IMS-BHU को मिलेगी एम्स जैसी सुविधाएं, दिल्ली में हुआ MOU पर हस्ताक्षर
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नई दिल्ली में आज स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा और शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान की मौजूदगी में इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (आईएमएस), बीएचयू को एम्स जैसी सुविधाएं प्रदान करने के लिए समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए। इस अवसर पर बीएचयू के कुलपति प्रोफेसर सुधीर जैन, आईएमएस बीएचयू के निदेशक प्रोफेसर एसएन संखवार, और स्वास्थ्य एवं शिक्षा मंत्रालय के कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
2018 में बनी थी सहमति, अब बढ़ी भागीदारी
आईएमएस बीएचयू को एम्स जैसी सुविधाएं देने की योजना पहली बार 5 अगस्त 2018 को बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के केएन उडुप्पा सभागार में तैयार की गई थी। उस समय मानव संसाधन विकास मंत्रालय (अब शिक्षा मंत्रालय) और स्वास्थ्य मंत्रालय के बीच एमओयू हुआ था। हालांकि, छह साल बाद भी एम्स जैसी कई सुविधाएं संस्थान में उपलब्ध नहीं हो पाई थीं। इसके पीछे मुख्य वजह स्वास्थ्य मंत्रालय की सीमित भागीदारी थी।
अब नए एमओयू के साथ स्वास्थ्य मंत्रालय की सक्रिय भूमिका सुनिश्चित की गई है, जिससे एम्स जैसी सुविधाओं के विस्तार में तेजी आएगी।
शिक्षा मंत्री ने दी बधाई
शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने समझौते पर हस्ताक्षर के बाद एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा,
"आज इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, बीएचयू, और स्वास्थ्य मंत्रालय के बीच स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा की उपस्थिति में एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। यह समझौता ज्ञापन अकादमिक और अनुसंधान सहयोग को गहरा बनाने, छात्रों, संकाय सदस्यों, कर्मचारियों और अनुसंधान पेशेवरों के आदान-प्रदान को सुविधाजनक बनाने के लिए एम्स और आईएमएस बीएचयू के बीच मार्ग प्रशस्त करेगा, जिससे विशेष रूप से क्लिनिकल और स्वास्थ्य सुविधाओं के उन्नयन, रोबोटिक्स सर्जरी, अस्पताल प्रशासन और शासन जैसे क्षेत्रों में ज्ञान और विशेषज्ञता को साझा करने का मार्ग प्रशस्त होगा। यह समझौता ज्ञापन आईएमएस, बीएचयू को एक विश्व-स्तरीय संस्थान के रूप में स्थापित करने में मदद करेगा।
एम्स जैसी सुविधाओं की दिशा में कदम
इस नए समझौते के साथ आईएमएस बीएचयू में उन्नत चिकित्सा सेवाओं, आधुनिक तकनीकों, और बेहतर अस्पताल प्रबंधन की शुरुआत होगी। यह संस्थान को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान दिलाने की दिशा में बड़ा कदम साबित होगा।