वाराणसी में जितनी बिल्डिंग पर बार कोड, उतना होगा भुगतान:नगर निगम ने कार्यदाई संस्था स्मार्ट सिटी पर कसा शिकंजा, मेयर ने दी 31 तक की मोहलत

वाराणसी में नगर निगम ने एक नया कदम उठाया है, जिसके तहत शहर की सभी बिल्डिंग्स पर बार कोड लगाने का आदेश दिया गया है। इस आदेश के मुताबिक, जितनी बिल्डिंग्स पर बार कोड लगाए जाएंगे, उतना ही भुगतान नगर निगम को किया जाएगा|
 
वाराणसी में जितनी बिल्डिंग पर बार कोड, उतना होगा भुगतान:नगर निगम ने कार्यदाई संस्था स्मार्ट सिटी पर कसा शिकंजा, मेयर ने दी 31 तक की मोहलत 

वाराणसी में नगर निगम ने एक नया कदम उठाया है, जिसके तहत शहर की सभी बिल्डिंग्स पर बार कोड लगाने का आदेश दिया गया है। इस आदेश के मुताबिक, जितनी बिल्डिंग्स पर बार कोड लगाए जाएंगे, उतना ही भुगतान नगर निगम को किया जाएगा। इसके तहत शहर के स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट से संबंधित कार्यों को जिम्मेदार संस्था—स्मार्ट सिटी लिमिटेड पर कड़ी नजर रखी जाएगी।

प्रमुख बिंदु:

  1. बार कोड का उद्देश्य: यह कदम नगर निगम की ओर से शहर में संपत्तियों की पहचान और ट्रैकिंग को आसान बनाने के लिए उठाया गया है। बार कोड लगाने से संपत्तियों की सही जानकारी और उनका भुगतान आसानी से ट्रैक किया जा सकेगा। इसके अलावा, यह प्रक्रिया शहर में टैक्स वसूलने में भी मदद करेगी।

  2. स्मार्ट सिटी पर शिकंजा: नगर निगम ने स्मार्ट सिटी कार्यदाई संस्था पर शिकंजा कसते हुए कहा है कि जल्द से जल्द बिल्डिंग्स पर बार कोड लगाए जाएं। इसके लिए स्मार्ट सिटी लिमिटेड को जिम्मेदार ठहराया गया है। नगर निगम ने कार्यदाई संस्था को 31 जनवरी तक का समय दिया है, ताकि यह कार्य पूरी तरह से पूरा हो सके।

  3. मेयर की चेतावनी: मेयर ने स्पष्ट रूप से कहा कि अगर स्मार्ट सिटी लिमिटेड द्वारा तय समय में यह कार्य नहीं किया जाता है, तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इस आदेश के जरिए नगर निगम ने अपने प्रोजेक्ट्स और भुगतान प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने की कोशिश की है।

  4. भुगतान प्रक्रिया: अब से प्रत्येक बिल्डिंग पर बार कोड लगाने के बाद, संबंधित व्यक्ति या संस्था को नगर निगम को नियत शुल्क का भुगतान करना होगा। यह प्रक्रिया संपत्तियों की निगरानी को सरल और सटीक बनाएगी।

क्यों यह कदम महत्वपूर्ण है?

वाराणसी शहर में बढ़ते हुए विकास कार्यों और स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट्स के तहत संपत्तियों की निगरानी एक बड़ी चुनौती है। बार कोड सिस्टम से इन संपत्तियों की सही जानकारी जुटाने, टैक्स वसूलने, और नगर निगम की कार्यप्रणाली को बेहतर बनाने में मदद मिलेगी। यह कदम पारदर्शिता और शासन में सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

आपके हिसाब से, क्या यह कदम वाराणसी के विकास में मददगार साबित होगा?

वाराणसी नगर निगम ने एक नई पहल शुरू की है, जिसके तहत शहर की सभी बिल्डिंगों पर बार कोड लगाने का आदेश दिया गया है। यह कदम नगर निगम ने स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत उठाया है और इसका उद्देश्य नगर निगम द्वारा वसूली जाने वाली फीस, टैक्स, और अन्य संबंधित कार्यों को पारदर्शी और ट्रैक करने योग्य बनाना है।

प्रमुख बिंदु:

  1. बार कोड का उद्देश्य और कार्य:

    • ट्रैकिंग और पहचान: बार कोड लगाने का मुख्य उद्देश्य शहर की हर एक बिल्डिंग का सही और सटीक रिकॉर्ड रखना है। बार कोड के माध्यम से बिल्डिंग की जानकारी, जैसे कि मालिक, निर्माण की तारीख, ज़मीन के दस्तावेज़, और नगर निगम द्वारा वसूले गए शुल्क को आसानी से ट्रैक किया जा सकेगा।
    • शहरी नियमन और शुल्क वसूली: इससे नगर निगम को बिल्डिंगों से संबंधित सभी प्रकार के शुल्क और टैक्स का सही तरीके से संग्रह करने में मदद मिलेगी। जब बिल्डिंग पर बार कोड होगा, तो यह सिस्टम में रिकॉर्ड हो जाएगा, और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि सभी शुल्क समय पर और सही तरीके से वसूले जाएं।
  2. स्मार्ट सिटी परियोजना पर कार्रवाई:

    • इस योजना के तहत नगर निगम ने स्मार्ट सिटी लिमिटेड को जिम्मेदार ठहराया है। स्मार्ट सिटी परियोजना के अंतर्गत विभिन्न विकास कार्यों की निगरानी और प्रबंधन का काम स्मार्ट सिटी लिमिटेड के पास है। नगर निगम ने स्मार्ट सिटी लिमिटेड को आदेश दिया है कि वह जल्द से जल्द सभी बिल्डिंगों पर बार कोड लगाए।
    • इस प्रक्रिया को पूरा करने के लिए 31 जनवरी 2025 तक का समय दिया गया है। अगर तय समय के भीतर यह कार्य पूरा नहीं होता है, तो नगर निगम ने कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी है।
  3. मेयर की भूमिका और चेतावनी:

    • वाराणसी नगर निगम के मेयर ने इस आदेश को लेकर स्पष्ट निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि यह कदम शहर में विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। साथ ही, उन्होंने चेतावनी दी कि यदि 31 जनवरी तक बार कोड का कार्य पूरा नहीं होता, तो इसके लिए स्मार्ट सिटी लिमिटेड पर कार्रवाई की जाएगी।
    • मेयर ने यह भी स्पष्ट किया कि नगर निगम यह सुनिश्चित करेगा कि सभी विकास कार्य पारदर्शी और जवाबदेह तरीके से किए जाएं।
  4. पारदर्शिता और सुधार:

    • इस निर्णय से नगर निगम की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता आएगी। जब सभी बिल्डिंगों पर बार कोड होंगे, तो यह सुनिश्चित होगा कि हर बिल्डिंग का सही रिकॉर्ड रखा जाए। इसके माध्यम से न केवल संपत्ति के मालिकों का शुल्क सही तरीके से वसूल किया जाएगा, बल्कि यह शहर की संपत्तियों पर नजर रखने में भी मदद करेगा।
    • यह कदम स्मार्ट सिटी के तहत वाराणसी शहर में हो रहे विकास कार्यों को नियंत्रित करने में भी मदद करेगा और नगर निगम की योजनाओं को तेजी से लागू करने में सहायक होगा।
  5. समय सीमा और कदम:

    • नगर निगम ने 31 जनवरी 2025 तक यह कार्य पूरा करने का समय तय किया है। इस समय सीमा के भीतर सभी बिल्डिंगों पर बार कोड लगाए जाने चाहिए, ताकि स्मार्ट सिटी परियोजना की सफलता सुनिश्चित हो सके। अगर समय पर यह काम नहीं होता, तो नगर निगम संबंधित संस्था पर कानूनी और अन्य कड़ी कार्रवाई कर सकता है।

क्यों यह कदम महत्वपूर्ण है?

  1. स्मार्ट सिटी के उद्देश्य की पूर्ति:

    • स्मार्ट सिटी परियोजना का उद्देश्य शहर को टेक्नोलॉजी और स्मार्ट प्रबंधन के माध्यम से विकसित करना है। बार कोड प्रणाली से शहर के विकास कार्यों की निगरानी और व्यवस्थित वसूली सुनिश्चित होगी, जो स्मार्ट सिटी के अंतर्गत किए जाने वाले कार्यों को बेहतर बनाएगा।
  2. नागरिकों को लाभ:

    • इस प्रक्रिया से न केवल नगर निगम को बल्कि नागरिकों को भी फायदा होगा। पारदर्शिता और सही ट्रैकिंग के कारण नागरिकों को टैक्स और शुल्क के भुगतान में कोई परेशानी नहीं होगी। इसके अलावा, संपत्तियों के रिकॉर्ड और संबंधित विवरण अधिक आसानी से उपलब्ध होंगे, जो किसी भी विवाद के समय काम आएंगे।
  3. शहर के विकास में सुधार:

    • इस कदम के जरिए शहर के हर क्षेत्र में टैक्स और शुल्क की वसूली आसान हो जाएगी, जिससे नगर निगम के पास अधिक राजस्व आएगा। इससे शहर के इंफ्रास्ट्रक्चर और अन्य विकास कार्यों के लिए धन की उपलब्धता बढ़ेगी।

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