दिल्ली में 11 करोड़ की साइबर ठगी:

दिल्ली में साइबर अपराधी एक बड़े धोखाधड़ी मामले में शामिल हैं, जिसमें एक कंपनी के एकाउंट मैनेजर से करीब 11 करोड़ रुपये की ठगी की गई। अपराधियों ने खुद को कंपनी के मालिक के रूप में पेश किया और एकाउंट मैनेजर से पैसे ट्रांसफर करवा लिए।
 
दिल्ली में 11 करोड़ की साइबर ठगी:

दिल्ली में 11 करोड़ की साइबर ठगी:

दिल्ली में साइबर अपराधी एक बड़े धोखाधड़ी मामले में शामिल हैं, जिसमें एक कंपनी के एकाउंट मैनेजर से करीब 11 करोड़ रुपये की ठगी की गई। अपराधियों ने खुद को कंपनी के मालिक के रूप में पेश किया और एकाउंट मैनेजर से पैसे ट्रांसफर करवा लिए।

घटना का विवरण:

  1. कैसे हुआ धोखाधड़ी:
    ठगों ने पहले कंपनी के एकाउंट मैनेजर से संपर्क किया और खुद को कंपनी के मालिक बताकर पैसे ट्रांसफर करने के लिए कहा। अपराधी ने भरोसा दिलाया कि यह कंपनी का नियमित काम है और पैसे ट्रांसफर करने के लिए उसने एक बैंक खाता नंबर भी प्रदान किया।

  2. मामला सामने आना:
    जब एकाउंट मैनेजर ने ट्रांसफर की प्रक्रिया पूरी की, तो बाद में उसे एहसास हुआ कि उसने ठगों के साथ धोखा किया है। इसके बाद उन्होंने इस मामले को पुलिस के सामने रखा।

  3. पुलिस कार्रवाई:
    दिल्ली पुलिस ने मामले की जांच शुरू की और तकनीकी जानकारी के आधार पर आरोपी का पता लगाना शुरू किया। जांच में पता चला कि ठगों का नेटवर्क केवल दिल्ली में नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी फैल चुका था।

  4. आरोपी की गिरफ्तारी:
    पुलिस ने आरोपी को बिहार के मुजफ्फरपुर से गिरफ्तार किया है। आरोपी के खिलाफ धोखाधड़ी और साइबर अपराध के तहत मामला दर्ज किया गया है।
    पुलिस ने यह भी खुलासा किया कि इस नेटवर्क का संपर्क दुबई तक फैला हुआ था और वह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी ठगी कर रहे थे।

  5. रुके हुए ट्रांजेक्शन:
    पुलिस ने आरोपियों के खातों को ट्रैक कर पैसे को फ्रीज कर दिया, जिससे और नुकसान होने से बचा लिया गया।

साइबर ठगी के तरीके:

यह घटना एक और उदाहरण है कि कैसे साइबर ठग कंपनियों के कर्मचारियों को धोखा देकर बड़ी रकम को अपने कब्जे में कर सकते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह की ठगी के मामलों में कर्मचारियों को अतिरिक्त सतर्कता बरतने की आवश्यकता है।

पुलिस की चेतावनी:

दिल्ली पुलिस ने सभी नागरिकों से अपील की है कि वे अपने बैंक और व्यक्तिगत जानकारी को साझा करते समय सतर्क रहें। किसी भी अनजान कॉल या संदेश पर बिना पुष्टि किए कोई भी वित्तीय ट्रांजेक्शन न करें।

समाप्त।

यह मामला एक और चेतावनी है कि साइबर अपराधी किस हद तक पेशेवर और चालाक हो सकते हैं।

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