच की गई।
  3. आरोपी गिरोह का नेटवर्क:
    सीबीआई ने कहा है कि इस धोखाधड़ी में कई देशों में फैला हुआ एक बड़ा सिंडिकेट शामिल है।

पैसों का इस्तेमाल और हवाला कनेक्शन:

  • धोखाधड़ी से जुटाई गई राशि को भारत से बाहर भेजने के लिए हवाला नेटवर्क का उपयोग किया गया।
  • पैसा क्रिप्टोकरेंसी में भी बदलकर अंतरराष्ट्रीय लेनदेन के जरिए ट्रैकिंग से बचाने का प्रयास किया गया।

महत्वपूर्ण तथ्य:

  • कुल राशि: 117 करोड़ रुपये।
  • देश: भारत के अलावा अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया जैसे कई देशों में फैला हुआ नेटवर्क।
  • फर्जी कंपनियां: आरोपी गिरोह ने कई फर्जी कंपनियां बनाई थीं, जो धन को वैध दिखाने का काम करती थीं।

सीबीआई की अपील:

  • सीबीआई ने लोगों से अपील की है कि वे किसी भी संदिग्ध कॉल या ईमेल के झांसे में न आएं।
  • अपने कंप्यूटर या मोबाइल में किसी अज्ञात व्यक्ति को रिमोट एक्सेस की अनुमति न दें।

अभी की स्थिति:

  • मामले की जांच जारी है।
  • सीबीआई और अंतरराष्ट्रीय एजेंसियां इस धोखाधड़ी के अन्य आरोपियों को पकड़ने और पूरी साजिश का पर्दाफाश करने के लिए काम कर रही हैं।

सतर्कता का संदेश:

इस घटना से यह स्पष्ट है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर साइबर धोखाधड़ी से बचने के लिए सतर्कता और तकनीकी जागरूकता बेहद जरूरी है।

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