Ghibli Style Photos का क्रेज : मज़ा या सजा, अपलोड से पहले जान लिजिए आपकी फोटो है कितनी सेफ ?

Ghibli Style Photos : आजकल घिबली स्टाइल  (Ghibli style) में अपनी तस्वीरें बनवाने का क्रेज लोगों के सिर चढ़कर बोल रहा है. नेताओं से लेकर बॉलीवुड स्टार्स और आम लोगों तक, हर कोई सोशल मीडिया पर अपनी AI-जनरेटेड घिबली स्टाइल फोटो शेयर कर रहा है. फेसबुक, इंस्टाग्राम और एक्स जैसे प्लेटफॉर्म्स पर ऐसी तस्वीरों की बाढ़-सी आ गई है. लोग न सिर्फ अपनी, बल्कि अपने बच्चों और पालतू जानवरों की भी ऐसी तस्वीरें बना रहे हैं. लेकिन यह ट्रेंड जितना मजेदार और आकर्षक लगता है, उतना ही जोखिम भरा भी हो सकता है. क्या आपने कभी सोचा कि ये तस्वीरें बनाने के लिए इस्तेमाल होने वाले एआई टूल्स आपका डेटा कहाँ स्टोर करते हैं? और बिना सोचे-समझे अपनी तस्वीरें अपलोड करना कितना सुरक्षित है? आइए, इस ट्रेंड की हकीकत को करीब से समझते हैं.

 
Ghibli Style Photos

Ghibli Style Photos का बुखार: हर कोई है शामिल

जापान के मशहूर स्टूडियो घिबली अब डिजिटल दुनिया में छा गई है. लोग चैटजीपीटी जैसे टूल्स के साथ-साथ Midjourney, DALL-E और ToonMe जैसे एआई ऐप्स का इस्तेमाल कर अपनी तस्वीरों को घिबली स्टाइल में बदल रहे हैं. सोशल मीडिया पर #GhibliStyle और #AIArt जैसे हैशटैग्स के साथ लाखों पोस्ट्स वायरल हो रहे हैं. यह देखने में जादुई और मनोरंजक लगता है, लेकिन इसके पीछे छिपे खतरे पर कम ही लोग ध्यान दे रहे हैं.

लापरवाही पड़ सकती है भारी

एथिकल हैकर मृत्युंजय सिंह बताते हैं कि एआई टेक्नोलॉजी को हल्के में लेना आपके लिए मुसीबत बन सकता है. उन्होंने कहा, "किसी भी एआई प्लेटफॉर्म पर अपनी तस्वीरें अपलोड करने से पहले सौ बार सोचना चाहिए. आपकी एक तस्वीर आपके पूरे डिजिटल जीवन को खतरे में डाल सकती है." कुछ साल पहले Clearview AI नाम की कंपनी पर आरोप लगा था कि उसने बिना इजाजत के सोशल मीडिया और न्यूज़ वेबसाइट्स से 3 अरब से ज्यादा तस्वीरें चुराईं और उन्हें पुलिस व निजी कंपनियों को बेच दिया.

मई 2024 में ऑस्ट्रेलिया की कंपनी Outabox का डेटा लीक हुआ, जिसमें 10 लाख से अधिक लोगों के फेशियल स्कैन, ड्राइविंग लाइसेंस और पते ऑनलाइन लीक हो गए. इस घटना ने हजारों लोगों को पहचान चोरी (Identity Theft) और साइबर फ्रॉड का शिकार बना दिया. मृत्युंजय सिंह ने कहा, "एआई हमारी जिंदगी को आसान बना रहा है, लेकिन यह अनजाने में बड़े जोखिम भी पैदा कर रहा है. हमें खुद सावधान रहना होगा."

आपकी तस्वीर से कोई और कमा रहा मुनाफा

अगर आपको लगता है कि घिबली स्टाइल तस्वीरें सिर्फ मज़े के लिए हैं, तो यह सच नहीं है. Statista की रिपोर्ट के मुताबिक, फेशियल रिकॉग्निशन टेक्नोलॉजी का बाजार 2025 तक 5.73 बिलियन डॉलर और 2031 तक 14.55 बिलियन डॉलर तक पहुँच सकता है. मेटा (फेसबुक) और गूगल जैसी दिग्गज कंपनियों पर पहले भी यूजर्स की तस्वीरों को अपने एआई मॉडल्स को ट्रेन करने के लिए इस्तेमाल करने के आरोप लग चुके हैं.

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PimEyes जैसी वेबसाइट्स आपकी एक तस्वीर से आपकी पूरी ऑनलाइन मौजूदगी (Digital Footprint) खोज सकती हैं. इसका मतलब है कि आपकी तस्वीरें स्टॉकिंग, ब्लैकमेलिंग, या साइबर क्राइम का हथियार बन सकती हैं. एक्सपर्ट्स का कहना है कि आपकी मासूम-सी लगने वाली घिबली स्टाइल तस्वीर किसी और के लिए मुनाफे का सौदा बन सकती है.

खतरे कितने बड़े हैं?

डेटा लीक: आपकी तस्वीरें एआई सर्वर पर स्टोर होती हैं, और अगर वहाँ से डेटा लीक हुआ, तो आप मुश्किल में पड़ सकते हैं.
पहचान चोरी: आपकी तस्वीरों से फर्जी अकाउंट बनाए जा सकते हैं या आपका नाम गलत कामों में इस्तेमाल हो सकता है.
साइबर फ्रॉड: फेशियल डेटा का गलत इस्तेमाल कर आपके बैंक खाते तक पहुँचा जा सकता है.
मृत्युंजय सिंह ने कहा, "सवाल यह नहीं कि एआई कितना उपयोगी है, सवाल यह है कि हम इसे कितनी समझदारी से यूज़ कर रहे हैं। आपकी एक लापरवाही आपको जिंदगीभर का पछतावा दे सकती है."

कैसे रहें सुरक्षित?
इस ट्रेंड का हिस्सा बनने से पहले कुछ सावधानियाँ बरतें-

  • तस्वीरें अपलोड न करें: एआई ऐप्स पर अपनी हाई-क्वालिटी तस्वीरें अपलोड करने से बचें.
  • सोशल मीडिया पर सावधानी: हाई-रिज़ॉल्यूशन फोटो शेयर करने से परहेज करें, खासकर चेहरा साफ दिखने वाली.
  • सुरक्षा बढ़ाएँ: फेस अनलॉक की जगह मजबूत पासवर्ड या पिन यूज़ करें.
  • ऐप्स की जाँच: किसी भी अनजान ऐप को कैमरा या गैलरी एक्सेस देने से पहले उसकी प्राइवेसी पॉलिसी चेक करें.
  • कानूनी माँग: सरकार और टेक कंपनियों से एआई और फेशियल रिकॉग्निशन के दुरुपयोग पर सख्त कानून बनाने की माँग करें.

एथिकल हैकर मृत्युंजस सिंह ने लोगों को सलाह दी है कि, घिबली स्टाइल तस्वीरों का क्रेज़ एक मज़ेदार ट्रेंड से कहीं ज्यादा है—यह एक छिपा हुआ खतरा भी हो सकता है। एआई ने हमारी जिंदगी को आसान बनाया है, लेकिन इसके साथ सतर्कता भी जरूरी है। अगली बार जब आप अपनी तस्वीर को घिबली स्टाइल में बदलने के लिए किसी ऐप पर अपलोड करें, तो सोचें—क्या यह मज़ा आपकी प्राइवेसी और सुरक्षा की कीमत पर तो नहीं आ रहा? स्मार्ट टेक्नोलॉजी के साथ हमें भी स्मार्ट बनना होगा.

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