Caste Census Update: पहलगाम हमले के बाद ही क्यों हुई जातीय जनगणना की घोषणा? BJP के केंद्रीय मंत्री ने बताया
Caste Census Update: भारत सरकार ने 2026 में होने वाली आगामी जनगणना में जातीय गणना (Caste Census) को शामिल करने का निर्णय लिया है, जो देश के सामाजिक-आर्थिक ढांचे में एक महत्वपूर्ण बदलाव का संकेत है. यह निर्णय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट समिति की बैठक में लिया गया, जिसमें जनगणना अधिनियम, 1948 में संशोधन की आवश्यकता पर भी चर्चा हुई.

जातीय जनगणना की प्रक्रिया और समयसीमा
केंद्रीय मंत्री जी. किशन रेड्डी ने बताया कि जनगणना की प्रक्रिया 2026 के अंत या 2027 की शुरुआत में शुरू होने की संभावना है. यह पहली बार होगा जब 1931 के बाद भारत में जातीय आधार पर जनगणना की जाएगी.
पहलगाम हमले के बाद ही जातीय जनगणना की घोषणा क्यों
केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी ने स्पष्ट किया है कि जातीय जनगणना की घोषणा का समय पहलगाम आतंकी हमले से संबंधित नहीं है. उन्होंने बताया कि यह निर्णय आगामी 2026 की जनगणना और परिसीमन की तैयारी के तहत लिया गया है, जिसमें जातीय विवरण शामिल करने के लिए 'जनगणना अधिनियम, 1948' में संशोधन की आवश्यकता होगी.
केंद्रीय मंत्री जी. किशन रेड्डी ने बताया की जनगणना अगले साल 2026 में होने वाली है. लेकिन इसकी तैयारी अभी से शुरू होनी है. फॉर्म को अंतिम रूप देना है. कर्मचारियों को इसके लिए ट्रेनिंग भी दिया जाना है और अधिनियम में संशोधन का काम भी किया जाना है. इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए ये निर्णय लिया गया है.
विपक्षी दलों ने क्या कहा
हालांकि, विपक्षी दलों ने इस घोषणा के समय पर सवाल उठाए हैं. वंचित बहुजन अघाड़ी के नेता प्रकाश अंबेडकर ने आरोप लगाया कि यह घोषणा पहलगाम हमले के बाद जनता का ध्यान भटकाने के लिए की गई है. शिवसेना (यूबीटी) के सांसद संजय राउत ने भी इसे "जल्दबाजी में लिया गया निर्णय" बताया है.
कांग्रेस ने क्या कहा
वहीं, कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने इस निर्णय का स्वागत किया है, लेकिन इसे अपने दबाव का परिणाम बताया है. वहीं, भाजपा नेताओं ने इसे सामाजिक न्याय की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम बताया है.
सरकार का कहना है कि जातीय जनगणना की योजना पहले से ही थी और इसकी घोषणा का समय महज एक संयोग है। इस निर्णय के पीछे मुख्य उद्देश्य 2026 में होने वाली जनगणना और परिसीमन की तैयारी करना है, ताकि सभी वर्गों का समुचित प्रतिनिधित्व सुनिश्चित किया जा सके.
2021 की जनगणना में देरी के कारण
2021 में प्रस्तावित जनगणना COVID-19 महामारी के कारण स्थगित कर दी गई थी. सरकार ने अब इसे 2026 में कराने का निर्णय लिया है ताकि परिसीमन प्रक्रिया और जनगणना एक साथ पूरी की जा सके.
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