IMS BHU: पूर्वांचल वासियों के लिए राहत, आईएमएस में 820 करोड़ खर्च कर बनाई जाएंगी एम्स जैसी सुविधाएं in detail
एम्स जैसी सुविधा के लिए आईएमएस बीएचयू को 820 करोड़ मिलेंगे। ऐसे में पहली बार मिलने वाले इतने बड़े बजट से इलाज, पैथोलॉजी जांच, सर्जरी की विश्व स्तरीय सुविधा मरीजों को मुहैया कराई जाएगी

IMS BHU: पूर्वांचल वासियों के लिए राहत, आईएमएस में 820 करोड़ खर्च कर बनाई जाएंगी एम्स जैसी सुविधाएं
वाराणसी स्थित काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) के इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (IMS) में 820 करोड़ रुपये की लागत से अत्याधुनिक स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार किया जाएगा। इसके तहत एम्स जैसी सुविधाएं विकसित की जाएंगी, जो पूर्वांचल क्षेत्र के लाखों लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा। इस पहल का उद्देश्य इलाके में चिकित्सा सुविधाओं का स्तर सुधारना और लोगों को उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवाएं सुलभ कराना है।
820 करोड़ की परियोजना का उद्देश्य:
इस परियोजना के तहत, IMS BHU में आधुनिक चिकित्सा उपकरण, सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल, और मेडिकल शिक्षा के लिए बेहतर सुविधाएं स्थापित की जाएंगी। इससे क्षेत्रीय लोगों को सस्ती और उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकेंगी। फिलहाल, पूर्वांचल के लोग इलाज के लिए बड़े शहरों, जैसे दिल्ली या मुंबई, जाने के लिए मजबूर होते हैं, लेकिन इस परियोजना के बाद उन्हें स्थानीय स्तर पर ही उच्चतम स्तर की चिकित्सा सुविधाएं प्राप्त हो सकेंगी।
फैसिलिटी विस्तार में प्रमुख बदलाव:
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सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल: इसमें कार्डियोलॉजी, न्यूरोलॉजी, ऑर्थोपेडिक्स, गैस्ट्रोएंट्रोलॉजी, और अन्य विशेषज्ञताओं में इलाज की सुविधाएं दी जाएंगी।
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आधुनिक चिकित्सा उपकरण: अस्पताल में अत्याधुनिक तकनीकी उपकरणों की व्यवस्था की जाएगी, जैसे की MRI, CT स्कैन, अल्ट्रासाउंड, जिससे चिकित्सा उपचार में और सुधार होगा।
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मेडिकल शिक्षा: आईएमएस BHU में मेडिकल और पैरामेडिकल शिक्षा को और बेहतर बनाने के लिए रिसर्च सेंटर और आधुनिक क्लासरूम बनाए जाएंगे, ताकि यहां के छात्र उच्चतम स्तर की शिक्षा प्राप्त कर सकें।
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नर्सिंग और पैरामेडिकल ट्रेनिंग: नर्सिंग और पैरामेडिकल कोर्सेज के लिए भी उच्च गुणवत्ता वाले प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किए जाएंगे।
परियोजना के लाभ:
- स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार: यह परियोजना इलाके में बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करेगी, जिससे लोगों को इलाज के लिए अब शहरों में जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
- आर्थिक विकास: इस परियोजना से क्षेत्र में रोजगार के अवसर पैदा होंगे और स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी।
- उच्चतम चिकित्सा शिक्षा: मेडिकल छात्रों को विश्वस्तरीय शिक्षा मिल सकेगी, और उन्हें अपने क्षेत्र में ही चिकित्सा क्षेत्र में करियर बनाने का अवसर मिलेगा।