Pawan Kalyan Tribute Shihan Hussaini : कराटे कोच शिहान हुसैनी नहीं रहे, पवन कल्याण ने बताया कितनी रिक्वेस्ट के बाद हुसैनी ने दी थी ट्रेनिंग
Pawan Kalyan Tribute Shihan Hussaini : तेलुगु एक्टर और आंध्र प्रदेश के उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण ने मशहूर कराटे और तीरंदाजी कोच शिहान हुसैनी के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है. चेन्नई के एक निजी अस्पताल में 25 मार्च की सुबह ब्लड कैंसर से जूझते हुए हुसैनी का निधन हो गया. पवन कल्याण ने दो पन्नों के एक भावुक नोट में हुसैनी को याद करते हुए उनके साथ बिताए पलों और उनकी शिक्षाओं को शेयर किया.

पवन कल्याण ने अपने तेलुगु नोट में लिखा- "फेमस मार्शल आर्ट्स और तीरंदाजी कोच शिहान हुसैनी के निधन की खबर से मैं बेहद दुखी हूँ. मैंने उनसे कराटे सीखा था. चार दिन पहले ही मुझे उनके कैंसर के बारे में पता चला. चेन्नई के दोस्तों की मदद से मैंने उनके परिवार को बताया था कि मैं उन्हें इलाज के लिए विदेशी चिकित्सा केंद्र भेजने की व्यवस्था करूँगा. मैं 29 मार्च को चेन्नई में उनसे मिलने की प्लानिंग भी बना रहा था, लेकिन उनके निधन की खबर ने मुझे तोड़ दिया. मैं भगवान से प्रार्थना करूँगा कि उनकी आत्मा को शांति मिले."
कराटे के दिनों को याद करते हुए
पवन कल्याण ने हुसैनी के साथ अपने ट्रेनिंग के दिनों को याद करते हुए लिखा, "चेन्नई में हुसैनी सख्त नियमों के साथ कराटे सिखाते थे. मैं उनके हर निर्देश का 100 परसेंट पालन करता था. पहले तो उन्होंने मुझे सिखाने से मना कर दिया था. उन्होंने कहा, 'मैं आजकल किसी को नहीं सिखाता, मैं सिखाने में सक्षम नहीं हूँ.' लेकिन मेरे बार-बार रिक्वेस्ट करने पर वे मान गए."
उन्होंने आगे लिखा, "मैं सुबह जल्दी जाता था और शाम तक उनके साथ रहता था ताकि कराटे में 'ब्लैक बेल्ट' हासिल कर सकूँ. जो कुछ भी मैंने उनसे सीखा, उसे मैंने अपनी तेलुगु फिल्म 'थम्मुडु' में इस्तेमाल किया, जिसमें मैंने एक किकबॉक्सर की भूमिका निभाई थी."
हुसैनी का योगदान
पवन कल्याण ने हुसैनी के व्यक्तित्व की सराहना की. उन्होंने लिखा, "हुसैनी के मार्गदर्शन में लगभग 3,000 लोगों ने ब्लैक बेल्ट हासिल किया. अपनी मेहनत से उन्होंने तमिलनाडु में तीरंदाजी को लोकप्रिय बनाया. वे 'द आर्चरी एसोसिएशन ऑफ तमिलनाडु' (TAAT) में शीर्ष पदों पर रहे."
उन्होंने आगे कहा, "हुसैनी सिर्फ मार्शल आर्ट्स और तीरंदाजी तक सीमित नहीं थे. वे संगीत में पारंगत थे, एक बेहतरीन कलाकार और मूर्तिकार थे. उन्होंने कई फिल्मों में अभिनय भी किया. वे मुझे चेन्नई रोटरी क्लब व अन्य सम्मेलनों में अपने साथ ले जाते थे. उन्होंने युवाओं के लिए मार्शल आर्ट्स को सुलभ बनाया. मेडिकल रिसर्च के लिए अपने शरीर को दान करने का उनका फैसला उनके नेक दिल को दर्शाता है. उनके परिवार के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएँ हैं.
हुसैनी का अंतिम संस्कार
हुसैनी का पार्थिव शरीर उनके चेन्नई के बेसेंट नगर स्थित आवास पर रखा गया है. अंतिम संस्कार मंगलवार को शाम 4 बजे रोयापेट्टा में होगा. पवन कल्याण की यह श्रद्धांजलि न केवल उनके निजी रिश्ते को दर्शाती है, बल्कि हुसैनी के समाज में योगदान को भी उजागर करती है.