Operation Sindoor 2025: भारत ने पाकिस्तानी आतंकी संगठनों के इन 9 ठिकानों को बनाया निशाना, 4 पाकिस्तान में
Operation Sindoor 2025: ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय सेनाओं ने पहलगाम आतंकी हमले का बदला लेते हुए पाकिस्तान और PoK में 9 आतंकी ठिकानों को नष्ट किया. जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के गढ़ों पर हमला, 100 आतंकी ढेर. जानें पूरी कहानी.

Operation Sindoor 2025: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को हुए भीषण आतंकी हमले के ठीक 15 दिन बाद भारत ने इसका करारा जवाब दिया है. भारतीय सशस्त्र बलों ने बुधवार देर रात 'ऑपरेशन सिंदूर' शुरू कर पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में 9 आतंकी ठिकानों पर सटीक मिसाइल हमले किए.
सूत्रों के अनुसार, इस ऑपरेशन में करीब 100 आतंकियों के मारे जाने की खबर है. भारत ने इस कार्रवाई को आत्मरक्षा और आतंकवाद के खिलाफ अपनी 'जीरो टॉलरेंस' नीति का हिस्सा बताया है. भारतीय सेना के बयान में कहा गया, "हमने पाकिस्तान और PoK में आतंकी ढांचे को निशाना बनाया, जहां से भारत के खिलाफ आतंकी हमलों की साजिश रची और अंजाम दी गई थी." यह कार्रवाई 1971 के युद्ध के बाद पहली बार है, जब भारतीय सेनाओं ने पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में सीधे हमला किया है. आइए, इस ऐतिहासिक ऑपरेशन की पूरी कहानी समझते हैं.
ऑपरेशन सिंदूर: पहलगाम हमले का जवाब
22 अप्रैल 2025 को पहलगाम की बैसारन घाटी में आतंकियों ने पर्यटकों पर अंधाधुंध गोलीबारी की थी, जिसमें 26 लोग मारे गए थे, जिनमें एक नेपाली नागरिक और भारतीय नौसेना का एक अधिकारी शामिल था। इस हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया था. भारत ने इस हमले के लिए पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठनों, खासकर जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा को जिम्मेदार ठहराया. इसके जवाब में भारतीय सशस्त्र बलों ने 'ऑपरेशन सिंदूर' की योजना बनाई, जिसे 7 मई की तड़के 1:44 बजे अंजाम दिया गया.
भारतीय सेना, नौसेना, और वायुसेना के संयुक्त प्रयास से इस ऑपरेशन में 9 आतंकी ठिकानों को नष्ट किया गया, जिनमें 4 पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में और 5 PoK में स्थित थे. खुफिया एजेंसियों द्वारा प्रदान किए गए सटीक निर्देशांकों के आधार पर यह हमला पूरी तरह भारतीय क्षेत्र से किया गया. रक्षा मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा, "हमारी कार्रवाई केंद्रित, सटीक, और गैर-उत्तेजक थी। किसी भी पाकिस्तानी सैन्य सुविधा को निशाना नहीं बनाया गया."
ऑपरेशन सिंदूर का टाइमलाइन
- रात 1:20 बजे: भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान और PoK में 9 आतंकी ठिकानों पर मिसाइल हमले शुरू किए.
- रात 1:51 बजे: भारतीय सेना ने अपने आधिकारिक X हैंडल पर हमले की जानकारी साझा की.
- रात 2:00 बजे: पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में आपातकाल घोषित किया गया.
- सुबह 3:00 बजे: भारतीय सेना ने आधिकारिक बयान जारी कर ऑपरेशन की सफलता की पुष्टि की.
- सुबह 3:10 बजे: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हमले पर बयान जारी किया, जिसमें शांति की अपील की गई.
- सुबह 3:15 बजे: राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने अमेरिकी विदेश मंत्री से बात की.
ऑपरेशन सिंदूर बनाम ऑपरेशन बंदर
ऑपरेशन सिंदूर की तुलना 2019 के 'ऑपरेशन बंदर' से की जा रही है, जब भारत ने पुलवामा हमले के जवाब में PoK के बालाकोट में आतंकी ठिकानों पर हवाई हमले किए थे. दोनों ऑपरेशनों में समानताएं और अंतर हैं.
समानताएं:
- उद्देश्य: दोनों ही ऑपरेशन आतंकवाद के खिलाफ भारत की 'जीरो टॉलरेंस' नीति का हिस्सा थे.
- सटीकता: दोनों में खुफिया जानकारी के आधार पर सटीक हमले किए गए.
- प्रतिक्रिया: दोनों ही मामलों में पाकिस्तान ने इसे 'युद्ध की कार्रवाई' बताकर जवाबी कार्रवाई की धमकी दी.
अंतर:
- क्षेत्र: ऑपरेशन बंदर में केवल PoK के बालाकोट को निशाना बनाया गया था, जबकि ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान के पंजाब प्रांत (मुरीदके, बहावलपुर) और PoK (कोटली, मुजफ्फराबाद) दोनों को निशाना बनाया गया. यह 1971 के बाद पहली बार है जब भारत ने पाकिस्तान के मुख्य भूभाग में हमला किया.
- स्केल: ऑपरेशन सिंदूर में तीनों सेनाओं (थल, वायु, और नौसेना) का संयुक्त प्रयास था, जबकि ऑपरेशन बंदर मुख्य रूप से वायुसेना की कार्रवाई थी.
- लक्ष्य: ऑपरेशन सिंदूर में 9 ठिकानों को निशाना बनाया गया, जबकि ऑपरेशन बंदर में केवल बालाकोट का एक प्रमुख शिविर नष्ट किया गया था.
- नाम का प्रतीकवाद: 'सिंदूर' नाम पहलगाम हमले में मारे गए पुरुषों की विधवाओं के प्रति संवेदना और उनके सम्मान का प्रतीक है, क्योंकि भारतीय परंपरा में विवाहित महिलाएं मांग में सिंदूर लगाती हैं. 'बंदर' नाम का कोई विशेष प्रतीकात्मक अर्थ नहीं था.
निशाने पर कौन से आतंकी संगठन?
ऑपरेशन सिंदूर में भारत ने जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा, और हिजबुल मुजाहिदीन जैसे आतंकी संगठनों के ठिकानों को निशाना बनाया.
पाकिस्तान (पंजाब प्रांत):
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- बहावलपुर: जैश-ए-मोहम्मद का मुख्यालय, मरकज सुभान अल्लाह। (पाकिस्तान के अंदर 100 किमी)
- मुरीदके: लश्कर-ए-तैयबा का मुख्यालय, मरकज तैयबा। (पाकिस्तान के अंदर 30 किमी)
- गुलपुर: आतंकी प्रशिक्षण शिविर। (पाकिस्तान के अंदर 35 किमी)
- सवाई कैंप: जैश-ए-मोहम्मद का शिविर। (पाकिस्तान के अंदर 30 किमी)
- पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर (PoK):
- कोटली: मरकज अब्बास और मक्का राहील शाहिद (जैश और हिजबुल मुजाहिदीन)। (PoK के अंदर 15 किमी)
- मुजफ्फराबाद: सैयदना बिलाल कैंप और शवावाई नाला कैंप (जैश और लश्कर)। (दूरी निर्दिष्ट नहीं)
- बरनाला: मरकज अहले-हदीस (लश्कर)। (PoK के अंदर 10 किमी)
- सरजाल: जैश-ए-मोहम्मद का शिविर। (PoK के अंदर 8 किमी)
- महमूना: हिजबुल मुजाहिदीन का शिविर। (PoK के अंदर 15 किमी)
सूत्रों के अनुसार, इन हमलों में जैश-ए-मोहम्मद के 4, लश्कर-ए-तैयबा के 3, और हिजबुल मुजाहिदीन के 2 ठिकाने नष्ट किए गए.
पाकिस्तान की प्रतिक्रिया और वैश्विक प्रतिक्रियाएं
पाकिस्तान ने ऑपरेशन सिंदूर को "युद्ध की कार्रवाई" और "संप्रभुता का उल्लंघन" करार दिया. पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ चौधरी ने दावा किया कि भारत के हमलों में 8 नागरिक मारे गए, जिनमें एक 3 साल की बच्ची शामिल थी, और 35 लोग घायल हुए. उन्होंने यह भी दावा किया कि पाकिस्तान ने 5 भारतीय लड़ाकू विमान (3 राफेल, 1 सुखोई SU-30, और 1 मिग-29) मार गिराए. हालांकि, भारत ने इस दावे की पुष्टि नहीं की है.
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा, "हम जवाबी कार्रवाई की प्रक्रिया में हैं." पाकिस्तानी सेना ने LoC पर भारी गोलीबारी शुरू की, जिसके जवाब में भारतीय सेना ने भी कार्रवाई की.
ग्लोबल रिएक्शन
- अमेरिका: राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दोनों देशों से संयम बरतने की अपील की. विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने कहा, "यह जल्दी खत्म हो और दोनों देशों के नेतृत्व के साथ शांतिपूर्ण समाधान के लिए बातचीत जारी रहेगी."
- चीन: भारत के पारंपरिक सहयोगी चीन ने हमले को "खेदजनक" बताया और दोनों देशों से शांति बनाए रखने की अपील की.
- संयुक्त राष्ट्र: महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने "अधिकतम सैन्य संयम" की मांग की.
ऑपरेशन का महत्व और प्रतीकवाद
'ऑपरेशन सिंदूर' का नाम पहलगाम हमले में मारे गए पुरुषों की विधवाओं के प्रति संवेदना का प्रतीक है. भारतीय संस्कृति में सिंदूर विवाहित महिलाओं के सुहाग का प्रतीक है। इस हमले में कई महिलाओं ने अपने पतियों को अपनी आंखों के सामने खोया था, और यह ऑपरेशन उनके सम्मान और न्याय का प्रतीक है.
यह ऑपरेशन भारत की बदलती सैन्य रणनीति को भी दर्शाता है. पहली बार भारतीय सेनाओं ने पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में जैश और लश्कर के गढ़ों को निशाना बनाया, जो आतंकवाद का प्रमुख केंद्र माने जाते हैं. यह 1971 के युद्ध के बाद पहला अवसर है जब भारत ने पाकिस्तान के मुख्य भूभाग में सैन्य कार्रवाई की.
भारत में समर्थन और प्रभाव
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, "ऑपरेशन सिंदूर पहलगाम में हमारे निर्दोष भाइयों की क्रूर हत्या का जवाब है. मोदी सरकार किसी भी हमले का करारा जवाब देगी."
विपक्षी नेता राहुल गांधी और कांग्रेस ने भी सेनाओं का समर्थन किया. राहुल गांधी ने X पर लिखा, "हमारी सशस्त्र सेनाओं पर गर्व है. जय हिंद!"
पहलगाम हमले में बचे तिलक रूपचंदानी ने कहा, "भारतीय सेना को धन्यवाद. उन्होंने अच्छी कार्रवाई की, हम संतुष्ट और खुश हैं. आतंकियों ने वहां निर्दोष लोगों को मारा था."
हालांकि, इस कार्रवाई के बाद भारत के उत्तरी हिस्सों में हवाई अड्डे बंद कर दिए गए, और जम्मू-कश्मीर में स्कूल-कॉलेज बंद कर दिए गए.
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