ITR Filing 2025: ITR दाखिल करते समय नहीं करें ये 5 गलतियां, वरना रिफंड में हो सकती है देरी, लगेगा जुर्माना

आयकर विभाग ने ITR फॉर्म 1 और 4 की ऑनलाइन फाइलिंग शुरू कर दी है. लेकिन 2025-26 के लिए रिटर्न भरते समय 5 बड़ी गलतियों से बचना जरूरी है. नहीं तो टैक्स नोटिस या रिफंड में देरी हो सकती है. जानिए कैसे करें सही फाइलिंग.

 
ITR Filing 2025

ITR Filing 2025: इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने आकलन वर्ष (assessment year) 2025-26 के लिए आईटीआर फॉर्म 1 व फॉर्म-4 की ऑनलाइन फाइलिंग सुविधा शुरू कर दी है. इस बार आयकर रिटर्न (आईटीआर) भरने के लिए पहले से भरी गई जानकारी भी उपलब्ध कराई गई है, जिससे रिटर्न भरना आसान होगा. आईटीआर भरने की आखिरी तारीख बढ़ाकर 15 सितंबर, 2025 कर दी गई है. आपने आईटीआर भरते समय नए बदलावों को नहीं समझा या कुछ गलतियां कर दीं, तो आगे मुश्किलें आ सकती हैं. रिफंड में देरी, टैक्स नोटिस मिलने या जुर्माना लगाए जाने जैसी परेशानियां झेलनी पड़ सकती है. इसलिए, रिटर्न भरते समय पांच गलतियों से जरूर बचें.

फॉर्म-26एएस और एआईस की जांच न करना  

आपके सभी वित्तीय लेनदेन और टीडीएस जैसी जरूरी जानकारियां एनुअल इंफॉर्मेशन स्टेटमेंट (एआईएस) और फॉर्म 26एएस में होती है. रिटर्न दाखिल करने से पहले इनकी जांच जरूर करें. अगर इनमें और आपके अपने बैंक स्टेटमेंट या फॉर्म 16 में कोई गड़बड़ी हो, तो पहले उसे ठीक करा लें. इससे रिटर्न में गड़बड़ी नहीं होगी और रिफंड भी जल्द मिलेगा.

सभी स्रोतों से आय की जानकारी नहीं देना करदाता कई बार सिर्फ उसी आय को बताते हैं, जिस पर टीडीएस कटा हो. लेकिन, बचत खाता, फिक्स्ड व रेकरिंग डिपॉजिट, किराया, विदेश से कमाई जैसी कई आय ऐसी हो सकती हैं, जिन पर टीडीएस नहीं काटा गया हो. कई बार इन्हें नजरअंदाज कर दिया जाता है, जिससे टैक्स की गणना गलत हो सकती है। इसका पता चलने पर आयकर विभाग जुर्माना लगा सकता है.

गलत रिटर्न फॉर्म दाखिल करना

इससे आईटीआर रद्द हो सकता है या प्रोसेसिंग में देरी हो सकती है. यह भी ध्यान रखें कि अगर शेयर या इक्विटी म्यूचुअल फंड से पूरे वित्त वर्ष में 1.25 लाख रुपये तक का लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (एलटीसीजी) कमाया है, तो नए नियमों के तहत आईटीआर-1 फॉर्म भर सकते हैं. पहले आईटीआर फॉर्म-2 या फॉर्म-3 भरना होता था.

नए बदलावों पर ध्यान नहीं देना

  • बजट-2025 में टैक्स से जुड़े कई नियमों में बदलाव किए गए हैं. रिटर्न दाखिल करते समय इन पर ध्यान नहीं देंगे तो परेशानियों में फंस सकते हैं.
  • अब सूचीबद्ध शेयर व इक्विटी म्यूचुअल फंड्स पर 12.5 फीसदी एलटीसीजी टैक्स देना होगा व इंडेक्सेशन का लाभ नहीं मिलेगा. शॉर्ट टर्म गेन पर टैक्स 15 से बढ़कर 20 फीसदी हो गया है.
  • 23 जुलाई 2024 को कटऑफ डेट मानकर, कैपिटल गेन को उस तारीख से पहले व बाद में हुए लेनदेन के हिसाब से अलग-अलग दिखाना होगा.
  • आईटीआर-1, 2, 3 और 5 फॉर्म में अब सिर्फ आधार नंबर ही मान्य होगा. आधार एनरोलमेंट आईडी की मान्यता अब नहीं है. नई कर व्यवस्था को डिफॉल्ट कर दिया गया है. अगर आप पुरानी टैक्स व्यवस्था को चुनते हैं, तो पहले फॉर्म 10-आईईए को भरना होगा.

नए नियमों को समझें जरूर भरें रिटर्न

आईटीआर दाखिल करना पहले से आसान जरूर हो गया है, लेकिन इससे जुड़ी बारीकियों व नए नियमों को समझना जरूरी हो गया है. बहुत लोग सोचते हैं कि उनकी कमाई इतनी नहीं है कि रिटर्न भरना पड़े. यह हमेशा सही नहीं होता. विदेश यात्रा में दो लाख या उससे ज्यादा खर्च किया या बिजली बिल एक लाख से अधिक आया है, तो भी आईटीआर भरना जरूरी है. टीडीएस कटा व रिफंड क्लेम करना है, तो आईटीआर दाखिल करना ही होगा.

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