Ratan Tata Will : कुक को 1 cr, बटलर को 66 लाख और अपने कुत्ते टीटो को भी लाखों, रतन टाटा ने किस-किस के लिए कितना पैसा छोड़ा

Ratan Tata Will : महान उद्योगपति और समाजसेवी रतन टाटा का नाम उदारता और विनम्रता का प्रतीक रहा है. अपनी अंतिम वसीयत में भी उन्होंने इस बात को सिद्ध किया कि वे केवल एक उद्योगपति ही नहीं, बल्कि एक सच्चे मानवतावादी भी थे. टाटा ने अपनी संपत्ति का बड़ा हिस्सा उन लोगों के लिए समर्पित किया, जिन्होंने वर्षों तक उनकी सेवा की.

 
Ratan Tata Will

3.5 करोड़ रुपये स्टाफ के लिए

टाइम्स ऑफ इंडिया (ToI) की रिपोर्ट के अनुसार, रतन टाटा ने अपनी वसीयत में अपने घरेलू और दफ्तर के कर्मचारियों के लिए करीब 3.5 करोड़ रुपये अलग रखे. इसमें उनके नौकर, ड्राइवर, ऑफिस असिस्टेंट और अन्य सहायक शामिल हैं. इसके अलावा, उन्होंने कई कर्मचारियों और एक पड़ोसी का कर्ज भी माफ कर दिया. 9 अक्टूबर 2024 को उनके निधन के बाद उनकी वसीयत सार्वजनिक हुई.

घरेलू कर्मचारियों को आर्थिक सहायता

उनकी वसीयत के अनुसार, जो कर्मचारी 7 साल से अधिक समय तक उनके साथ रहे, उन्हें उनकी सेवा अवधि के आधार पर 15 लाख रुपये तक की राशि दी गई. वहीं, अंशकालिक सहयोगियों और कार क्लीनरों को 1 लाख रुपये दिए गए.
उनके निजी रसोइया, राजन शॉ को 1 करोड़ रुपये मिले, जिसमें 51 लाख रुपये का कर्ज माफ भी शामिल था। उनके बटलर, सुब्बैया कोनार को 66 लाख रुपये मिले, जिसमें 36 लाख रुपये का कर्ज माफ था. उनकी सचिव, डेलनाज़ गिल्डर को 10 लाख रुपये की धनराशि मिली.

ड्राइवर राजू लियोन को 1.5 लाख रुपये और 18 लाख रुपये का कर्ज माफ किया गया. वहीं, उनके कार्यकारी सहायक शांतनु नायडू का कॉर्नेल विश्वविद्यालय में एमबीए करने के लिए लिया गया 1 करोड़ रुपये का कर्ज माफ कर दिया गया.

उनकी वसीयत में स्पष्ट निर्देश

23 फरवरी 2022 को लिखी अपनी वसीयत में टाटा ने निर्देश दिया कि उनके स्टाफ पर कोई भी कर्ज वसूला न जाए. उन्होंने लिखा, "मैं अपने कार्यपालकों को निर्देश देता हूँ कि वे (शॉ, कोनार और लियोन) से कोई भी ऋण वसूलने के लिए कोई कदम न उठाएं और इसे मेरी संपत्ति पर बकाया नहीं माना जाए. यह राशि मेरी ओर से उनके लिए उपहार मानी जाए.

अन्य कर्मचारियों को भी आर्थिक सहयोग

उनकी वसीयत में टाटा ट्रस्ट्स के सलाहकार होशी डी. मलेसारा को 5 लाख रुपये, उनके अलीबाग बंगले के केयरटेकर देवेंद्र कटामोलु को 2 लाख रुपये, उनकी निजी सहायक दीप्ति दिवाकरन को 1.5 लाख रुपये, उनके दो चपरासियों गोपाल सिंह और पांडुरंग गुरव को 50,000-50,000 रुपये, और एक सहयोगी सरफराज देशमुख का 2 लाख रुपये का कर्ज माफ किया गया.

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पालतू कुत्ते टिटो के लिए भी इंतजाम

रतन टाटा ने अपने पालतू कुत्ते टिटो की देखभाल के लिए भी खास इंतजाम किया. उन्होंने टिटो के लिए 12 लाख रुपये अलग रखे, जिसमें से हर तिमाही 30,000 रुपये जारी किए जाएंगे. वर्तमान में टिटो की देखभाल राजन शॉ कर रहे हैं.

पड़ोसी का कर्ज भी माफ

टाटा ने अपने एक पड़ोसी, जैक मलीते का भी 23.7 लाख रुपये का कर्ज माफ किया. जैक, जो पहले प्रैट एंड व्हिटनी में कार्यरत थे, अब स्विट्जरलैंड में रहते हैं और उन्होंने वॉरविक बिजनेस स्कूल, यूके से एमबीए किया था.

परिवार और करीबी लोगों के लिए प्रावधान

रतन टाटा ने अपनी संपत्ति का एक-तिहाई हिस्सा, जिसमें शेयर और अचल संपत्ति शामिल नहीं हैं, पूर्व ताज होटल कर्मचारी मोहिनी दत्ता को दिया. उनकी सेशेल्स स्थित 85 लाख रुपये मूल्य की जमीन आरएनटी एसोसिएट्स, सिंगापुर को दी गई.
उनकी दो सौतेली बहनें, शिरीन जीजीभॉय और दीना जीजीभॉय, उनकी बची संपत्ति में से एक-तिहाई-एक-तिहाई की हिस्सेदार होंगी. उनके मित्र, मेहली मिस्त्री को उनका अलीबाग स्थित बंगला दिया गया. टाटा ट्रस्ट्स के ट्रस्टी दारियस खंबाटा को भी उनकी वसीयत के एग्जेक्युशन की जिम्मेदारी दी गई.

वसीयत के कार्यपालकों को भी सम्मान

टाटा ने अपनी वसीयत को लागू करने के लिए अपनी दो बहनों, मेहली मिस्त्री और दारियस खंबाटा को कार्यपालक नियुक्त किया. इन सभी को 5 लाख रुपये की सम्मान राशि भी दी गई.

अंतिम संस्कार की व्यवस्था भी संपत्ति से

रतन टाटा ने अपने अंतिम संस्कार के खर्चों को भी अपनी संपत्ति से वहन करने का निर्देश दिया था. रिपोर्ट के अनुसार, उनके अंतिम संस्कार पर कुल 2,500 रुपये खर्च हुए.
रतन टाटा की यह दरियादिली साबित करती है कि वे केवल एक सफल उद्योगपति ही नहीं, बल्कि एक सच्चे और महान व्यक्ति थे, जिन्होंने अपने आस-पास के लोगों की भलाई को हमेशा प्राथमिकता दी.

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