TechCrunch Sale 2025 : टेक क्रंच बिका, क्या डिजिटल मीडिया की कहानी खत्म हो गई?
TechCrunch Sale 2025 : टेक क्रंच (TechCrunch), जो कभी टेक्नोलॉजी पत्रकारिता का एक बड़ा नाम था, अब एक नए मालिक के हाथों में है. हाल ही में इसकी मूल कंपनी AOL को रीजेंट (Regent) नाम की एक प्राइवेट इक्विटी फर्म ने $100 मिलियन से भी कम कीमत में खरीद लिया. यह डील डिजिटल मीडिया की बदलती दुनिया और इसके सामने आने वाली चुनौतियों का एक और संकेत है. टेक क्रंच, जिसने स्टार्टअप्स, इनोवेशन और टेक ट्रेंड्स को कवर करने में अपनी पहचान बनाई थी, अब एक अनिश्चित भविष्य की ओर बढ़ रहा है.
Sat, 22 Mar 2025

बिक्री की कहानी
रीजेंट ने टेक क्रंच को वेरिज़ोन मीडिया (Verizon Media) से खरीदा, जो पहले AOL और याहू जैसे ब्रांड्स का मालिक था. वेरिज़ोन ने 2017 में AOL को $4.4 बिलियन में अधिग्रहित किया था, लेकिन अब यह डील उस मूल्य का एक छोटा सा हिस्सा ही दर्शाती है. सूत्रों के अनुसार, इस बिक्री की कीमत $25 मिलियन से $100 मिलियन के बीच हो सकती है—एक ऐसा आंकड़ा जो टेक क्रंच की पुरानी शोहरत के मुकाबले बेहद कम है. रीजेंट, जो पहले रेडियो स्टेशनों और स्थानीय टीवी नेटवर्क्स जैसी परंपरागत मीडिया संपत्तियों में निवेश के लिए जानी जाती थी, अब डिजिटल स्पेस में कदम रख रही है.
टेक क्रंच का सुनहरा दौर
2005 में माइकल एरिंगटन की ओर शुरू किया गया टेक क्रंच टेक स्टार्टअप्स और सिलिकॉन वैली की खबरों का एक भरोसेमंद स्रोत था. इसका वार्षिक इवेंट "डिसरप्ट" दुनिया भर के उद्यमियों और निवेशकों के लिए एक बड़ा मंच बन गया था. लेकिन पिछले कुछ सालों में विज्ञापन आय में कमी, बिग टेक के दबदबे, और डिजिटल कंटेंट की भीड़ ने इसके प्रभाव को कम कर दिया. 2010 में AOL ने इसे $25 मिलियन में खरीदा था, और तब से यह कई बार मालिक बदल चुका है.
डिजिटल मीडिया का संकट
यह बिक्री डिजिटल मीडिया इंडस्ट्री के बड़ी संकट को उजागर करती है. जहां एक तरफ सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स जैसे X और टिकटॉक खबरों और ट्रेंड्स का मेन कारण बन गए हैं, वहीं इंडीपेंडेंट टेक पत्रकारिता को टिके रहना मुश्किल हो रहा है. विज्ञापन का पैसा अब गूगल और मेटा जैसे दिग्गजों की जेब में जा रहा है, जिससे टेक क्रंच जैसे प्लेटफॉर्म्स की कमाई घट रही है. हाल के सालों में BuzzFeed, Vice, और Mashable जैसे अन्य डिजिटल मीडिया हाउस भी इसी तरह की मुश्किलों से जूझते नजर आए हैं.
रीजेंट का प्लान क्या है?
रीजेंट ने अभी तक टेक क्रंच के भविष्य के लिए कोई स्पष्ट रणनीति नहीं बताई है. कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि यह फर्म लागत में कटौती कर सकती है—जैसे स्टाफ कम करना या कंटेंट प्रोडक्शन को सस्ता बनाना। दूसरी ओर, कुछ का कहना है कि रीजेंट टेक क्रंच के ब्रांड वैल्यू का इस्तेमाल करके इसे फिर से प्रॉफिटेबल बनाने की कोशिश कर सकती है, शायद नए सब्सक्रिप्शन मॉडल्स या प्रीमियम कंटेंट के जरिए। लेकिन इसके लिए टेक क्रंच को अपनी पुरानी पहचान फिर से हासिल करनी होगी, जो मौजूदा दौर में आसान नहीं है.
भारत पर असर
भारत में टेक क्रंच की पहुंच भले ही सीमित रही हो, लेकिन स्टार्टअप इकोसिस्टम में इसकी खबरें हमेशा चर्चा में रही हैं. बेंगलुरु, हैदराबाद और पुणे जैसे टेक हब्स में उद्यमी और निवेशक टेक क्रंच को फॉलो करते थे। इस बिक्री से भारतीय टेक कम्युनिटी में भी सवाल उठ रहे हैं कि क्या स्वतंत्र टेक पत्रकारिता का दौर खत्म हो रहा है। कुछ का मानना है कि अब स्थानीय प्लेटफॉर्म्स को आगे आना होगा, जो भारतीय स्टार्टअप्स की कहानियों को बेहतर ढंग से बयान कर सकें.
आगे क्या?
टेक क्रंच की यह बिक्री एक सवाल छोड़ जाती है—क्या डिजिटल मीडिया का पुराना मॉडल अब टिक नहीं सकता? रीजेंट के हाथों में यह प्लेटफॉर्म या तो फिर से उठ खड़ा होगा या धीरे-धीरे गुमनामी में चला जाएगा। टेक इंडस्ट्री, जो खुद इनोवेशन की बात करती है, अब अपनी कहानियां सुनाने के लिए नए तरीके खोजने को मजबूर है। फिलहाल, टेक क्रंच के प्रशंसक और आलोचक दोनों इसकी अगली चाल का इंतजार कर रहे हैं.
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