Brain Mapping से पता कर सकेंगे आपके बच्चे के लिए कौन सा कैरियर है बेस्ट, वाराणसी के युवाओं का स्टार्टअप

Brain Mapping Career Counselling: भारत की सांस्कृतिक राजधानी वाराणसी अब केवल धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व के लिए ही नहीं, बल्कि तकनीकी नवाचार और सामाजिक परिवर्तन के लिए भी चर्चा में है. शहर के दो युवा उद्यमी, अतुल कुमार मौर्य और ज्योति सिंह, ने ब्रेन मैपिंग टेक्नोलॉजी  पर आधारित एक अनूठा स्टार्टअप शुरू किया है, जो करियर काउंसलिंग के क्षेत्र में क्रांति लाने का वादा करता है. अटल इनक्यूबेशन सेंटर, वाराणसी  द्वारा समर्थित यह स्टार्टअप पारंपरिक करियर मार्गदर्शन को वैज्ञानिक और व्यक्तिगत दृष्टिकोण से बदल रहा है.

 
Brain Mapping Career Counselling

Brain Mapping: करियर काउंसलिंग का वैज्ञानिक दृष्टिकोण

यह स्टार्टअप पारंपरिक तरीकों से हटकर ब्रेन मैपिंग और न्यूरो-साइकोलॉजी  की अत्याधुनिक तकनीकों का उपयोग करता है. इसके माध्यम से छात्रों की संज्ञानात्मक क्षमताओं, व्यक्तित्व प्रवृत्तियों, और मस्तिष्क की कार्यप्रणाली का गहन विश्लेषण किया जाता है. इस प्रक्रिया में DMIT (Dermatoglyphics Multiple Intelligence Test) और ब्रेन वेव स्कैनिंग  जैसी तकनीकों का उपयोग होता है, जो यह निर्धारित करती हैं कि कोई छात्र रचनात्मक, विश्लेषणात्मक, या नेतृत्व-उन्मुख कार्यों में अधिक सक्षम है.

इसके आधार पर प्रत्येक छात्र को एक वैयक्तिकृत इंटेलिजेंस प्रोफाइल  प्रदान की जाती है, जिसमें उनकी ताकत, कमजोरियां, और उपयुक्त करियर विकल्पों की सिफारिश शामिल होती है. यह दृष्टिकोण सुनिश्चित करता है कि छात्र अपनी रुचियों, कौशल, और योग्यता के अनुरूप करियर चुनें, न कि सामाजिक दबाव या लोकप्रिय ट्रेंड के आधार पर.

संस्थापकों का विज़न

अतुल कुमार मौर्य, जो इस स्टार्टअप के सह-संस्थापक हैं, कहते हैं, "आज के समय में करियर का चयन केवल अंकों या बाजार के रुझानों पर निर्भर नहीं होना चाहिए. हर छात्र का मस्तिष्क अद्वितीय है, और हमें उनकी सोचने की शैली और क्षमताओं को समझकर ही मार्गदर्शन देना चाहिए. हमारा लक्ष्य है कि हर बच्चा अपने लिए सही दिशा चुन सके."

ज्योति सिंह, जो इस पहल की दूसरी स्तंभ हैं, आगे जोड़ती हैं, "ब्रेन मैपिंग तकनीक हमें यह समझने में सक्षम बनाती है कि कोई व्यक्ति किन क्षेत्रों में स्वाभाविक रूप से उत्कृष्ट प्रदर्शन कर सकता है. यह काउंसलिंग को सामान्य सलाह से ऊपर उठाकर एक डेटा-आधारित और वैज्ञानिक प्रक्रिया बनाता है. हम चाहते हैं कि भारत का हर छात्र अपनी पूरी क्षमता का उपयोग कर सके."

स्टार्टअप की प्रमुख विशेषताएं

यह स्टार्टअप कई अनूठी सेवाएं प्रदान करता है, जो इसे पारंपरिक करियर काउंसलिंग से अलग बनाती हैं

  1. DMIT और ब्रेन वेव स्कैनिंग: उंगलियों के निशान और मस्तिष्क की तरंगों के विश्लेषण के माध्यम से बुद्धि और व्यक्तित्व का आकलन.
  2. 1:1 काउंसलिंग सत्र: प्रत्येक छात्र के लिए व्यक्तिगत मार्गदर्शन, जिसमें उनकी प्रोफाइल के आधार पर करियर ऑप्शन्स पर चर्चा की जाती है.
  3. समग्र मार्गदर्शन प्रणाली: छात्रों के साथ-साथ अभिभावकों और शिक्षकों को भी शामिल किया जाता है ताकि एक संपूर्ण सहायता तंत्र बनाया जा सके.
  4. विस्तृत आयु वर्ग: कक्षा 6 से लेकर कॉलेज स्तर तक के छात्रों के लिए विशेष रूप से डिज़ाइन किए गए कार्यक्रम.
  5. स्किल और अप्टिट्यूड एनालिसिस: रोजगार की दिशा में छात्रों की स्किल मैपिंग और उनकी योग्यता का विश्लेषण.

अटल इनक्यूबेशन सेंटर का योगदान

अटल इनक्यूबेशन सेंटर, वाराणसी ने इस स्टार्टअप को न केवल तकनीकी और वित्तीय सहायता प्रदान की है, बल्कि इसे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पहचान दिलाने में भी मदद की है. केंद्र के मेंटरशिप प्रोग्राम और संसाधनों ने अतुल और ज्योति को अपने विचार को एक व्यवहार्य बिजनेस मॉडल में बदलने में सक्षम बनाया. यह सहयोग वाराणसी को एक नवाचार केंद्र के रूप में स्थापित करने की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम है.

सामाजिक प्रभाव और भविष्य की योजनाएं

इस स्टार्टअप का दीर्घकालिक विज़न भारत में करियर काउंसलिंग को एक वैज्ञानिक और समावेशी प्रक्रिया बनाना है. वर्तमान में, कई छात्र सामाजिक दबाव, जानकारी की कमी, या गलत मार्गदर्शन के कारण गलत करियर पथ चुन लेते हैं, जिसका असर उनकी मानसिक और व्यावसायिक जिंदगी पर पड़ता है. इस स्टार्टअप का लक्ष्य इस अंतर को पाटना और हर छात्र को सही दिशा प्रदान करना है.

टीम की भविष्य की योजनाएं

  • ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में सेवाओं का विस्तार, जहां करियर काउंसलिंग की पहुंच सीमित है.
  • स्कूलों और कॉलेजों के साथ साझेदारी करके बड़े पैमाने पर जागरूकता अभियान चलाना.
  • आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग के उपयोग से ब्रेन मैपिंग तकनीक को और परिष्कृत करना.
  • सरकारी योजनाओं के साथ तालमेल करके कम आय वाले परिवारों के लिए सस्ती काउंसलिंग सेवाएं प्रदान करना.

चुनौतियां और समाधान

हालांकि यह स्टार्टअप एक आशाजनक शुरुआत है, इसे कुछ चुनौतियों का सामना भी करना पड़ रहा है. ब्रेन मैपिंग तकनीक के बारे में जागरूकता की कमी और इसकी लागत कुछ क्षेत्रों में बाधा बन सकती है. इसके जवाब में, अतुल और ज्योति ने जागरूकता कार्यशालाओं और सब्सिडी योजनाओं की शुरुआत की है ताकि अधिक से अधिक लोग इस सेवा का लाभ उठा सकें.

अतुल कुमार मौर्य  और ज्योति सिंह  का यह स्टार्टअप न केवल वाराणसी, बल्कि पूरे भारत के लिए एक प्रेरणा है. ब्रेन मैपिंग तकनीक के माध्यम से करियर काउंसलिंग को वैज्ञानिक आधार देने की उनकी पहल शिक्षा क्षेत्र में एक नया अध्याय लिख रही है. अटल इनक्यूबेशन सेंटर के समर्थन के साथ, यह स्टार्टअप न केवल स्थानीय नवाचार को बढ़ावा दे रहा है, बल्कि लाखों छात्रों के भविष्य को उज्जवल बनाने की दिशा में भी काम कर रहा है. यह कहना गलत नहीं होगा कि वाराणसी से शुरू हुई यह छोटी सी पहल जल्द ही राष्ट्रीय स्तर पर शिक्षा और करियर मार्गदर्शन की मुख्यधारा को बदल सकती है.

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