हर्षा रिछारिया: महाकुंभ 2025 का विवादित चेहरा

हर्षा रिछारिया, जो सोशल मीडिया पर 'सबसे सुंदर साध्वी' के नाम से मशहूर हुईं, महाकुंभ 2025 के दौरान एक बड़ी चर्चा का विषय बनीं। यह विवाद तब शुरू हुआ जब वे प्रयागराज के महाकुंभ में निरंजनी अखाड़े की पेशवाई के दौरान शाही रथ पर बैठकर जुलूस में शामिल हुईं।
 
हर्षा रिछारिया: महाकुंभ 2025 का विवादित चेहरा

हर्षा रिछारिया, जो सोशल मीडिया पर 'सबसे सुंदर साध्वी' के नाम से मशहूर हुईं, महाकुंभ 2025 के दौरान एक बड़ी चर्चा का विषय बनीं। यह विवाद तब शुरू हुआ जब वे प्रयागराज के महाकुंभ में निरंजनी अखाड़े की पेशवाई के दौरान शाही रथ पर बैठकर जुलूस में शामिल हुईं।

कौन हैं हर्षा रिछारिया?

  • हर्षा रिछारिया मध्य प्रदेश के दमोह जिले की रहने वाली 30 वर्षीय युवती हैं।
  • वे मूलतः एक सामान्य युवती थीं, जिन्होंने धर्म से जुड़ने और साध्वी बनने की इच्छा जाहिर की थी।
  • सोशल मीडिया पर उनकी तस्वीरें वायरल होने के बाद उन्हें 'सबसे सुंदर साध्वी' का टैग दिया गया, हालांकि उन्होंने यह स्पष्ट किया कि वे अभी साध्वी नहीं हैं और संन्यास की दीक्षा नहीं ली है।

विवाद की शुरुआत

  • महाकुंभ के दौरान निरंजनी अखाड़े की पेशवाई में उन्हें शाही रथ पर बैठाया गया, जो संतों और साधुओं के लिए आरक्षित होता है।
  • इस पर ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कड़ी आपत्ति जताई। उन्होंने कहा, "जिसने अभी तक यह तय नहीं किया है कि उसे संन्यास लेना है या नहीं, उसे संतों के साथ रथ पर बैठाना परंपरा का अपमान है।"

सोशल मीडिया पर विवाद

  • हर्षा की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुए।
  • लोगों ने उन्हें 'सुंदर साध्वी' कहकर सराहा, लेकिन कई लोगों ने इस घटना पर सवाल भी उठाए।
  • ट्रोलिंग के कारण हर्षा मानसिक रूप से काफी आहत हुईं।

हर्षा की प्रतिक्रिया

  • बढ़ते विवाद और आलोचना से परेशान होकर, हर्षा ने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो साझा किया।

  • उन्होंने कहा:

    "शर्म आनी चाहिए उन लोगों को जिन्होंने मुझे इस तरह निशाना बनाया। मैं धर्म से जुड़ने आई थी, लेकिन आपने मुझे इस लायक भी नहीं छोड़ा कि मैं कुंभ में रुक पाऊं। मैं यहां से जा रही हूं।"

  • इस वीडियो में हर्षा भावुक नजर आईं, और उन्होंने महाकुंभ छोड़ने का संकल्प लिया।

परिवार की सफाई

  • हर्षा के माता-पिता ने मीडिया से बात करते हुए स्पष्ट किया कि उनकी बेटी ने संन्यास नहीं लिया है।
  • उन्होंने कहा कि हर्षा धर्म और संस्कृति के प्रति आकर्षित हैं, लेकिन उन्हें साध्वी कहना गलत है।

महाकुंभ और परंपराओं पर सवाल

इस घटना ने महाकुंभ में परंपराओं और धर्म से जुड़े मुद्दों पर बहस छेड़ दी है।

  • क्या धर्म में युवाओं के लिए स्थान है?
  • क्या परंपराओं का पालन आधुनिक समय में उचित तरीके से किया जा रहा है?

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