Tech Support Scams : ऑनलाइन ठगी का नया तरीका, जानकर उड़ जाएंगे होश!

 
Tech Support Scam

Tech Support Scams : डिजिटल युग में जैसे-जैसे तकनीकी सेवाओं पर हमारी निर्भरता बढ़ रही है, वैसे-वैसे साइबर अपराधी भी नए-नए तरीके अपनाकर लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं। ऐसा ही एक तरीका है टेक सपोर्ट स्कैम। इस प्रकार के धोखाधड़ी के मामलों में अपराधी तकनीकी सहायता के बहाने लोगों को निशाना बनाते हैं और उनसे पर्सनल जानकारी या पैसे वसूलने की कोशिश करते हैं।


टेक सपोर्ट स्कैम क्या है?

टेक सपोर्ट स्कैम में अपराधी एक प्रतिष्ठित तकनीकी कंपनी (जैसे माइक्रोसॉफ्ट, गूगल, या एप्पल) के अधिकारी के रूप में पेश आते हैं। वे किसी तकनीकी समस्या, वायरस या मैलवेयर की झूठी सूचना देकर पीड़ित को डराने की कोशिश करते हैं। इसके बाद वे उस समस्या को "सुलझाने" के लिए पैसे की मांग करते हैं या पीड़ित को सॉफ़्टवेयर डाउनलोड करने के लिए कहते हैं, जो वास्तव में स्पाइवेयर या वायरस हो सकता है।

टेक सपोर्ट स्कैम के सामान्य तरीके

1. फेक पॉप-अप और मैसेज 
   
अक्सर अपराधी एक नकली पॉप-अप संदेश दिखाते हैं, जिसमें लिखा होता है कि आपके कंप्यूटर में वायरस है। इसमें एक हेल्पलाइन नंबर दिया जाता है जिसे कॉल करने पर स्कैम शुरू होता है।

2. फर्जी कॉल्स
   
पीड़ित को कॉल कर बताया जाता है कि उनका कंप्यूटर हैक हो चुका है या उनका डेटा खतरे में है। इसके बाद उन्हें तकनीकी सहायता के नाम पर पैसे देने के लिए कहा जाता है।

3. रिमोट एक्सेस स्कैम  
   
अपराधी पीड़ित से "रिमोट डेस्कटॉप" सॉफ़्टवेयर डाउनलोड करवाते हैं। इससे उन्हें पीड़ित के कंप्यूटर पर पूरा नियंत्रण मिल जाता है।

4. ईमेल फिशिंग
   
ईमेल के माध्यम से तकनीकी सहायता का दावा करते हुए लिंक भेजे जाते हैं। इन पर क्लिक करने से पीड़ित का डेटा चोरी हो सकता है।


स्कैम का असर

-वित्तीय नुकसान
   
पीड़ित से पैसे ठगने के अलावा, बैंक खाते की जानकारी भी चुराई जा सकती है।  

- डेटा चोरी  
   
अपराधी पीड़ित के कंप्यूटर से संवेदनशील जानकारी जैसे पासवर्ड, फोटोज़, या डॉक्युमेंट्स चुरा सकते हैं।
  
- मैलवेयर का खतरा  
   
नकली सॉफ़्टवेयर इंस्टॉल करवाकर पीड़ित के सिस्टम को खराब किया जा सकता है।

कैसे बचें टेक सपोर्ट स्कैम से?

1. सतर्क रहें 
   
कोई भी तकनीकी कंपनी अचानक कॉल करके मदद की पेशकश नहीं करती।  

2. फर्जी वेबसाइट्स और लिंक से बचें
   
हमेशा आधिकारिक वेबसाइट पर ही जाएं और वहां से सपोर्ट लें।  

3. रिमोट एक्सेस न दें 
   
किसी अंजान व्यक्ति को अपने सिस्टम का रिमोट एक्सेस देने से बचें।  

4. पॉप-अप्स को नजरअंदाज करें 
   
ऐसे किसी भी पॉप-अप को अनदेखा करें जो तकनीकी समस्या का दावा करता है।  

5. साइबर क्राइम को रिपोर्ट करें
   
किसी भी संदिग्ध गतिविधि को [साइबर क्राइम पोर्टल](https://www.cybercrime.gov.in) पर रिपोर्ट करें।  

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