Venezuela Oil 2025 : वेनेजुएला से तेल खरीदने वाले देशों पर ट्रंप ने लगाया 25% टैरिफ, अब भारत का क्या होगा?

Venezuela Oil 2025 : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत के खिलाफ पारस्परिक टैरिफ की धमकी के बीच एक और बड़ा कदम उठाया है, जो भारत की ऊर्जा रणनीति को सीधे प्रभावित कर सकता है. सोमवार को ट्रंप ने ऐलान किया कि 2 अप्रैल 2025 से, जिसे उन्होंने "अमेरिका में मुक्ति दिवस" नाम दिया है, वेनेजुएला से तेल और गैस खरीदने वाले किसी भी देश पर अमेरिका 25% का टैरिफ लगाएगा.

 
Venezuela Oil 2025

यह फैसला वेनेजुएला को दंडित करने की ट्रंप की रणनीति का हिस्सा है. उनका दावा है कि वेनेजुएला ट्रेन डी अरागुआ जैसे अपराधियों और आतंकी संगठन के सदस्यों को अमेरिका में भेज रहा है, जिसे अमेरिका ने विदेशी आतंकवादी संगठन घोषित किया है.

भारत के लिए इसका मतलब

भारत ने हाल ही में, लगभग तीन साल के अंतराल के बाद, 2023 के अंत में अमेरिका द्वारा वेनेजुएला पर प्रतिबंधों में ढील देने के बाद वहाँ से कच्चे तेल का आयात फिर शुरू किया था. रिलायंस इंडस्ट्रीज़ और इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (IOC) जैसे भारतीय रिफाइनर वेनेजुएला के कच्चे तेल की सस्ती कीमतों से अटै्रक्ट हुए थे.

ट्रंप ने कहा

ट्रंप ने अपने ट्रुथ सोशल नेटवर्क पर लिखा, "वेनेजुएला संयुक्त राज्य अमेरिका और उन स्वतंत्रताओं के प्रति बहुत शत्रुतापूर्ण रहा है, जिनका हम समर्थन करते हैं. इसलिए, कोई भी देश जो वेनेजुएला से तेल और/या गैस खरीदता है, उसे हमारे देश के साथ किए जाने वाले किसी भी व्यापार पर संयुक्त राज्य अमेरिका को 25% टैरिफ का भुगतान करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा."

"इसलिए, जो भी देश वेनेजुएला से तेल और/या गैस खरीदेगा, उसे अमेरिका के साथ अपने किसी भी व्यापार पर 25% टैरिफ देना होगा. सारी कागजी कार्रवाई साइन और रजिस्टर्ड होगी, और यह टैरिफ 2 अप्रैल 2025, अमेरिका के मुक्ति दिवस से लागू होगा.

भारत को क्यों चिंता करनी चाहिए

  • रिफाइनिंग लागत में बढ़ोतरी: भारतीय रिफाइनरों को कीमतों में अस्थिरता और संभावित जुर्माने का सामना करना पड़ सकता है.
  • व्यापारिक जटिलताएँ: यह टैरिफ भारत-अमेरिका व्यापार संबंधों को प्रभावित कर सकता है, खासकर पहले से मौजूद पारस्परिक टैरिफ की धमकी के साथ.
  • आपूर्ति रणनीति पर असर: किफायती और विविध ऊर्जा स्रोत बनाए रखने की भारत की कोशिशें बाधित हो सकती हैं.
  • समयसीमा तेजी से नजदीक आ रही है, ऐसे में भारतीय सरकार और रिलायंस इंडस्ट्रीज़ जैसे बड़े तेल खिलाड़ियों को वेनेजुएला से अपनी खरीद योजनाओं पर फिर से विचार करना पड़ सकता है। वेनेजुएला से तेल खरीद जारी रखने की लागत इसके फायदों से ज्यादा हो सकती है.

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