प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विधायकों को स्पष्ट और सख्त नसीहत देते हुए कहा कि कांग्रेस के हालात को देखकर यह समझा जा सकता है

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विधायकों को स्पष्ट और सख्त नसीहत देते हुए कहा कि कांग्रेस के हालात को देखकर यह समझा जा सकता है कि यदि नेता जनता से कट जाएं और आपसी कलह में उलझ जाएं तो पार्टी का क्या हश्र हो सकता है। उन्होंने इस संदर्भ में सत्तारूढ़ दलों के लिए एक महत्वपूर्ण संदेश दिया और कहा कि सत्ताधारी दलों के बीच आपसी मतभेद बिल्कुल नहीं होना चाहिए।​​​​​​​

 
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विधायकों को स्पष्ट और सख्त नसीहत देते हुए कहा कि कांग्रेस के हालात को देखकर यह समझा जा सकता है

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विधायकों को स्पष्ट और सख्त नसीहत देते हुए कहा कि कांग्रेस के हालात को देखकर यह समझा जा सकता है कि यदि नेता जनता से कट जाएं और आपसी कलह में उलझ जाएं तो पार्टी का क्या हश्र हो सकता है। उन्होंने इस संदर्भ में सत्तारूढ़ दलों के लिए एक महत्वपूर्ण संदेश दिया और कहा कि सत्ताधारी दलों के बीच आपसी मतभेद बिल्कुल नहीं होना चाहिए।

प्रधानमंत्री ने नेताओं को आगाह किया कि जनता के साथ सीधा जुड़ाव बनाए रखना और पार्टी के भीतर एकता बनाए रखना सत्तारूढ़ दलों के लिए बेहद जरूरी है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि आपसी कलह और अंदरूनी विवाद केवल पार्टी को कमजोर करते हैं और इसका खामियाजा चुनावी प्रदर्शन और जनता के विश्वास में कमी के रूप में भुगतना पड़ता है।

मुख्य संदेश

  1. जनता से जुड़ाव बनाए रखें:

    • जनता की समस्याओं और अपेक्षाओं को समझना और उनसे संवाद करना बेहद जरूरी है।
  2. पार्टी के भीतर एकता पर जोर:

    • मतभेदों को बातचीत और समझदारी से हल करें, ताकि पार्टी की ताकत बनी रहे।
  3. कांग्रेस के हालात से सीखें:

    • प्रधानमंत्री ने कांग्रेस पार्टी का उदाहरण देते हुए यह स्पष्ट किया कि आंतरिक कलह और जनता से दूरी किसी भी पार्टी के लिए घातक साबित हो सकती है।

प्रधानमंत्री मोदी के इस बयान को सत्तारूढ़ दलों के लिए एक अहम संदेश माना जा रहा है, जिसमें उन्होंने पार्टी की एकता और जनता के साथ निरंतर संपर्क बनाए रखने की प्राथमिकता पर जोर दिया।

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