वाराणसी: 55 लाख की साइबर ठगी का पर्दाफाश, एक आरोपी गिरफ्तार
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वाराणसी: 55 लाख की साइबर ठगी का पर्दाफाश, एक आरोपी गिरफ्तार
साइबर क्राइम पुलिस ने शनिवार को एक बड़े ठगी मामले का खुलासा करते हुए बिहार के सिवान निवासी पंकज कुमार यादव को गिरफ्तार किया। आरोपी फर्जी वेबसाइट बनाकर लोगों की निजी जानकारी जुटाता और इसे साइबर ठग गिरोह को बेच देता था।
कैसे हुई ठगी?
पंकज ने फर्जी वेबसाइटों के जरिए पेंशनरों और अन्य लोगों की निजी जानकारी हासिल की। इन वेबसाइटों पर पेंशन, सरकारी योजनाएं, और चिकित्सा सुविधाओं से जुड़ी जानकारियां दी जाती थीं। जब लोग इन वेबसाइटों को खोलते, तो उनकी निजी जानकारी पंकज के पास पहुंच जाती। वह यह डेटा गिरोह के अन्य सदस्यों को बेचकर प्रतिदिन 25,000 रुपये तक कमाता था।
बरामद सामान और ठगी का तरीका
गिरफ्तारी के दौरान पुलिस ने पंकज के पास से एक लैपटॉप, दो मोबाइल फोन और एक डेबिट कार्ड बरामद किया। उसने फर्जी दस्तावेज के जरिए वेबसाइट बनाकर लोगों को ठगने का जाल बिछाया था। पुलिस को उसके बैंक खाते में 7 लाख रुपये मिले, जो उसने ठगी से जमा किए थे।
https://youtu.be/70k7RwqguHc?si=TfysiHqXAAxFIwfw
गिरोह के अन्य सदस्य पहले ही गिरफ्तार
साइबर क्राइम थाना प्रभारी विजय नारायण मिश्र ने बताया कि पंकज एक अंतरजनपदीय गिरोह का हिस्सा है, जिसके आठ सदस्यों को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। यह गिरोह पेंशनरों और सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों को निशाना बनाकर उनके बैंक खातों से लाखों रुपये निकालता था।
इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस से पकड़ा गया
पंकज को इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस की मदद से ट्रैक किया गया। उसके मोबाइल और संपर्कों की निगरानी के बाद उसे सारनाथ स्थित साइबर क्राइम थाना बुलाया गया, जहां पूछताछ के बाद उसकी संलिप्तता स्पष्ट होने पर उसे गिरफ्तार किया गया।
जमीन और स्कूल में किया निवेश
ठगी से कमाए पैसे से पंकज ने जमीन खरीदी और सिवान में अपने दादा के नाम पर एक स्कूल भी चलाता है। जांच में पता चला है कि वह पेंशनरों के साथ ठगी करके बड़ी रकम जमा कर चुका है।
पुलिस ने इस मामले में बड़ी सफलता हासिल की है और गिरोह के खिलाफ आगे की कार्रवाई जारी है।