Pahalgam Terror Attack: भारत में पाकिस्तानी नागरिकों को वीजा छूट पर रोक, जानिये क्या है SAARC योजना
पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने सख्त कदम उठाते हुए पाक नागरिकों के लिए SAARC वीज़ा छूट योजना को रद्द कर दिया है. अब पाकिस्तानी नागरिक 48 घंटे में देश छोड़ने के लिए बाध्य हैं.

Pahalgam Terror Attack: भारत सरकार ने पहलगाम आतंकी हमले के बाद बड़ा कदम उठाते हुए पाकिस्तान के नागरिकों पर SAARC वीज़ा छूट योजना (SVES) के तहत भारत आने पर रोक लगा दी है. कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) द्वारा बुधवार को इस संबंध में आधिकारिक घोषणा की गई.
अब कोई भी पाकिस्तानी नागरिक SAARC वीज़ा छूट योजना के तहत भारत की यात्रा नहीं कर सकेगा. इसके अलावा, जो पाकिस्तानी नागरिक वर्तमान में इस योजना के तहत भारत में हैं, उन्हें 48 घंटे के भीतर देश छोड़ने का आदेश दिया गया है.
भारत की 5-सूत्रीय प्रतिक्रिया का हिस्सा है यह फैसला
यह फैसला 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद लिया गया है, जिसमें 26 निर्दोष नागरिकों की जान चली गई और कई घायल हुए. सरकार ने इस हमले को नागरिकों की शांति और सुरक्षा पर सीधा हमला बताया है और पार-अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद पर कड़ा रुख अपनाने का संकल्प लिया है.
क्या है SAARC वीज़ा छूट योजना?
SAARC वीज़ा छूट योजना (SVES) की शुरुआत 1992 में हुई थी, जो 1988 के इस्लामाबाद SAARC समिट के दौरान क्षेत्रीय सहयोग और लोगों के बीच संपर्क को बढ़ावा देने के उद्देश्य से बनाई गई थी.
इस योजना के तहत
- SAARC देशों के 24 विशेष श्रेणियों के लोगों को वीज़ा छूट दी जाती थी.
- डिप्लोमैटिक और ऑफिशियल पासपोर्ट धारकों को भारत में वीज़ा-मुक्त यात्रा की अनुमति थी.
- नेपाल और भूटान के नागरिकों को पहले से ही भारत आने के लिए वीज़ा की आवश्यकता नहीं होती थी.
- पाकिस्तानी नागरिकों के लिए यह सुविधा सीमित रूप में थी और कुछ व्यवसायियों को ही बहु-प्रवेश वीज़ा दिया जाता था.
2015 की वीज़ा छूट नीति भी हुई रद्द
2015 में भारत सरकार ने चुनिंदा पाकिस्तानी व्यापारियों को 3 सालों के लिए विशेष वीज़ा छूट दी थी, जो केवल 15 निर्दिष्ट स्थानों तक सीमित थी. अब CCS के आदेश के तहत यह नीति भी पूरी तरह से रद्द कर दी गई है.
भविष्य में कोई विशेष छूट की संभावना नहीं
सूत्रों के अनुसार, वर्तमान सुरक्षा स्थिति को देखते हुए भविष्य में भी पाकिस्तान के लिए किसी तरह की विशेष वीज़ा छूट या संपर्क योजना की संभावना बेहद कम है. यहां तक कि Kartarpur Sahib Corridor, जो नवंबर 2019 में खुला था, भी अब समीक्षा के दायरे में आ सकता है.
सरकार का सख्त संदेश
भारत सरकार का यह कदम पाकिस्तान को एक स्पष्ट संदेश है कि आतंकवाद और शांति प्रयास साथ-साथ नहीं चल सकते. CCS के इस निर्णय से यह भी स्पष्ट है कि भारत अब क्षेत्रीय सहयोग की कीमत पर अपनी सुरक्षा से समझौता नहीं करेगा.
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