Social Media Impersonation and Extortion : आपके सोशल मीडिया पर भी हैं साइबर अपराधियों की नजर! अब ढूंढा यह नया तरीका
आज के डिजिटल युग में सोशल मीडिया हमारी जिंदगी का अहम हिस्सा बन चुका है। लेकिन इसका दुरुपयोग भी तेजी से बढ़ रहा है। सोशल मीडिया पर इंपर्सोनेशन (यानी किसी की पहचान की नकल) और ब्लैकमेलिंग के मामले हाल के कुछ दिनों में काफी बढ़े हैं। यह एक ऐसा साइबर अपराध है, जिसमें अपराधी किसी व्यक्ति की सोशल मीडिया प्रोफाइल की नकल कर या उसे हैक करके, उनकी पहचान का गलत इस्तेमाल करते हैं।
अपराध का तरीका
सोशल मीडिया इंपर्सोनेशन के अपराधी किसी व्यक्ति की तस्वीर, नाम और अन्य व्यक्तिगत जानकारी का उपयोग करके नकली प्रोफाइल बनाते हैं। इस प्रोफाइल के जरिए वे पीड़ित के दोस्तों और परिवारजनों से पैसे मांगते हैं या उन्हें धोखा देने की कोशिश करते हैं।
दूसरा तरीका यह है कि अपराधी असली प्रोफाइल को हैक कर लेते हैं और उसमें संग्रहीत निजी संदेश, तस्वीरें या वीडियो का उपयोग ब्लैकमेल करने के लिए करते हैं। वे पीड़ित को धमकी देते हैं कि अगर उनकी मांगी गई राशि नहीं दी गई, तो वे इन व्यक्तिगत जानकारियों को सार्वजनिक कर देंगे।
ताजा ंमामले
इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप पर धोखाधड़ी: हाल ही में कई लोगों ने शिकायत की कि उनकी सोशल मीडिया प्रोफाइल की नकल कर उनके दोस्तों से पैसे मांगे गए।
प्रसिद्ध व्यक्तियों को निशाना बनाना: कई बार सेलिब्रिटीज और समाज में प्रसिद्ध व्यक्तियों को भी इसका शिकार बनाया गया है। उनकी पहचान का इस्तेमाल कर फॉलोअर्स से पैसे ठगे गए।
इस अपराध से बचाव
प्रोफाइल सेफ्टी: अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स पर मजबूत पासवर्ड और टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन का इस्तेमाल करें।
संवेदनशील जानकारी साझा न करें: सोशल मीडिया पर अपनी निजी जानकारी, जैसे फोन नंबर, पते या व्यक्तिगत तस्वीरें, साझा करने से बचें।
संदिग्ध गतिविधियों की पहचान: अगर आपको किसी अजनबी से कोई संदेश मिले, जिसमें पैसे मांगे जा रहे हों, तो सतर्क रहें।
साइबर क्राइम सेल से संपर्क करें: किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तुरंत रिपोर्ट करें। आप cybercrime.gov.in या हेल्पलाइन नंबर 1930 पर शिकायत दर्ज करा सकते हैं।
कानूनी उपाय
भारत में आईटी एक्ट 2000 की धारा 66C और 66D के तहत पहचान की चोरी और धोखाधड़ी को दंडनीय अपराध माना गया है। दोषी पाए जाने पर उन्हें तीन साल तक की जेल और जुर्माना हो सकता है।