Sitharaman Praise Raghav : संसद में Nirmala Sitharaman ने क्यों की Raghav Chadha की तारीफ?

Nirmala Sitharaman Praise Raghav Chadha : केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने राज्यसभा में 'बैंकिंग लॉज़ (संशोधन) बिल' पर चर्चा के दौरान आम आदमी पार्टी (AAP) के सांसद राघव चड्ढा की तारीफ कर दी या कहें स्कार्जम में तंज कसा. चड्ढा ने ग्रामीण बैंकों की खराब हालत पर टिप्पणी की थी, जिसके जवाब में सीतारमण ने कहा कि उनकी "पश्चिमी दुनिया की समझ" देश के लिए फायदेमंद हो सकती है. दोनों नेताओं के बीच यह हल्की-फुल्की नोकझोंक उस वक्त हुई, जब चड्ढा ने बैंकों की स्थिति पर सवाल उठाए थे.

 
Nirmala Sitharaman Praise Raghav Chadha

राघव चड्ढा की बातों को सुनकर खुश हूँ 
निर्मला सीतारमण ने चड्ढा के बयान पर हँसते हुए कहा, "मुझे अच्छा लगा... अगर राघव चड्ढा को बुरा न लगे, तो उन्होंने बैंकों में पंखों की संख्या, उनकी हालत, और दीवारों के रंग-रोगन पर गौर किया। मैं सचमुच बहुत संतुष्ट हूँ। कुछ सांसद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इतने व्यस्त रहते हैं, लेकिन चड्ढा ने ग्रामीण बैंकों का दौरा किया."

उन्होंने आगे कहा, "उन्होंने देखा कि यहाँ पंखे नहीं हैं, दरवाजे नहीं हैं, कुर्सियाँ नहीं हैं. राघव चड्ढा, कृपया ऐसा और करें. आपके पश्चिमी अनुभव से देश को बहुत फायदा हो सकता है." सीतारमण की इस टिप्पणी के दौरान चड्ढा मुस्कुराते नज़र आए। वित्त मंत्री ने उन्हें सलाह दी कि वे ग्रामीण इलाकों में और दौरा करें, ताकि उनकी अंतरराष्ट्रीय समझ यहाँ के लोगों की मदद कर सके.

राघव चड्ढा का प्रोफाइल
राघव चड्ढा एक चार्टर्ड अकाउंटेंट हैं और उन्होंने लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स एंड पॉलिटिकल साइंस से एमबीए किया है. वे डेलॉयट और ग्रांट थॉर्नटन जैसी वैश्विक कंपनियों में काम कर चुके हैं। उनके इस पेशेवर बैकग्राउंड को सीतारमण ने अपने तंज में शामिल किया.

चड्ढा का आरोप: "बैंकिंग सिस्टम संकट में"
राज्यसभा में अपने भाषण में राघव चड्ढा ने दावा किया कि देश का बैंकिंग सिस्टम गंभीर संकट से गुजर रहा है. उन्होंने कहा कि बढ़ते फ्रॉड और लोन रिकवरी की समस्याओं के कारण लोगों का बैंकों पर भरोसा कम हो रहा है। चड्ढा ने बताया कि होम लोन की ब्याज दरें 8.5-9% तक पहुँच गई हैं, जबकि एजुकेशन लोन की दरें 13% के करीब हैं.

उन्होंने कहा, "युवाओं के लिए घर खरीदना अब लगभग असंभव हो गया है. शिक्षा इतनी महँगी हो रही है कि छात्र कमाई शुरू करने से पहले ही कर्ज में डूब जाते हैं।" चड्ढा ने यह भी चिंता जताई कि बचत का मूल्य समय के साथ घट रहा है. उन्होंने उदाहरण दिया कि फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) पर ब्याज दर 6.5% है, जबकि महँगाई 7% चल रही है, जिससे लोगों की बचत घाटे में जा रही है.

डिजिटल फ्रॉड पर चिंता
चड्ढा ने डिजिटल बैंकिंग में बढ़ते फ्रॉड पर भी सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2024 में साइबर फ्रॉड से 2,054.6 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। साथ ही, यूपीआई फ्रॉड में 85% की बढ़ोतरी दर्ज की गई। उन्होंने सरकार से पूछा कि इन समस्याओं से निपटने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं.

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