वाराणसी में CBI अफसर बनकर डिजिटल अरेस्टिंग करने वाले दबोचे:रिटायर्ड सब-लेफ्टिनेंट से साइबर ठगों ने पार किए थे 98 लाख, अब तक 11 जा चुके जेल
वाराणसी में सीबीआई अफसर बनकर डिजिटल अरेस्टिंग करने वाले साइबर ठगों का एक बड़ा गिरोह पकड़ा गया है। यह गिरोह अपने शिकार को यह बताकर ठगता था कि वे सरकारी एजेंसियों के अधिकारी हैं और डिजिटल अरेस्टिंग के नाम पर पैसे की मांग करते थे। इस गिरोह का शिकार हाल ही में एक रिटायर्ड सब-लेफ्टिनेंट बना था, जिससे कुल 98 लाख रुपये ठगे गए थे।
घटना का विवरण:
रिटायर्ड सब-लेफ्टिनेंट को ठगों ने एक धोखाधड़ी के जरिए शिकार बनाया। पहले तो आरोपी ने खुद को सीबीआई का अधिकारी बताते हुए पीड़ित से संपर्क किया। इसके बाद, आरोपी ने पीड़ित को डिजिटल अरेस्टिंग के नाम पर डराया और कहा कि अगर वह तुरंत पैसे नहीं देगा, तो उसके खिलाफ गंभीर कार्रवाई की जाएगी। ठग ने इस तरह से पीड़ित से भारी रकम की मांग की और उसे जबरन भुगतान करने के लिए दबाव बनाया।
ठगी की साजिश:
इस गिरोह ने ठगी के लिए एक सोची-समझी योजना बनाई थी। पहले तो वे पीड़ित को यह विश्वास दिलाते थे कि वे किसी सरकारी एजेंसी के अधिकारी हैं और उनके खिलाफ जांच चल रही है। फिर वे फर्जी तरीके से अधिकारी बनने का दावा करते हुए, डिजिटल अरेस्टिंग के जरिए डराकर शिकार से पैसे निकाल लेते थे। इस मामले में रिटायर्ड सब-लेफ्टिनेंट से कुल 98 लाख रुपये ठगे गए थे।
गिरफ्तारियां और जेल भेजे गए आरोपी:
सीबीआई और स्थानीय पुलिस ने इस गिरोह के खिलाफ सख्त कार्रवाई की और अब तक 11 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। इन गिरफ्तारियों में मुख्य आरोपी और अन्य गिरोह के सदस्य शामिल हैं। पुलिस ने इस गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश भी शुरू कर दी है। आरोपियों से पूछताछ के दौरान यह पता चला है कि यह गिरोह केवल वाराणसी तक सीमित नहीं था, बल्कि उत्तर भारत के कई अन्य इलाकों में भी सक्रिय था।
पुलिस की कार्रवाई:
वाराणसी पुलिस और सीबीआई ने एक संयुक्त ऑपरेशन चलाकर इस साइबर ठगी के गिरोह का पर्दाफाश किया। इस मामले में गिरफ्तार किए गए आरोपियों के खिलाफ साइबर ठगी, धोखाधड़ी, और कई अन्य गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस ने इस गिरोह के संचालन की पूरी जानकारी एकत्रित की है और यह भी पता चला है कि इन ठगों का नेटवर्क देशभर में फैला हुआ था।
साइबर ठगी से बचने के उपाय:
इस घटना ने यह स्पष्ट कर दिया है कि साइबर ठगों से बचने के लिए सतर्क रहना बेहद जरूरी है। कभी भी किसी अनजान व्यक्ति से पैसे की मांग करने पर तुरंत पुलिस को सूचित करें और किसी भी सरकारी एजेंसी का अधिकारी बनने का दावा करने वाले व्यक्तियों से सतर्क रहें। डिजिटल लेन-देन करते समय हमेशा सुरक्षा उपायों का पालन करें और संवेदनशील जानकारी को सुरक्षित रखें।
यह घटना यह भी दिखाती है कि साइबर अपराधियों का तरीका लगातार बदलता रहता है, और इसलिए हमें अपने डिजिटल सुरक्षा उपायों को लगातार अपडेट करना चाहिए।