भरतपुर में 'ऑपरेशन एंटी वायरस' की सफलता

राजस्थान के भरतपुर संभाग में पुलिस द्वारा चलाए गए 'ऑपरेशन एंटी वायरस' ने साइबर अपराध पर नियंत्रण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इस अभियान के तहत साइबर अपराध के मामलों में 20% से घटकर केवल 6% तक की कमी दर्ज की गई है। भरतपुर क्षेत्र, जिसे पहले 'मिनी जामताड़ा' कहा जाता था, अब साइबर अपराध पर लगाम लगाने में सफल रहा है।
 
भरतपुर में 'ऑपरेशन एंटी वायरस' की सफलता:

राजस्थान के भरतपुर संभाग में पुलिस द्वारा चलाए गए 'ऑपरेशन एंटी वायरस' ने साइबर अपराध पर नियंत्रण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इस अभियान के तहत साइबर अपराध के मामलों में 20% से घटकर केवल 6% तक की कमी दर्ज की गई है। भरतपुर क्षेत्र, जिसे पहले 'मिनी जामताड़ा' कहा जाता था, अब साइबर अपराध पर लगाम लगाने में सफल रहा है।

ऑपरेशन एंटी वायरस क्या है?

  1. साइबर अपराधियों पर कड़ी निगरानी:

    • भरतपुर पुलिस ने साइबर अपराधियों के नेटवर्क पर नजर रखकर बड़े पैमाने पर कार्रवाई की।
    • संदिग्ध मोबाइल नंबरों, फर्जी बैंक खातों, और डिजिटल लेन-देन की गहन जांच की गई।
  2. जनजागरूकता अभियान:

    • गांव-गांव में जागरूकता अभियान चलाकर लोगों को साइबर अपराध के खतरों और उनसे बचाव के तरीके बताए गए।
    • सोशल मीडिया और स्थानीय मीडिया का उपयोग कर साइबर सुरक्षा के बारे में जानकारी दी गई।
  3. सख्त कार्रवाई:

    • पुलिस ने ठगी के मामलों में कई आरोपियों को गिरफ्तार किया और ठगी में इस्तेमाल होने वाले उपकरण जब्त किए।
    • अपराधियों पर सख्त कानूनी कार्रवाई कर उनके खिलाफ केस दर्ज किए गए।

परिणाम:

  1. साइबर अपराध में कमी:

    • भरतपुर में साइबर अपराध के मामलों में उल्लेखनीय कमी आई है। पहले 20% मामलों की रिपोर्ट होती थी, जो अब घटकर केवल 6% रह गई है।
  2. भरोसा बहाल:

    • पुलिस की सक्रियता ने स्थानीय लोगों में सुरक्षा का भरोसा बढ़ाया है।
  3. मिनी जामताड़ा की छवि बदली:

    • भरतपुर, जिसे पहले साइबर अपराध का गढ़ माना जाता था, अब एक सुरक्षित क्षेत्र के रूप में उभर रहा है।

साइबर सुरक्षा के लिए सुझाव:

  1. अनजान लिंक पर क्लिक न करें।
  2. अपने बैंक डिटेल्स और ओटीपी किसी से साझा न करें।
  3. संदिग्ध गतिविधियों की सूचना तुरंत साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर 1930 पर दें।

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