आवाज की नकल कर धोखाधड़ी (Voice Cloning Fraud):
वाराणसी में एक साइबर अपराध में ठगों ने वॉयस क्लोनिंग तकनीक का उपयोग कर एक बिल्डर से ₹60 लाख की ठगी की।
Fri, 13 Dec 2024
आवाज की नकल कर धोखाधड़ी (Voice Cloning Fraud):
वाराणसी में एक साइबर अपराध में ठगों ने वॉयस क्लोनिंग तकनीक का उपयोग कर एक बिल्डर से ₹60 लाख की ठगी की। यह घटना डिजिटल तकनीकों का दुरुपयोग कर ठगी के बढ़ते खतरों को उजागर करती है।
ठगी का तरीका:
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वॉयस क्लोनिंग सॉफ्टवेयर:
- ठगों ने बिल्डर के किसी करीबी व्यक्ति की आवाज की नकल की।
- यह नकल इतनी सटीक थी कि बिल्डर को यह महसूस ही नहीं हुआ कि वह असली व्यक्ति से बात नहीं कर रहे।
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विश्वास निर्माण:
- क्लोन की गई आवाज के जरिए पैसों की तत्काल आवश्यकता का झूठा दावा किया गया।
- बिल्डर से विश्वासपूर्वक पैसे ट्रांसफर करने को कहा गया।
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भुगतान:
- ठगों ने बैंक खाते में सीधे पैसे ट्रांसफर कराए। यह प्रक्रिया इतनी जल्दी हुई कि पीड़ित के पास संदेह करने का समय ही नहीं था।
पुलिस और विशेषज्ञों की सलाह:
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सतर्कता बरतें:
- किसी भी वित्तीय लेन-देन से पहले कॉल की सत्यता जांचें।
- संदिग्ध कॉल पर तुरंत प्रतिक्रिया न दें।
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डिजिटल सुरक्षा:
- संवेदनशील जानकारी ऑनलाइन साझा करने से बचें।
- अज्ञात लिंक या सॉफ़्टवेयर का उपयोग न करें।
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आधिकारिक सत्यापन:
- यदि कोई आपसे पैसे मांगता है, तो उनसे वीडियो कॉल पर बात करने की कोशिश करें।
- संदिग्ध गतिविधियों की सूचना तुरंत पुलिस को दें।
वॉयस क्लोनिंग: खतरा और समाधान
- यह तकनीक मशीन लर्निंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जरिए आवाजों की सटीक नकल करती है।
- इसे रोकने के लिए सुरक्षा एजेंसियों द्वारा जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं, ताकि लोग इस तरह की धोखाधड़ी से बच सकें।