Step up SIP: बढ़ती महंगाई में इंवेस्टमेंट का स्मार्ट तरीका, जानें स्टेप-अप SIP से कैसे बढ़ाएं अपने रिटर्न्स
Step up SIP के माध्यम से आप अपने म्यूचुअल फंड निवेश को हर साल बढ़ाकर महंगाई के प्रभाव से बच सकते हैं और अपने वित्तीय लक्ष्यों को तेजी से प्राप्त कर सकते हैं.

Step up SIP: अगर आप भविष्य के लिए धन जोड़ना चाहते हैं, चाहे वह रिटायरमेंट हो, बच्चों की पढ़ाई या घर खरीदने का सपना... म्यूचुअल फंड में एसआईपी (सिस्टेमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान) एक बेहतरीन तरीका है. लेकिन, अगर आप चाहते हैं कि समय के साथ बढ़ रहे महंगाई के बावजूद आपका पैसा और तेजी से बढ़े और आप अपने टार्गेट को समय से पहले हासिल कर लें, तो स्टेपअप SIP की रणनीति अपनाना बहुत जरूरी हो सकता है.
ऐसे समझें Step up SIP का गणित
Step up SIP निवेश का एक ऐसा तरीका है, जिसमें आप हर साल अपनी मासिक SIP राशि बढ़ा देते हैं. यह वृद्धि एक निश्चित राशि में या परसेंटेज में हो सकती है. निश्चित राशि से स्टेपअप की बात करें तो अगर आप 5,000 प्रति माह की एसआईपी शुरू करते हैं और हर साल 1000 रुपये स्टेपअप करते हैं, तो दूसरे साल आपकी SIP राशि बढ़कर 6,000 रुपये और तीसरे साल 7,000 रुपये प्रति माह हो जाएगी. इसी तरह लगातार 1,000 रुपये से बढ़ती जाएगी.
अगर प्रतिशत वृद्धि से स्टेपअप ऑप्शन चुनते हैं और 10 परसेंट स्टेपअप तय करते है, तो 5,000 रुपये प्रति माह से शुरू एसआईपी दूसरे साल 10 परसेंट बढ़कर 5,500, तीसरे साल 6050 रुपये प्रतिमाह और इसी तरह हर साल 10 परसेंट बढ़ती जाएगी.
बड़े काम की चीज है स्टेपिंग
मान लीजिए, आप 15 साल के लिए 5,000 रुपये की एसआईपी करते करते हैं, और आपको औसतन 12 परसेंट रिटर्न मिलता है, तो आपको करीब 25 लाख रुपये का फंड मिलेगा. लेकिन, अगर आप हर साल 1,000 रुपये की स्टेपअप एसआईपी करते हैं, तो यही फंड करीब 40 लाख रुपये हो सकता है. यानी बहुत ज्यादा बोझ बढ़ाए बिना आप अपने फंड को करीब 60 परसेंट तक बढ़ा सकते हैं.
ऐसे काम करती है यह रणनीति
Step up SIP की रणनीति आपकी इनकम ग्रोथ के साथ मेल खाती है. जैसे-जैसे आपका इनकम या बिजनेस इनकम बढ़ती है, वैसे-वैसे आप अपनी SIP में भी थोड़ा और पैसा जोड़ सकते हैं. इससे न सिर्फ आपका निवेश बड़ा होता है, बल्कि कंपाउंडिंग का फायदा भी कई गुना बढ़ जाता है.
इसलिए जरूरी है रणनीति अपनाना
- आय बढ़ती है तो निवेश क्यों नहीं? जैसे-जैसे आपकी कमाई बढ़ती है, खर्च भी बढ़ता है. लेकिन, अगर आप उसी अनुपात में निवेश नहीं बढ़ाते, तो भविष्य के लक्ष्यों तक पहुंचना कठिन हो सकता है.
- महंगाई को मात देने के लिए आज आप जो खर्च 10 लाख रुपये में पूरा कर पा रहे हैं, वह 10 साल बाद शायद 20 लाख रुपये में भी पूरा न हो सके. इसलिए, निवेश में बढ़ोतरी करना जरूरी है.
- कंपाउंडिंग का मैजिक जैसे-जैसे आप ज्यादा निवेश करेंगे, कंपाउंडिंग का फायदा भी उतना ही ज्यादा मिलेगा. यही आपको वित्तीय लक्ष्य जल्द हासिल करने में मदद करता है.
इन लोगों के लिए ज्यादा फायदेमंद
- नौकरीपेशा युवा जो अभी करियर की शुरुआत में हैं, लेकिन भविष्य में आय बढ़ने की संभावना है.
- बिजनेस करने वाले लोग, जिनकी आमदनी हर साल बढ़ती है.
- वे लोग जो बच्चों की पढ़ाई, रिटायरमेंट या घर खरीदने जैसे लॉन्ग टर्म लक्ष्य के लिए निवेश कर रहे हैं.
ऐसे चुन सकते हैं स्टेपअप की रकम
- एसआईपी में स्टेपअप की रकम तय करते समय कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखना जरूरी है.
- आमतौर पर हर साल 10 से 15 परसेंट एसआईपी बढ़ाना एक अच्छा ऑप्शन होता है.
- अगर आपका वेतन हर साल 10-12 परसेंट बढ़ता है, तो एसआईपी में 10 परसेंट स्टेपअप आसानी से हो सकता है.
- चाहें तो तय राशि (जैसे 1,000 रुपये हर साल) या परसेंट (जैसे 10 परसेंट) का ऑप्शन चुन सकते हैं.
स्टेपअप एसआईपी में इन गलतियों से बचें
- बिना प्लानिंग स्टेपअप न करें, आय-खर्च का आकलन करके ही एसआईपी बढ़ाएं. बहुत ज्यादा स्टेपअप न करें, ताकि यह बोझ बन जाए.
- निवेश बीच में न रोकें नियमितता बहुत जरूरी है. अगर एसआईपी रोकनी पड़ी तो, स्टेपअप का पूरा फायदा नहीं मिलेगा.
- रिव्यू करना न भूलें- आय, महंगाई और खर्च को देखते हुए साल में एक बार अपने निवेश की समीक्षा जरूर करें.
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