Varanasi : बीएचयू परिसर में माहौल गर्म, वार्डन पर थप्पड़ मारने का आरोप; आधी रात छात्रावास के बाहर धरना
बीएचयू परिसर में माहौल गर्म, वार्डन पर थप्पड़ मारने का आरोप; आधी रात छात्रावास के बाहर धरना
वाराणसी स्थित बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) में हाल ही में एक विवाद ने गंभीर रूप ले लिया है, जिससे परिसर का माहौल गरम हो गया है। इस घटना में एक वार्डन पर आरोप है कि उसने छात्रों के साथ अनुशासन के नाम पर दुर्व्यवहार किया, जिसके बाद एक छात्र ने उसे थप्पड़ मार दिया। इसके बाद, छात्रावास के बाहर छात्रों ने आधी रात को धरना शुरू कर दिया और मामला तूल पकड़ने लगा।
घटना का विवरण:
घटना बीएचयू के एक छात्रावास में हुई। छात्रों का कहना है कि जब वे अपने सामान्य दिनचर्या में व्यस्त थे, तब एक वार्डन ने बिना किसी ठोस कारण के छात्रों को तंग किया और अनुशासन के नाम पर अपमानजनक तरीके से पेश आया। यह व्यवहार एक छात्र को इतना असहनीय लगा कि उसने विरोध स्वरूप वार्डन को थप्पड़ मार दिया। इसके बाद, वार्डन ने पुलिस को सूचित किया, और मामला बढ़ गया।
छात्रों का आरोप है कि वार्डन का व्यवहार बहुत ही असंवेदनशील था, और वह छात्रों के साथ नकारात्मक और अपमानजनक तरीके से पेश आ रहा था। छात्रों ने यह भी कहा कि उनका अधिकार और स्वतंत्रता बिना किसी उचित कारण के छीना जा रहा था, जिससे उनकी मानसिक स्थिति पर प्रभाव पड़ा।
छात्रावास के बाहर धरना:
इस घटना के बाद, बीएचयू के छात्रा और छात्र दोनों ने मिलकर आधी रात के समय छात्रावास के बाहर धरना दिया। उनका कहना था कि जब तक उनकी समस्याओं का समाधान नहीं किया जाएगा, वे विरोध जारी रखेंगे। छात्रों ने इस धरने में हिस्सा लेने के लिए अन्य छात्रों को भी बुलाया और अपने साथ हो रहे अत्याचारों का विरोध किया। धरने के दौरान छात्रों ने "हमारे अधिकार, हमारी आवाज" जैसे नारे लगाए, और प्रशासन से न्याय की मांग की।
प्रशासन का रुख:
बीएचयू प्रशासन ने मामले की जांच शुरू कर दी है और यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रहा है कि ऐसे विवाद फिर से न हों। विश्वविद्यालय प्रशासन ने कहा कि वे मामले की गहराई से जांच करेंगे और उचित कार्रवाई करेंगे। हालांकि, छात्रों का कहना है कि जब तक किसी ठोस कदम की घोषणा नहीं की जाती, वे धरने से नहीं हटेंगे।
प्रतिक्रिया:
छात्रों ने इस घटना के माध्यम से विश्वविद्यालय प्रशासन पर दबाव बनाने की कोशिश की है कि छात्रों की सुरक्षा और उनके अधिकारों का सम्मान किया जाए। उनका यह भी आरोप है कि विश्वविद्यालय में अनुशासन के नाम पर छात्रों को तंग किया जा रहा है, और किसी भी समस्या को हल करने के बजाय उन्हें और अधिक परेशान किया जाता है।
निष्कर्ष:
बीएचयू परिसर में यह घटना एक संकेत है कि छात्रों और विश्वविद्यालय प्रशासन के बीच संवाद की कमी हो सकती है। यह तनावपूर्ण स्थिति बीएचयू के प्रशासन के लिए एक चुनौती है, क्योंकि छात्रों के बीच असंतोष और गुस्सा बढ़ता जा रहा है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि प्रशासन इस मुद्दे का हल कैसे निकालता है, ताकि छात्रों और विश्वविद्यालय के बीच अच्छे संबंध बनाए जा सकें।