मुझे सदन में बोलने नहीं दिया जाता- ओम बिरला के चुप कराने पर क्यों भड़क गए Rahul Gandhi

Rahul Gandhi in Loksabha : लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने सदन की कार्यवाही के संचालन को लेकर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला पर गंभीर आरोप लगाए हैं. राहुल गांधी ने दावा किया कि उन्हें अपनी बात रखने का अवसर नहीं दिया जा रहा और सदन को गैर-लोकतांत्रिक ढंग से चलाया जा रहा है. यह विवाद तब शुरू हुआ, जब स्पीकर ओम बिरला ने राहुल के व्यवहार पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि सदन के सदस्य को अपनी गरिमा बनाए रखनी चाहिए। इसके जवाब में राहुल ने इसे अन्याय करार दिया और कहा कि उनके अधिकारों का हनन हो रहा है.

 
Rahul Gandhi in Loksabha

ओम बिरला की टिप्पणी पर राहुल का पलटवार
बुधवार को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने एक बयान में कहा था कि सदन में सभी सदस्यों का आचरण इसकी मर्यादा के अनुरूप होना चाहिए. उन्होंने यह भी जोड़ा कि सदन में पिता-पुत्री, माँ-बेटी और पति-पत्नी जैसे रिश्ते मौजूद हैं, इसलिए विपक्ष के नेता से उम्मीद की जाती है कि वे नियमों का पालन करें. इस पर राहुल गांधी ने तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, "मैंने कुछ भी गलत नहीं किया। फिर भी सदन को अलोकतांत्रिक तरीके से चलाया जा रहा है। मेरे साथ नाइंसाफी हो रही है, और मुझे अपनी बात कहने का हक है."

"मुझे बोलने से रोका जा रहा है" - राहुल का आरोप
राहुल गांधी ने आगे कहा कि जब भी वे सदन में अपनी बात रखने के लिए खड़े होते हैं, उन्हें मौका नहीं मिलता. उन्होंने कहा, "नेता विपक्ष को बोलने का अधिकार देना सदन की पुरानी परंपरा रही है, लेकिन मुझे नहीं पता कि यहाँ किस तरह का संचालन हो रहा है। लोकतंत्र में सरकार और विपक्ष दोनों की भूमिका होती है, पर यहाँ लोकतंत्र के लिए जगह नहीं दिखती." राहुल ने यह भी बताया कि पिछले 7-8 दिनों से वे चुपचाप बैठे थे और कुछ नहीं बोले, फिर भी उन्हें बोलने की इजाजत नहीं दी गई। विपक्ष के लिए कोई जगह नहीं है... केवल सरकार के लिए जगह है। प्रधानमंत्री ने कुंभ मेले के बारे में बात की। मैं बेरोजगारी के बारे में भी बोलना चाहता था, लेकिन मुझे इसकी अनुमति नहीं दी गई.

कांग्रेस सांसदों ने स्पीकर से की मुलाकात
सदन की कार्यवाही स्थगित होने के बाद कांग्रेस सांसदों ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से भेंट की और राहुल गांधी को बोलने का मौका न देने के खिलाफ अपना विरोध जताया। कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने इस मुद्दे पर कहा, "जब बीजेपी के सांसद या मंत्री बोलते हैं, उन्हें पूरी आजादी मिलती है, लेकिन विपक्ष के नेता को मौका नहीं दिया जाता।" गोगोई ने सुषमा स्वराज का उदाहरण देते हुए कहा, "जब वे नेता प्रतिपक्ष थीं, तब उन्हें कितना सम्मान मिलता था, यह सबने देखा। आज हालात बिल्कुल उलट हैं."

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