Trump tariffs impact : ट्रम्प टैरिफ इन 9 शेयरों को पहुंचा सकता है नुकसान, क्या आपको बेचना चाहिए ?

Trump tariffs impact on indian stocks : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की ओर से 2 अप्रैल 2025 से लागू किए जाने वाले नए व्यापार टैरिफ का प्रभाव भारतीय शेयर बाजार पर साफ देखा गया है. खासकर आईटी और ऑटो सेक्टर के शेयरों में भारी गिरावट दर्ज की गई. हालांकि बाजार कुछ समय बाद रिकवर हुआ, लेकिन एक्सपर्ट्स का मानना है कि इन टैरिफों का असर अभी भी बना रह सकता है और यह कुछ सेक्टरों के लिए मुश्किलें भी खड़ी कर सकता है.

 
Trump tariffs impact

ट्रम्प के टैरिफ से कौन-कौन से सेक्टर हो सकते हैं प्रभावित ?
Trump tariffs impact on indian stocks 

1. IT सेक्टर - एमफैसिस (Mphasis) पर असर
आईटी सेक्टर पहले ही ट्रंप की व्यापार नीति और एच-1बी वीजा की संभावित लागत बढ़ोतरी को लेकर दबाव में है. टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS), इंफोसिस (Infosys), विप्रो (Wipro), एचसीएल टेक (HCL Tech) और एमफैसिस (Mphasis) जैसी कंपनियां अपनी आधे से ज्यादा आय अमेरिका से प्राप्त करती हैं.

एमफासिस की 79% से अधिक कमाई अमेरिका से होती है, जिससे यह कंपनी सबसे ज्यादा प्रभावित हो सकती है. हाल के महीनों में, इस स्टॉक में 10% से 30% तक की गिरावट देखी गई है. एक्सपर्ट्स का मानना है कि इसका शेयर ₹2,750–₹2,800 के स्तर तक आते ही बिकवाली की स्थिति में रहेगा। फिलहाल, यह ₹2,500 के आसपास कारोबार कर रहा है.

2. ऑटो सेक्टर – भारत फोर्ज (Bharat Forge) को झटका
ट्रंप द्वारा चीन और मैक्सिको से आयातित वाहनों पर टैरिफ बढ़ाने से भारतीय ऑटो पार्ट मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों जैसे भारत फोर्ज, मदरसन सुमी, टाटा मोटर्स, और महिंद्रा एंड महिंद्रा के लिए मुश्किलें बढ़ सकती हैं.

भारत फोर्ज अपनी 44% आय अमेरिका से प्राप्त करता है. इसकी स्टॉक प्राइस पिछले दो तिमाहियों में ₹1,800 से गिरकर ₹1,000 तक आ चुकी है. लॉन्ग टर्म निवेशकों को ₹1,050–₹1,170 के स्तर पर खरीदारी करने की सलाह दी गई है, लेकिन यदि यह ₹1,400 तक पहुंचता है, तो इसे "सेल-ऑन-राइज़" की रणनीति अपनाने की सलाह दी गई है.

3. मेटल और स्टील सेक्टर – टाटा स्टील और JSW स्टील पर असर
अगर ट्रंप स्टील और एल्युमीनियम के आयात पर टैरिफ बढ़ाते हैं, तो टाटा स्टील, जेएसडब्ल्यू स्टील, हिंडाल्को, और सेल (SAIL) जैसी भारतीय कंपनियों को नुकसान हो सकता है.

भारत का अमेरिका को स्टील निर्यात पहले ही वित्त वर्ष 2023-24 में 49% घट चुका है. यदि अमेरिका चीन के स्टील पर अधिक प्रतिबंध लगाता है, तो चीन अपने अतिरिक्त स्टील सप्लाई को भारत की ओर मोड़ सकता है, जिससे घरेलू कीमतें गिर सकती हैं.

जेएसडब्ल्यू स्टील फिलहाल ₹1,063 के स्तर पर कारोबार कर रहा है और ओवरबॉट ज़ोन में है। ₹1,100-₹1,150 के स्तर पर यह एक "सेल-ऑन-राइज़" स्टॉक माना जा रहा है.

4. फार्मा सेक्टर – सन फार्मा, डॉ. रेड्डी, सिप्ला, लुपिन पर संभावित दबाव
आशंका है कि ट्रंप दवा की कीमतों पर नियंत्रण रखने और भारतीय फार्मा कंपनियों के लिए एफडीए (FDA) अप्रूवल को और कड़ा करने की नीति अपना सकते हैं. इससे सन फार्मा, डॉ. रेड्डी, सिप्ला और लुपिन जैसी कंपनियां प्रभावित हो सकती हैं.

डॉ. रेड्डी, जो अपनी 48% कमाई अमेरिका से प्राप्त करता है, फिलहाल ₹1,144 पर कारोबार कर रहा है. ₹1,250–₹1,150 के स्तर पर इसे बेचने की सलाह दी गई है, और इसका संभावित लक्ष्य ₹1,080–₹950 हो सकता है.

लुपिन, जिसकी 38% आय अमेरिका से आती है, अगर ₹2,100–₹2,150 के स्तर तक पहुंचता है, तो इसे ₹1,850–₹1,650 के टारगेट पर बेचने की सलाह दी गई है.

सिप्ला, जिसकी 27% कमाई अमेरिका से होती है, यदि ₹1,460 के स्तर को तोड़ता है, तो ₹1,400–₹1,240 तक गिर सकता है.

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5. नवीकरणीय ऊर्जा (Renewable Energy) सेक्टर – बोरोसिल रिन्यूएबल्स पर असर
यदि ट्रंप जीवाश्म ईंधन को बढ़ावा देते हैं और चीनी सौर उपकरणों के आयात पर प्रतिबंध लगाते हैं, तो भारतीय सौर ऊर्जा कंपनियों जैसे अडानी ग्रीन, टाटा पावर और बोरोसिल रिन्यूएबल्स की लागत बढ़ सकती है.

बोरोसिल रिन्यूएबल्स, जो अपनी 28% आय अंतरराष्ट्रीय बाजारों से प्राप्त करता है, फिलहाल ₹478 पर कारोबार कर रहा है. इसे "सेल-ऑन-राइज़" स्टॉक माना जा रहा है, और इसके लिए ₹440–₹400 का लक्ष्य तय किया गया है.

निवेशकों के लिए सलाह
विशेषज्ञों का कहना है कि भारतीय शेयर बाजार में ट्रंप टैरिफ के प्रभाव से निकट भविष्य में अस्थिरता बनी रह सकती है. निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वे सतर्कता बरतें और विशेष रूप से आईटी, ऑटो, मेटल, फार्मा और नवीकरणीय ऊर्जा सेक्टर में ट्रेडिंग करते समय सही रिसर्च करें.

(Disclaimer : यह लेख विशेषज्ञों और ब्रोकरेज हाउस के विश्लेषण पर इंडिया टूडे में पब्लिश्ड आर्टिकल पर आधारित है. निवेश करने से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से सलाह जरूर लें)

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