Pope Francis का निधन, जानिए कैसे चुना जाता है नया पोप? पोप के मरने के बाद क्या होता है?

New Pope Election Process: पोप फ्रांसिस का 88 वर्ष की उम्र में निधन हो गया. अब वेटिकन में नए पोप के चयन की पारंपरिक प्रक्रिया शुरू होगी, जिसमें कार्डिनल्स एक गुप्त वोटिंग के जरिए नए धार्मिक प्रमुख का चुनाव करेंगे.
 
 
New Pope Election Process

New Pope Election Process: 1.4 अरब कैथोलिकों के रिलीजियस हेड पोप फ्रांसिस का 88 वर्ष की उम्र में निधन हो गया है. वे लंबे समय से उम्र संबंधित कई बीमारियों से जूझ रहे थे और पिछले एक महीने से अस्पताल में भर्ती थे. उनके निधन के साथ ही अब वेटिकन में नए पोप के चयन की ऐतिहासिक और परंपरागत प्रक्रिया शुरू हो गई है.

पोप की मृत्यु के बाद की प्रक्रिया
पोप की मृत्यु के बाद वेटिकन में Interregnum नामक एक विशेष काल शुरू होता है. यह वह समय होता है जब पोप की मृत्यु हो जाती है और नया पोप चुना नहीं गया होता। इस दौरान Camerlengo (वेटिकन की संपत्तियों और राजस्व का प्रशासक) पोप की मृत्यु की आधिकारिक पुष्टि करता है.

वह पोप का बपतिस्मा नाम तीन बार पुकारता है। यदि कोई उत्तर नहीं मिलता, तो वह मृत्यु की घोषणा करता है. पहले परंपरा अनुसार पोप के माथे पर चांदी की हथौड़ी से हल्की थपकी दी जाती थी, लेकिन यह परंपरा 1963 में समाप्त कर दी गई थी. इसके बाद वेटिकन आधिकारिक चैनलों के माध्यम से पोप के निधन की जानकारी विश्व को देता है.

Camerlengo पोप के अपार्टमेंट को सील कर देता है और Fisherman’s Ring (पोप की अंगूठी) व सील को नष्ट कर देता है, जो उनके कार्यकाल के अंत का प्रतीक होता है.

अंतिम संस्कार और शोक अवधि
Universi Dominici Gregis नामक दस्तावेज के अनुसार, पोप का अंतिम संस्कार उनकी मृत्यु के 4 से 6 दिनों के भीतर होना चाहिए. आमतौर पर उन्हें सेंट पीटर्स बैसिलिका में दफनाया जाता है, जब तक कि उन्होंने किसी अन्य स्थान की इच्छा न जताई हो. इसके बाद 9 दिनों का शोक काल (Novemdiales) मनाया जाता है.

नए पोप का चुनाव कैसे होता है
पोप की मृत्यु के 15 से 20 दिनों के भीतर Papal Conclave की प्रक्रिया शुरू होती है. इसमें 80 वर्ष से कम आयु वाले सभी कार्डिनल वेटिकन सिटी में एकत्र होते हैं. उन्हें Sistine Chapel में बंद कर दिया जाता है और बाहरी दुनिया से हर तरह का संपर्क समाप्त कर दिया जाता है.

यहां वे कई चरणों में वोटिंग करते हैं. जब तक किसी एक उम्मीदवार को दो-तिहाई बहुमत नहीं मिलता, प्रक्रिया चलती रहती है. हर वोटिंग के बाद मतपत्र जलाए जाते हैं — काले धुएं का मतलब है कि निर्णय नहीं हुआ, जबकि सफेद धुएं से संकेत मिलता है कि नया पोप चुन लिया गया है.

नया पोप कैसे घोषित होता है
चयन के बाद नए पोप से पूछा जाता है कि क्या वे यह पद स्वीकार करते हैं. सहमति मिलने पर वह अपना Papal Name चुनते हैं, जो अक्सर किसी संत से प्रेरित होता है. फिर Senior Cardinal Deacon बालकनी से लैटिन में घोषणा करता है: “Habemus Papam” (हमारे पास एक पोप है). उसके बाद नया पोप सेंट पीटर्स स्क्वायर में अपने अनुयायियों को पहली बार आशीर्वाद देते हैं.

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